रेवाड़ीः प्रदेश में सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए खेती में जोखिम को कम करने के लिए सरकार ने 1 जनवरी 2018 को भावांतर भरपाई योजना की शुरूआत की. जैसा कि नाम से ही आप समझ रहे होंगे की. इस योजना में भाव के अंतर की भरपाई की जाती है. इसके तहत सरकार 8 सब्जियों और 2 फलों की कीमतों के लिए एक निर्धारित रेट तय करती है और किसान को मंडी में यदि निर्धारित रेट से कम कीमत मिलती है, तो सरकार उसकी भरपाई करती है.
क्या है योजना ?
सरकार ने यह योजना उस अवधि के लिए चलाई है, जब किसानों की सब्जी की फसल का उत्पादन अपने चरम पर होता है और मार्केट में सब्जियों की आवक तेज होती है. इस दौरान सब्जी की कीमत कम हो जाती है. जिससे किसानों को कई बार अपनी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है. इस जोखिम को कम करने के लिए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना चलाई है और सरकार की ओर से निर्धारित अवधि के दौरान मंडी में फसल की ब्रिकी पर किसान को यदि नुकसान होता है. तो किसान को मिलने वाले दाम और किसान के लागत की बीच के अन्तर का जो नुकसान होता है. सरकार उसकी भरपाई करती है.
योजना में शामिल सब्जियों की फसलें
1 जनवरी 2018 को जब योजना की शुरूआत हुई तो सरकार ने इसमें आलू, प्याज, टमाटर और फूल गोभी को शामिल किया था. लेकिन 13 नवंबर 2019 को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इस योजना का विस्तार किया और इसमें चार और सब्जियों बैंगन, गाजर, शिमला मिर्च, मटर और दो फलों अमरूद और किन्नू को भी शामिल किया गया.
फसल का नाम | संरक्षित मूल्य(रुपये प्रति क्विंटल ) | उत्पादन(क्विंटल प्रति एकड़) |
आलू | 500 | 120 |
प्याज | 650 | 100 |
टमाटर | 500 | 140 |
फूल गोभी | 750 | 100 |
बैंगन | 500 | - |
किन्नू | 1180 | 104 |
गाजर | 700 | 100 |
मटर | 1180 | 50 |
शिमला मिर्च | 900 | - |
अमरूद | 1300 | - |
ये भी पढ़ेंः- ट्रेंच विधि से करें गन्ने की खेती, कम लागत में कमाएं ज्यादा मुनाफा
कैसे ले सकते हैं योजना का लाभ ?
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को बिजाई अवधि के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाईट पर बागवानी भावान्तर (BBY) ई-पोर्टल से रजिस्ट्रेशन कराना होता है. जिसके लिए किसान के पास आधार कार्ड, बैंक के पासबुक की प्रति और जिस जमीन में फसल की खेती की गई है, उससे संबंधित किला नंबर, खसरा नंबर, खेवट नंबर होना जरूरी है.
इसके बाद बागवानी विभाग रजिस्ट्रेशन करा चुके किसानों के खेत के एरिया सत्यापन करता है. बागवानी विभाग अगर खेत के एरिया के सत्यापन में कोई गलती करता है तो किसान इसके खिलाफ अपील भी दायर कर सकता है.
रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है. किसान एक निर्धारित अवधि के दौरान ही रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके लिए सर्व सेवा केंद्र/ई-दिशा केंद्र/मार्किटिंग बोर्ड/ बागवानी विभाग/कृषि विभाग और इन्टरनेट कियोस्क पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध रहती है.
वहीं फसल के खेत के एरिया का सत्यापन और सत्यापन को लेकर अपील और फसल की बिक्री सभी का समय तय होता है. इसी के तहत योजना का लाभ किसान को मिल पाता है.
फसल का नाम | रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख |
आलू | 15 दिसंबर 2019 |
गोभी | 15 दिसंबर 2019 |
गाजर | 15 दिसंबर 2019 |
मटर | 15 दिसंबर 2019 |
किन्नू | 15 दिसंबर 2019 |
प्याज | 15 फरवरी 2020 |
टमाटर | 15 फरवरी 2020 |
शिमला मिर्च | 15 मार्च 2020 |
बैंगन | 15 मार्च 2020 |
अमरूद | 15 मई 2020 |
कैसे मिलता है योजना का लाभ ?
- योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहन के लिए जे-फार्म पर बिक्री करनी होती है.
- जे-फार्म पर बिक्री के बाद बिक्री विवरण भावांतर भरपाई योजना ई-पोर्टल पर अपलोड होता है, जिसके लिए प्रत्येक संबंधित मार्केट कमेटी के कार्यालय में सुविधा उपलब्ध रहती है.
- बिक्री की अवधि के दौरान यदि फसल उत्पादन का थोक मूल्य संरक्षित मूल्य से कम मिलता है, तो किसान भाव के अंतर की भरपाई के लिए पात्र होगा.
- जे-फार्म पर बिक्री और निर्धारित उत्पादन प्रति एकड़ (जो भी कम होगा) उसको भाव के अंतर से गुना करने पर प्रोत्साहन देय होगा.
- प्रोत्साहन राशि किसान के आधार लिंकड बैंक खाते में बिक्री के 15 दिन के अन्दर जारी कर दी जाएगी.
- हरियाणा राज्य कृषि वितरण बोर्ड द्वारा किसानों के खाते में भरपाई की राशि दी जाती है.
- औसत दैनिक थोक मूल्य मण्डी बोर्ड द्वारा चिन्हित मण्डियों के दैनिक भाव के आधार पर निर्धारित किया जाएगा.
- किसान को इस योजना लाभ तभी मिलता है, जब वो तय की गई अवधि के अंतर्गत अपने फसल की बिक्री करता है.
रेवाड़ी में विभाग चला रहा अवयरनेस कैंपेन
भावांतर भरपाई योजना को लेकर जिला बागवानी विभाग रेवाड़ी की ओर से गांव में जागरूकता कैंपेन चलाया जा रहा है. अवेयरनेस कैंपेन हर ब्लॉक में चलाए जा रहे हैं. नवंबर में बागवानी विभाग की ओर से नाहड़ और जाटूसाना ब्लॉक में किसानों को योजना का जानकारी दी गई थी. दिसंबर के महीने में बागवानी विभाग ने कोल और ढैहना ब्लॉक में अवेयरनेस कैंपेन चलाया है. वहीं जिला बागवानी अधिकारी का कहना है कि जनवरी में विभाग बावल और रेवाड़ी ब्लॉक को कवर करेगा. अवेयरनेस कैंपेन के दौरान कृषि विभाग, बागवानी विभाग और मार्केट कमेटी के अधिकारी मौजूद रहते हैं और किसानों को योजना के बारे में और कैसे योजना का लाभ ले सकते हैं उसकी जानकरी दी जाती है.
रेवाड़ी जिले में अभी तक 484 किसानों ने भावांतर भरपाई योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया है और पिछले साल कुछ किसानों के टमाटर के फसल में नुकसान उठाने पर उसकी भरपाई की गई थी.
ईटीवी भारत लोगों तक पहुंचा रहा योजना की जानकारी
देश और प्रदेश की सरकारें लोगों के लिए योजनाएं तो बनाती है. लेकिन वो लोगों तक नहीं पहुंच पाती. यहीं हाल भावांतर भरपाई योजना का भी हो रहा है. अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजना दम तोड़ती नजर आ रही है, लेकिन अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए ईटीवी भारत ने किसानों तक इस योजना को पहुंचाने का का बीड़ा उठाया है.
ये भी पढ़ेंः- खर्चा कम मुनाफा ज्यादा, फूलों की खेती से खुशबू के साथ मोटी कमाई