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शर्मसार करती तस्वीरें: लोग तमाशबीन बने रहे, कुत्ते गर्भवती गाय के शव से बच्चे को निकाल कर खा गए

रेवाड़ी: ये खबर आज के समाज के तथाकथित गौरक्षकों के लिए तमाचे से कम नहीं जो गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग करते हैं... ये खबर उन हुक्मरानों को भी मुंह चिढ़ा रही है जो गाय के नाम पर राजनीति करने से भी नहीं कतराते हैं. जो गाय को माता कहते हैं. ये वहीं देश है जहां गाय के नाम पर किसी इंसान की हत्या तक कर दी जाती है.

कुत्ते गर्भवती गाय के शव से बच्चे को निकाल कर खा गए
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Published : Feb 4, 2019, 3:54 PM IST

रेवाड़ी: ये खबर आज के समाज के तथाकथित गौरक्षकों के लिए तमाचे से कम नहीं जो गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग करते हैं... ये खबर उन हुक्मरानों को भी मुंह चिढ़ा रही है जो गाय के नाम पर राजनीति करने से भी नहीं कतराते हैं. जो गाय को माता कहते हैं. ये वहीं देश है जहां गाय के नाम पर किसी इंसान की हत्या तक कर दी जाती है.

जीं हां, ये वहीं देश है. जहां एक गाय के लिए बवाल मचा दिया जाता है. लेकिन सच्चाई कुछ और है, दरअसल ये तस्वीरें बताती हैं कि यहां एक गर्भवती गाय को सरेराह कुत्ते नोच डालते हैं, उसके कोख से बच्चे को निकाल कर खा जाते हैं और किसी में जरा भी संवेदनशीलता नहीं झलकती. उस मंजर को देखकर किसी को जरा भी सिहरन नहीं होती.

कुत्ते गर्भवती गाय के शव से बच्चे को निकाल कर खा गए, वीडियो
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ये तस्वीरें आपको विचलित जरूर कर सकती हैं, लेकिन भारतीयों में गायों के प्रति आस्था को बनाए रखने के लिए ये खबर दिखाना जरूरी भी है. दिन का वक्त है. रेलवे ट्रैक पर गाय का शव पड़ा हुआ है, जिसे खुंखार कुत्ते नोच रहे हैं. और लोग सारा मंजर देखते हुए भी बेपरवाही से गुजरते रहे. ऊपर से ट्रेनों का भी आवागमन जारी रहा, लेकिन ना तो किसी ने सुध ली... ना ही प्रशासन को सूचना दी गई.

हैरानी की बात तो ये है कि सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिस और कुछ कर्मचारी वहां जरूर पहुंचे. जिन्होंने मृत गाय और उसके कोख से निकले बच्चे को ट्रैक से जरूर हटा दिया, लेकिन किसी ने भी इन्हें यहां से उठाकर दफनाने की जहमत नहीं उठाई, जिसके चलते दिनभर कुत्ते इन्हें नोंचते रहे और हजारों लोग तमाशबीन की तरह यह नजारा देखते रहे. किसी ने देख कर अनदेखा कर दिया तो कोई अपने फेसबुक पोस्ट के लिए फोटो खींच कर चलता बना.

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मौके पर मौजूद क्रिश्चियन समुदाय के साहिल ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिन्हें आगे बढ़कर गौ माता की रक्षा करनी चाहिए थी, वो यहां तमाशबीन बनकर दिनभर यह नजारा देखते रहे, लेकिन किसी को जरा भी दया नहीं आई. सरकार की तरफ से गठित गौ संरक्षण आयोग और लम्बा चौड़ा करोड़ों का बजट कोई काम नहीं आया.

आखिरकार मीडिया के दखल के बाद यहां गौ सेवा समिति के कुछ लोग पहुंचे, जिन्होंने जेसीबी की मदद से गाय को वहां से हटाकर भारतीय संस्कृति के मुताबिक दफनाया गया. इस मामले में गौरक्षक दल के सदस्य भी सफाई देते नजर आए. उनका कहना है कि इस तरह की किसी भी सूचना के बाद वे मौके पर जरूर पहुंचते हैं, लेकिन इस घटना के बारे में उन्हें देर से जानकारी मिली. जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो हिंदू संस्कृति के मुताबिक गाय और उसके बच्चे को दफनाने का काम किया है.

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बेशक ये कहानी सिर्फ एक गाय की है, लेकिन ना जाने कितनी गाय सड़कों पर घूमती मिल जाएंगी. सरकार ने गौ सेवा आयोग भी बनाया है. लंबा चौड़ा बजट भी है. राजनीति भी जमकर होती है. मगर यह एक विडम्बना कहें कि इतनी सारी गौशाला होने के बावजूद गायों की हो रही दुर्गति पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा.

रेवाड़ी: ये खबर आज के समाज के तथाकथित गौरक्षकों के लिए तमाचे से कम नहीं जो गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने की मांग करते हैं... ये खबर उन हुक्मरानों को भी मुंह चिढ़ा रही है जो गाय के नाम पर राजनीति करने से भी नहीं कतराते हैं. जो गाय को माता कहते हैं. ये वहीं देश है जहां गाय के नाम पर किसी इंसान की हत्या तक कर दी जाती है.

जीं हां, ये वहीं देश है. जहां एक गाय के लिए बवाल मचा दिया जाता है. लेकिन सच्चाई कुछ और है, दरअसल ये तस्वीरें बताती हैं कि यहां एक गर्भवती गाय को सरेराह कुत्ते नोच डालते हैं, उसके कोख से बच्चे को निकाल कर खा जाते हैं और किसी में जरा भी संवेदनशीलता नहीं झलकती. उस मंजर को देखकर किसी को जरा भी सिहरन नहीं होती.

कुत्ते गर्भवती गाय के शव से बच्चे को निकाल कर खा गए, वीडियो
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ये तस्वीरें आपको विचलित जरूर कर सकती हैं, लेकिन भारतीयों में गायों के प्रति आस्था को बनाए रखने के लिए ये खबर दिखाना जरूरी भी है. दिन का वक्त है. रेलवे ट्रैक पर गाय का शव पड़ा हुआ है, जिसे खुंखार कुत्ते नोच रहे हैं. और लोग सारा मंजर देखते हुए भी बेपरवाही से गुजरते रहे. ऊपर से ट्रेनों का भी आवागमन जारी रहा, लेकिन ना तो किसी ने सुध ली... ना ही प्रशासन को सूचना दी गई.

हैरानी की बात तो ये है कि सूचना मिलने के बाद रेलवे पुलिस और कुछ कर्मचारी वहां जरूर पहुंचे. जिन्होंने मृत गाय और उसके कोख से निकले बच्चे को ट्रैक से जरूर हटा दिया, लेकिन किसी ने भी इन्हें यहां से उठाकर दफनाने की जहमत नहीं उठाई, जिसके चलते दिनभर कुत्ते इन्हें नोंचते रहे और हजारों लोग तमाशबीन की तरह यह नजारा देखते रहे. किसी ने देख कर अनदेखा कर दिया तो कोई अपने फेसबुक पोस्ट के लिए फोटो खींच कर चलता बना.

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मौके पर मौजूद क्रिश्चियन समुदाय के साहिल ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिन्हें आगे बढ़कर गौ माता की रक्षा करनी चाहिए थी, वो यहां तमाशबीन बनकर दिनभर यह नजारा देखते रहे, लेकिन किसी को जरा भी दया नहीं आई. सरकार की तरफ से गठित गौ संरक्षण आयोग और लम्बा चौड़ा करोड़ों का बजट कोई काम नहीं आया.

आखिरकार मीडिया के दखल के बाद यहां गौ सेवा समिति के कुछ लोग पहुंचे, जिन्होंने जेसीबी की मदद से गाय को वहां से हटाकर भारतीय संस्कृति के मुताबिक दफनाया गया. इस मामले में गौरक्षक दल के सदस्य भी सफाई देते नजर आए. उनका कहना है कि इस तरह की किसी भी सूचना के बाद वे मौके पर जरूर पहुंचते हैं, लेकिन इस घटना के बारे में उन्हें देर से जानकारी मिली. जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो हिंदू संस्कृति के मुताबिक गाय और उसके बच्चे को दफनाने का काम किया है.

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बेशक ये कहानी सिर्फ एक गाय की है, लेकिन ना जाने कितनी गाय सड़कों पर घूमती मिल जाएंगी. सरकार ने गौ सेवा आयोग भी बनाया है. लंबा चौड़ा बजट भी है. राजनीति भी जमकर होती है. मगर यह एक विडम्बना कहें कि इतनी सारी गौशाला होने के बावजूद गायों की हो रही दुर्गति पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा.

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लोग गुजरते रहे, कुत्ते नोंचते रहे...
मगर नहीं पसीजा किसी का भी दिल
8 घन्टे तक तमाशबीन बन नजारा देखते रहे हजारों लोग
पुलिस आई, कर्मचारी आए, लेकिन नहीं ली किसी ने मां-बच्चे की सुध
गौ संरक्षण वाले सरकार के दावे भी हुए हवा हवाई
धरा रह गया सरकार का हजारों करोड़ का बजट
ट्रेन की चपेट में आकर हुई थी गर्भवती गाय की मौत
रेवाड़ी जंक्शन स्थित रेलवे डबल फाटक की घटना
रेवाड़ी 4 फरवरी।
एंकर: लोग गुजरते रहे, कुत्ते नोचते रहे और ऊपर से ट्रेनों का आवागमन भी जारी रहा, लेकिन ना तो किसी ने इन माँ व बच्चे की कोई सुध ली और ना ही शासन व प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी को समझा। इतना ही नहीं, यहां सरकार द्वारा गठित गौ संरक्षण आयोग व लम्बा चौड़ा करोड़ो का बजट यहां कोई काम आया।
ये तस्वीरे आपको विचलित जरूर कर सकती हैं, लेकिन हिंदुओं में गायों के प्रति आस्था को बनाए रखने के लिए ये तस्वीरे दिखाना जरूरी भी है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं ऐतिहासिक रेवाड़ी जंक्शन स्थित रेलवे डबल फाटक की, जहां बीते दिन सुबह ट्रेन की चपेट में आकर एक गर्भवती गाय की दर्दनाक मौत हो गई। गाय के पेट मे बहुत सारी प्लास्टिक की थैलियां भी निकली।
सूचना मिलने के बाद यहां रेलवे पुलिस व कुछ कर्मचारी वहां जरूर पहुंचे, जिन्होंने मृत गाय व उसके अधजनमे बच्चे को ट्रैक से जरूर हटा दिया, लेकिन किसी ने भी इन्हें यहां से उठाकर दफनाने की जहमत नहीं उठाई, जिसके चलते दिनभर कुत्ते इन्हें नोंचते रहे और हजारों लोग तमाशबीन की तरह यह नजारा देखते रहे।
आखिरकार मीडिया के दखल के बाद यहां गौ सेवा समिति के कुछ लोग पहुंचे, जिन्होंने जेसीबी की मदद से गाय को वहां से हटाकर भारतीय संस्कृति के मुताबिक गाय व उसके बच्चे को दफनाया।
मौके पर मौजूद क्रिश्चियन समुदाय के साहिल ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिन्हें आगे बढ़कर गौ माता की रक्षा करनी चाहिए थी, वो यहां तमाशबीन बनकर दिनभर यह नजारा देखते रहे, लेकिन किसी को जरा भी दया नही आई, जिससे मेरा मन बड़ा आहत हुआ है। उसने कहा कि गौ माता सिर्फ हिंदू समुदाय के लिए नही है, बल्कि पूरे भारत मूल के लिए है। देश के सभी लोगो को आगे बढ़कर गौ माता की रक्षा करनी चाहिए।
उसने तो सरकार के उन तमाम दावों पर भी सवाल किया, जिनमें हजारों करोड़ का बजट गौ संरक्षण पर खर्च करने की बाते कही जाती हैं।
वहीं इसे लेकर गौ रक्षक का कहना है कि इस तरह की किसी भी सूचना के बाद वे मौके पर जरूर पहुंचते हैं, लेकिन इस घटना के बारे में उन्हें देर से जानकारी मिली। जैसे ही उन्हें सूचना मिली तो संस्कृति के मुताबिक उन्होंने गाय व उसके बच्चे को दफनाने का काम किया है। मगर यह एक विडम्बना कहें कि इतनी सारी गौशाला होने के बावजूद गायों की हो रही दुर्गति पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा, जोकि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने वाली बात है।
अब देखना होगा कि सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों के लिए सरकार क्या कदम उठाती है या फिर धर्म व आस्था पर यूं ही राजनीति होती रहेगी।
बाइट: टिंकू, प्रधान गौ सेवा समिति
बाइट: साहिल, गौ भक्त क्रिश्चियन
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