रेवाड़ी: शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई. बजट सत्र के पहले दिन रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने हरियाणा में प्रस्तावित एम्स के निर्माण को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछा. जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि जल्द ही रेवाड़ी में एम्स का निर्माण शुरू हो जाएगा. इसपर कांग्रेस विधायक ने कहा कि साल 2015 में इसकी घोषणा की थी. अब 2024 आने वाला है. अभी भी यही जवाब दिया जा रहा है.
इस पर सीएम ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है कि चारदीवारी का काम शुरू हो चुका है. बता दें कि हरियाणा में एम्स की स्थापना के लिए रेवाड़ी जिले के माजरा भालखी गांव की 210 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि लीज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को देने के लिए प्रशासनिक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है. ये भूमि एक रुपये प्रति वर्ष एकड़ की दर से 99 वर्षों तक के लिए देने का प्रस्ताव है.
एम्स संघर्ष समिति मनेठी के सचिव ओमप्रकाश सैन ने बताया कि एम्स संघर्ष समिति मनेठी व आसपास क्षेत्र के ग्रामीणों ने मनेठी में एम्स के निर्माण को लेकर 127 दिनों तक धरना व भूख हड़ताल की थी. 1 अक्टूबर 2018 धरना प्रदर्शन शुरू किया था, जो 5 फरवरी 2019 को खत्म हुआ था. इसमें 1 नवंबर 2018 से 2 फरवरी 2019 तक 94 दिन तक सांकेतिक भूख हड़ताल चली थी. 5 फरवरी 2019 को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह व सहकारिता मंत्री डॉक्टर बनवारीलाल ने धरना स्थल पर जाकर जूस पिलाकर ग्रामीणों का धरना खत्म करवाया था.
इसके बाद 12 फरवरी 2019 को कुरुक्षेत्र में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेवाड़ी जिले के मनेठी में 22वां एम्स बनाने की घोषणा की थी. साल 2015 में हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव मनेठी में देश के 22वें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का निर्माण करने की घोषणा सरकार की तरफ से की गई थी. उसके बाद यहां जमीन ना मिलने के कारण इसे माजरा-भालखी में बनाने की योजना तैयार की गई. 20 अक्टूबर 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम ने 203 में से 189 एकड़ भूमि पर कब्जा ले लिया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 फरवरी 2019 को संसद में पेश किए गए अपने बजट अभिभाषण में हरियाणा में एक एम्स स्थापित करने की घोषणा की गई थी और प्रदेश सरकार ने राज्य में एम्स की स्थापना के लिए निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एम्स की स्थापना की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी जमीन सौंपने का निर्णय लिया है.
बताया जा रहा है कि गांव माजरा-भालखी में प्रस्तावित एम्स में 750 बिस्तर होंगे. इसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज सहित आईसीयू स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट सहित करीब 1500 व्यक्तियों को प्रतिदिन ओपीडी में देखने की सुविधाएं होंगी. इसके अलावा प्राइवेट वार्ड, ट्रॉमा बेड व आयुष बेड की सुविधाएं भी कैंपस में मिलेंगी. कैंपस में नाइट शेल्टर, गेस्ट हाउस, ऑडिटोरियम, हॉस्टल व रिहायशी सुविधाएं भी दी जाएगी.
एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं के बढ़ोतरी के साथ मेडिकल एजुकेशन, नर्सिंग और स्वास्थ्य संबंधित रिसर्च अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा. सबसे रोचक बात ये है कि वर्ष 2015 में 4 जुलाई को मुख्यमंत्री ने बावल में आयोजित रैली में मनेठी गांव में एम्स बनाने की घोषणा की थी, लेकिन मनेठी द्वारा दी जाने वाली जमीन अरावली क्षेत्र में आने से वहां एम्स नहीं बन सकता था. इसके लिए माजरा के ग्रामीणों ने पहल करते हुए सरकार को अपनी जमीन 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार के नाम करवा दी. करीब 7 साल बाद 7 जुलाई 2022 को इसकी रजिस्ट्री शुरू की गई.