रेवाड़ी: नारनौल स्थित नसीबपुर जेल के सुपरिटेंडेंट अनिल जांगड़ा और डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा की गिरफ्तारी का वारंट जारी हो गया (Arrest Warrant against Naseebpur Jail Superintendent) है. ये वारंट स्टेट विजिलेंस ने जारी किया है. दोनों पर एक लाख की रिश्वत लेने का आरोप है. इसके अलावा जेल सुप्रिटेंडेंट की गिरफ्तारी के मामले में चूक होने पर इस केस को लीड करने वाले नूहं विजिलेंस के इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है.
विजिलेंस ने सुपरिटेंडेंट और डिप्टी सुपरिटेंडेंट के घर के अलावा रेवाड़ी और नारनौल दोनों जेल में नोटिस चस्पा कर दिया है. इस नोटिस के जरिए उन्हें इस केस की जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. अगर दोनों अधिकारी खुद जांच में शामिल नहीं हुए तो फिर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. यही नहीं वहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी हाजिर होने पर जांच में शामिल कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
विजिलेंस दूसरी तरफ सूत्रों के जरिए दोनों के संभावित ठिकानों पर भी निगरानी रखे हुए है ताकि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके. बता दें कि इससे पहले स्टेट विजिलेंस की टीम ने 15 दिसंबर को इंस्पेक्टर अजीत सिंह के नेतृत्व में रेवाड़ी स्थित जेल अधीक्षक अनिल जांगड़ा के घर रेड किया (Vigilance Raid in Rewari) था. हालांकि इस रेड की जानकारी लीक होने की वजह से जेल अधीक्षक अनिल अलसुबह से ही अंधेरे में घर से फरार हो गए.
बताया जा रहा है कि रेड की जानकारी लीक होने के साथ ही सर्च वारंट लेने में भी अजीत सिंह से चूक हो गई. जबकि जेल सुपरिटेंडेंट उस रात अपने घर पर होने के बावजूद वहां से फरार होने में कामयाब हो गए. इसके चलते इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. रिश्वत कांड की जांच का जिम्मा अब विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा को दिया गया है. विजिलेंस इंस्पेक्टर नवल किशोर शर्मा ने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट और डिप्टी जेलर को जांच में शामिल कराने के लिए उनके घरों एवं जेल में नए नोटिस लगा दिए गए हैं साथ ही गिरफ्तारी वारंट भी ले लिया गया है.
क्या है मामला
बता दें कि, नारनौल की नसीबपुर जेल (Nassebpur Jail Narnaul) और रेवाड़ी दोनों जेल में अपराधियों से पैसा लेने का खेल काफी पुराना चल रहा (Narnaul Jail Bribe Case) है, जिसकी जानकारी विजिलेंस ब्यूरो को काफी पहले से मिली हुई थी. इसी जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए 9 दिसंबर को विजिलेंस गुरुग्राम यूनिट ने नारनौल जेल में रेड की थी. उस वक्त जेल वार्डन राजन को एक लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था. रिश्वत की रकम हरियाणा-राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर के खास गुर्गे के भाई से ली गई थी.
उस वक्त जेल के अन्य वार्डन गजे सिंह का नाम भी सामने आया था. विजिलेंस टीम ने गजे सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था. दोनों से सख्ती से हुई पूछताछ के बाद नारनौल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा और नारनौल जेल का अतिरिक्त कामकाज देख रहे रेवाड़ी जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार का नाम भी सामने आया. विजिलेंस टीम ने 7-पीसी एक्ट के तहत दर्ज की गई एफआईआर में जेल वार्डन राजन और गजे सिंह के अलावा नारनौल जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट कुलदीप हुड्डा को नामजद किया है.
विवादित रहा जेल सुपरिटेंडेंट का सफर
नारनौल की नसीबपुर के जेल सुपरिटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा (Rewari Jail Superintendent Anil Kumar) के पास रेवाड़ी जेल का भी अतिरिक्त चार्ज है. सुपरिटेंडेंट की जहां भी पोस्टिंग रही उनके साथ विवाद जुड़ते रहे. ये वही अनिल कुमार हैं, जिनका नाम एसआरएस ग्रुप के जिंदल से कथित तौर पर जेल में उगाही करने में जुड़ा था. बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में हुई करोड़ों रुपए की चोरी के आरोपी डॉ. सचिन्द्र जैन उर्फ नवल के साथ भी अनिल कुमार से अच्छे संबंध हैं. अनिल कुमार का नाम गुरुग्राम के छैलू हत्याकांड में भी उछला था, बकायदा उस समय नार्को टेस्ट भी हुआ था. अनिल कुमार के खिलाफ फरीदाबाद में दुष्कर्म के आरोप की जांच भी लंबित बताई जा रही है. आरोप जेल में बंद एक महिला बंदी ने लगाए थे.
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