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रेवाड़ीः दलित महिला को मंदिर की देहरी भी नहीं चढ़ने दी, भंडारे का सामान भी भरकर ले गए

जिले में दलित परिवार के मंदिर में भंडारा करने को लेकर कुछ दंबगों ने ऐतराज जताया और हंगामा किया. जिसके बाद से जिले में भारी पुलिस बल तैनात है.

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Published : Jun 18, 2019, 8:15 PM IST

दंबग लोगों ने दलित परिवार को नहीं करने दिया भंडारा

रेवाड़ी: जात-पात की जड़ें आज भी हमारे समाज को खोखला कर रही हैं. ऐसा ही मामला जिले के नैनसुखपुरा गांव से सामने आया है. जहां मंदिर में भंडारा करवाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया

दबंगों ने किया हंगामा
बता दें कि गांव नैन में विजय पाल ने बाबा भैनिया से मन्नत मांगी थी कि उसकी बेटी ठीक हो जाएगी तो वो भंडारा करवाएंगे. लेकिन विजयपाल के भंडारा करने पर गांव के ही कुछ दबंगों को ऐतराज था. इसके बाद पंचायत करके दोनों पक्षों में सुलह करवाई गई कि आपस में पैसे मिलाकर भंडारा किया जाएगा. जिसके बाद रविवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भंडारा तैयार करवाया गया.

क्लिक कर देखें वीडियो

पुलिस ने हंगामे को कराया शांत
लेकिन जैसे ही वाल्मीकि परिवार की महिलाएं प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर में चढ़ीं तो दबंग लोगों ने रोक दिया. मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी में महिलाओं ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाया. जिसके बाद दबंगों ने हंगामा शुरू कर दिया और भंडारे का प्रसाद गौशाला भिजवा दिया. जिसके बाद किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत करवाया.

क्यों लोगों को जात-पात के नाम पर बांटा जा रहा ?
हालांकि इस पूरे मामले पर वाल्मिकी परिवार ने कोई मामला दर्ज नहीं करवाया है. फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है. लेकिन समाज में उठते ऐसे मामले हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि 21वीं सदी में पहुंचकर भी हमारी सोच रूढ़िवादी क्यों है? क्यों हम जात-पात के आधार पर इंसानों को बांट रहे हैं.

रेवाड़ी: जात-पात की जड़ें आज भी हमारे समाज को खोखला कर रही हैं. ऐसा ही मामला जिले के नैनसुखपुरा गांव से सामने आया है. जहां मंदिर में भंडारा करवाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया

दबंगों ने किया हंगामा
बता दें कि गांव नैन में विजय पाल ने बाबा भैनिया से मन्नत मांगी थी कि उसकी बेटी ठीक हो जाएगी तो वो भंडारा करवाएंगे. लेकिन विजयपाल के भंडारा करने पर गांव के ही कुछ दबंगों को ऐतराज था. इसके बाद पंचायत करके दोनों पक्षों में सुलह करवाई गई कि आपस में पैसे मिलाकर भंडारा किया जाएगा. जिसके बाद रविवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भंडारा तैयार करवाया गया.

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पुलिस ने हंगामे को कराया शांत
लेकिन जैसे ही वाल्मीकि परिवार की महिलाएं प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर में चढ़ीं तो दबंग लोगों ने रोक दिया. मौके पर पुलिस बल की मौजूदगी में महिलाओं ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाया. जिसके बाद दबंगों ने हंगामा शुरू कर दिया और भंडारे का प्रसाद गौशाला भिजवा दिया. जिसके बाद किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत करवाया.

क्यों लोगों को जात-पात के नाम पर बांटा जा रहा ?
हालांकि इस पूरे मामले पर वाल्मिकी परिवार ने कोई मामला दर्ज नहीं करवाया है. फिर भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है. लेकिन समाज में उठते ऐसे मामले हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि 21वीं सदी में पहुंचकर भी हमारी सोच रूढ़िवादी क्यों है? क्यों हम जात-पात के आधार पर इंसानों को बांट रहे हैं.

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दलित परिवार का मंदिर में चढ़ने पर हुआ विवाद...
प्रसाद के लिए बनाया गया हलवा-पूरी पहुंचाया गौशाला
गांव के दबंग लोगों को दलित परिवार का भंडारे पर था ऐतराज
झगड़े की आशंका के चलते लिखित शिकायत देकर दलित परिवार ने मांगी थी पुलिस सुरक्षा
गांव नैनसुखपुरा गांव का मामला, पुलिस जांच में जुटी
रेवाड़ी, 18 जून।
एंकर---रेवाड़ी में दलित परिवार को मंदिर में भंडारा करने को लेकर विवाद हो गया। समझोते के बाद भंडारे के लिए प्रसाद बनाया भी गया लेकिन दलित परिवार ने जैसे ही मंदिर में प्रसाद चढ़ाया तो दबंग लोगों ने हंगामा कर दिया और बना बनाया प्रसाद ट्रेक्टर में भरकर गौशाला भिजवा दिया गया। इस पुरे मामले के दौरान गांव में पुलिस भी मौजूद रही।
----आपको बता दें की ये पूरा मामला रेवाड़ी के गांव नैन सुखपुरा का है। जहां विजय पाल नाम के एक बाल्मीकि परिवार ने बाबा भईया से मनत मांगी थी की उसकी बेटी ठीक हो जायेगी तो वो भंडारा करेगा।लेकिन विजयपाल के भंडारा करने पर गांव के ही कुछ दबंग लोगों को एतराज था। लिहाजा बाल्मीकि परिवार अपनी फ़रियाद लेकर एक दिन पहले जाटूसाना पुलिस थाने पहुंचा था जहां पंचायत करके दोनों पक्षों में सहमती बनी की आपस में पैसे मिलाकर भंडारा किया जायेगा। जिसके बाद आज रविवार को सुबह सुरक्षा के लिहाज से गाँव में पुलिस बल तैनात रहा और भंडारा बनाया गया। लेकिन जैसे ही बाल्मीकि परिवार की महिलाएं प्रसाद चढ़ाने के लिए मंदिर में चढ़ी तो दबंग लोगों ने रोक दिया। कहने लगे कि बाहर से ही हाथ जोड़कर अपनी फ़रियाद कर भगवान को याद कर लो अंदर जाने की इजाज़त नही है। लेकिन मौके पर मौजूद एसएचओ ने प्रसाद महिलाओ को मंदिर में चढ़ाने की अनुमति दी और दलित महिलाओं ने प्रसाद चढ़ाया। जिसके बाद दबंग लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। 
----मामला गरमाता देख दलित परिवार को खुद पुलिस घर छोड़ आई, दबंग लोगों ने बनाये गए पुरे प्रसाद को पुलिस की मौजूदगी में  ट्रेक्टर में भरकर गौशाला में भेज दिया। जबकि बनाये गुए भंडारे में गांव के लोगों के साथ-साथ बाल्मीकि परिवार ने भी दस हजार रूपए का दान दिया था। गांव में तनाव की स्थिति को भांपते हुए बड़ी संख्या में पुलिस गांव में मौजूद रही और गांव में गस्त भी करती रही। बहराल मामला शांत करा दिया गया और सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल गांव में तैनात है। बाल्मीकि परिवार की तरफ से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। इसलिए पुलिस ने भी आगे कोई कार्रवाही नहीं की है।
बाइट---विजय पाल।
बाइट--विजय पल की पत्नी।


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