रेवाड़ी: देश दुनिया में 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस-डे की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. ईसा मसीह के जन्म उत्सव पर मनाए जाने वाले तीन दिवसीय उत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी गई. ये उत्सव 23, 24 और 25 को मनाए जाएंगे. क्रिसमस के सेलिब्रेशन की शुरुआत बच्चों के कार्यक्रम किया जाता है. उसके बाद 24 मिडनाइट को सर्विस-डे के रूप में मनाया जाता है और 25 दिसंबर को क्रिसमस-डे को सेलिब्रेट किया जाता है.हालांकि इस साल कोरोना की वजह से इस साल पहले की तरह धूमधाम से नहीं मनाया
जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
रेवाड़ी के एतिहासिक सैंट एंड्रयूज चर्च में भी क्रिसमस सेलिब्रेशन शुरू कर दी गई है. सैंट एंड्रयूज चर्च पास्ट्रेट कमेटी के सचिव रवि यूनुस ने बताया कि यहां 24 तारीख की मिडनाइट और 25 तारीख के पहले मिनट से शुरू होते ही कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है और प्रभु यीशु द्वारा दिए गए शांति-अमन-चैन का संदेश हर मनुष्य तक पहुंचाया जाता है.
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बच्चे बना रहे हैं झाकियां
इसी कड़ी में सेंट एंड्रयूज चर्च को ईसाई धर्म के अनुयायियों द्वारा सजाया जा रहा है. शीबा उमरेल और पेरिजा यूनुस प्रभु ईसा मसीह के जन्म स्थान की झाकियां बना रही हैं. दोनों लड़कियां अपने नन्हें हाथों से सुंदर गौशाला तैयार कर रही हैं.
125 साल पुराना है रेवाड़ी का सैंट एंड्रयुज चर्च
आपको बता दें कि रेवाड़ी के कानोड़ गेट स्थित सैंट एंड्रयूज चर्च का निर्माण वर्ष 1895 में 125 साल पहले रेवरेंट थॉमस बिलयम फाउंडर की तरफ से बनाया गया था. इस चर्च का निर्माण ईसाई धर्म के प्रचार प्रसार के मकसद से हुआ था. एक सदी के बाद भी आज ये चर्च क्रिसमस पर जगमग रोशनी में चमकने के लिए तैयार है ताकि प्रभु यीशु का चमकती रोशनी में स्वागत किया जाए, लेकिन कोरोना ने इस बार क्रिसमस को भी फीका कर दिया है. इस बार बहुत कम लोगों के साथ ये त्योहार मनाया जाएगा. इस बार पहले की तरह चर्च में भीड़ नहीं होगी.
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