रेवाड़ी: जिले के कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की हालत खराब हो चुकी है. ये सरकारी स्कूल कई सालों पुराना है. ना तो यहां पीने के लिए पानी है और ना ही छात्राओं के लिए शौचालय. स्कूल की इमारत भी जर्जर हो चुकी है. हालात ये हैं कि स्कूल की इमारत की छत की पपड़ी भी टूटकर गिरने लगी है. पहले इस स्कूल में करीब साढ़े 3 हज़ार छात्राएं आती थीं, जिनकी संख्या अब घटकर मात्र 15 सौ ही रह गई हैं.
जर्जर इमारत में पढ़ने को मजबूर छात्राएं
हालांकि ये स्कूल 12वीं कक्षा तक है लेकिन जर्जर कमरों के चलते यहां सिर्फ 9वीं कक्षा तक ही छात्राएं पढ़ती हैं. 10वीं से 12वीं क्लास की छात्राओं को स्कूल से दूर सेक्टर-4 जाना पड़ता है. सेक्टर-4 तक पहुंचने के लिए ऑटो करना पड़ता है इसको लेकर छात्राएं कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुकी है. छात्राओं का कहना है कि वो गरीब परिवार से संबंध रखती है. इसलिए ऑटो का किराया वहन नहीं कर सकती. दूसरा उन्हें सुरक्षा संबंधी समस्या भी रहती है.
स्कूल में नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं
स्कूल में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने की वजह से छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल की छात्राओं का कहना है कि यहां पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी मुकेश यादव का कहना है कि इस फाइल को 10 से 15 दिनों के भीतर पास करवा लिया जाएगा और उसके बाद जल्द ही स्कूल को मॉडर्न बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
सरकार ने इमारत को कर रखा है कंडम घोषित
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार ने अपने रिकॉर्ड में इस सरकारी स्कूल के भवन को कंडम घोषित कर रखा है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां पाठशाला लगाई जा रही है. हालात इस कद्र है कि छात्राओं को नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है. ऊपर से प्लास्टर झड़ कर नीचे गिर जाता है. स्कूल के कमरों की खिड़की में दरवाजों ही नहीं है. बारसात के दिनों में तो कमरों में पानी भर जाता है. यही नहीं पर्याप्त कमरे ने होने के कारण स्कूल को दो शिफ्टों में लगाना पड़ता है.
स्कूल को मॉडर्न बनाने के लिए हो चुका है 10 करोड़ 44 लाख का आवंटन
गौरतलब है पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने 18 कमरों का तीन मंज़िला मॉडर्न भवन बनाने के लिए 10 करोड 40 लाख 44 हज़ार का बजट आवंटित किया था, लेकिन चार साल से इस स्कूल को मॉडर्न बनाने वाली फाइल सिर्फ एक टेबल से दूसरी टेबल के चक्कर काट रही है. शिक्षा मंत्री की घोषणा मात्र घोषणा ही रह गई.
ये भी जानें- पलवल में गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी तेज, 24 जनवरी को होगी फुल ड्रेस रिहर्सल
जिला शिक्षा अधिकारी ने किया ये दावा
जो काम पिछले चार साल से नहीं हुआ, वो काम शिक्षा अधिकारी मुकेश यादव कैमरे के सामने महज 15 दिनों में पूरा करने का दावा कर रहे हैं. बेहद चिंताजनक हैं. अगर सरकारी व्यवस्थाओं की ऐसी स्थिति होगी तो देश की बेटी ऐसे कैसे आगे बढ़ेगी.