रेवाड़ी: हरियाणा के बहुचर्चित नारनौल जेल रिश्वत कांड में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने फरार चल रहे जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा (Rewari Jail Superintendent Anil Kumar) और डिप्टी जेलर कुलदीप हुड्डा के दूसरी बार कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी कराए हैं. साथ ही 11 जनवरी तक हर हाल में इस केस की जांच में शामिल होने के लिए उनके घर और जेल परिसर में नोटिस भी चस्पा किया गया है. हालांकि विजिलेंस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी दोनों ही जेल अधिकारी ना तो खुद विजिलेंस के सामने पेश हुए और ना ही अभी तक विजिलेंस अभी तक उनके ठिकाने तक पहुंच पाई है.
बता दें कि, नारनौल और रेवाड़ी दोनों जेल में अपराधियों से पैसा लेने का खेल काफी पुराना चल रहा है, जिसकी जानकारी विजिलेंस ब्यूरो को काफी पहले से मिली हुई थी. इसी जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए 9 दिसंबर को विजिलेंस गुरुग्राम यूनिट ने नारनौल जेल में रेड की थी. उस वक्त जेल वार्डन राजन को एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. रिश्वत की रकम हरियाणा-राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर के खास गुर्गे के भाई से ली गई थी.
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उस वक्त जेल के अन्य वार्डन गजे सिंह का नाम भी सामने आया था. विजिलेंस टीम ने गजे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था. दोनों से सख्ती से हुई पूछताछ के बाद नारनौल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा और नारनौल जेल का अतिरिक्त कामकाज देख रहे रेवाड़ी जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार का नाम भी सामने आया. विजिलेंस टीम ने 7-पीसी एक्ट के तहत दर्ज की गई एफआईआर में जेल वार्डन राजन और गजे सिंह के अलावा नारनौल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा को नामजद किया है. उनकी गिरफ्तारी को लेकर भी विजिलेंस टीम लगातार छापेमारी कर रही है.
बीती 15 दिसंबर को भी रेवाड़ी जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा की गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस ने रेवाड़ी (Vigilance Raid in Rewari) स्थित उनके सरकारी आवास पर रेड मारी थी. तब वह रेड लीक होने के चलते पहले ही वहां से फरार हो गए थे. इसका खामियाजा तत्कालीन विजिलेंस इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंशन के रूप में भुगतना पड़ा था. बाद में इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा को अनुसंधान का कार्यभार दे दिया गया था.
इसी मामले में डिप्टी जेलर कुलदीप सिंह हुड्डा ने 14 दिसंबर को 10 दिन की छुट्टी पूरी होने के बाद आगामी 1 सप्ताह के लिए जो मेडिकल लिव लगाई थी, उसे अस्वीकृत कर दिया गया है. हुड्डा ने नारनौल अदालत में जो अग्रिम जमानत लगाई थी, वह भी खारिज हो चुकी है. अब दोनों ही आरोपी जेल अधिकारी न तो ड्यूटी पर हाजिर हो रहे हैं और न ही तफ्तीश में शामिल हो रहे हैं. जबकि विजिलेंस ने दोनों के खिलाफ 11 जनवरी तक के लिए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल कर लिए हैं. विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने बताया कि दोनों ही आरोपी अब तक फरार बने हुए हैं और जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं. इसी कारण गिरफ्तारी वारंट हासिल किया गया है. इनके घरों एवं कार्यालयों पर तफ्तीश में शामिल होने के नोटिस भी दिए गए हैं.
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