रेवाड़ी: लॉकडाउन में सबसे बड़ी मार झेल रहे जरूरतमंद परिवारों का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुख की इस घड़ी में जरूरतमंदों को सरकार से बड़ी आस थी. सरकार ने उनका ख्याल रखने के लिए 3 महीने तक फ्री राशन देने की घोषणा भी कर दी, लेकिन गरीबों की एक बड़ी आबादी के पास पहले महीने का ही मुफ्त वाला राशन नहीं पहुंच पाया है.
आपको बता दें कि गरीब परिवार के यह लोग इंस्पेक्टर से लेकर डीएफएससी अधिकारी तक को फोन लगाते रहते हैं. पिछले 3 दिनों से लगातार इंस्पेक्टर लोगों से टरकाते रहे, लेकिन रविवार को भी समय देने के बाद गांव नहीं पहुंचे. उसके बाद पीड़ित लोगों ने डीएफएससी अधिकारी को फोन लगाया, लेकिन अब ग्रामीणों की आवाज सुनते ही फोन काट देते हैं. बताया जाता है कि इंस्पेक्टर प्रभावशाली नेता का चहेता है ऐसे में गरीबों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है.
अप्रैल का फ्री राशन नहीं मिला
रामपुरा के बीपीएल कार्डधारकों का कहना है कि उन्हें अप्रैल माह का फ्री वाला राशन नहीं मिला. कई ऐसे भी लोग थे जिन्हें राशन दिया भी गया, लेकिन यह राशन सरकार की तरफ से मिले राशन से बहुत कम था करीब 40 से ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्हें राशन का एक दाना भी नहीं दिया गया.
लोग डिपो होल्डर को निशाना बना रहे हैं. लोगों का कहना है कि डिपो होल्डर ने उन्हें राशन नहीं दिया, लेकिन शक तो विभाग पर भी है क्योंकि डिपो होल्डर की पिछले 1 सप्ताह से शिकायत करने के बावजूद इंस्पेक्टर से लेकर उच्च अधिकारी तक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि डिपो होल्डर विभाग की मिलीभगत से उनका राशन नहीं दे रहा है.
इंस्पेक्टर की रेंज के सभी एरिया में यही हाल
विभागीय सूत्रों के अनुसार एक ही ट्रैक्टर पर ही विभाग का पूरा दारोमदार है. इंस्पेक्टर पर एक कांग्रेसी नेता और उच्च अधिकारी का आशीर्वाद है इसके मार्फत ही राशन का उठान से लेकर डिपो तक सप्लाई होता है. इंस्पेक्टर के अधीन आने वाले ज्यादातर डिपो पर यही हाल है. फ्री तो छोड़ो लोगों को पैसों में मिलने वाला राशन भी कई स्थानों पर नहीं दिया गया अगर कभी आवाज ऊपर लेकर लेवल पर उठी तो बड़ी चतुराई से डिपो होल्डर की गर्दन पर कैंची चला दी गई.
कार्ड धारकों ने की डिपो रद्द करने की मांग
रामपुरा गांव के बीपीएल परिवारों से संबंध रखने वाले सभी कार्ड धारकों ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है कि डिपो होल्डर की तरफ उन्हें राशन नहीं दिया गया हो, यह तो हर महीने की बात है कि वह कुछ लोगों को राशन देने के बाद सप्लाई खत्म होने की बात कहकर बाकी लोगों को राशन नहीं देता. लोग अब इससे तंग आ चुके हैं क्योंकि यह गरीबों का हक मारता है.
अब डीएफएससी अशोक रावत ने 2 इंस्पेक्टर्स की टीम जय यादव और प्रदीप कुमार को रामपुरा गांव भेज कर सभी हालातों की जानकारी जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है. देखना होगा कि यह जांच उन बीपीएल परिवारों को राशन मुहैया करवा पाएगी जिनको इसकी जरूरत है.
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