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रेवाड़ी में उपायुक्त की बड़ी कार्रवाई, 19 पंचायतों के खाते सील

रेवाड़ी जिले में स्वागत द्वार लगाने में बरती गईं अनियमितता को लेकर जिला उपायुक्त ने कार्रवाई करते हुए 19 पंचायतों के खातों को सील कर दिया है. इन पंचायतों के खातों से आगामी आदेशों तक कोई लेन-देन नहीं किया जा सकता है.

19 bank account seal of rewari panchayat
स्वागत द्वार
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Published : Jan 19, 2020, 10:05 PM IST

रेवाड़ी: जिले में विभिन्न पंचायतों द्वारा बगैर बजट के ही स्वागत बोर्ड लगाकर करोड़ों रुपये की बंदरबांट का मामला सामने आया है. पीडब्लयूडी की सड़कों पर पंचायतों ने स्वागत बोर्ड नहीं लगाने के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए 3 से 4 लाख रुपये कीमत के बोर्ड लगाकर 2 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का पंचायतों ने अपने फंड से भुगतान भी कर दिया.

पंचायतों के खाते सीज किए गए
प्रशासन द्वारा जब रेवाड़ी खंड की पंचायतों से इन बोर्ड की जानकारी मांगी तो पाया कि 19 पंचायतों ने नियम विरूद्ध भुगतान किया है, जिसके बाद इन पंचायतों के खाते सीज कर दिए गए हैं. फिलहाल इन पंचायतों के खाते से आगामी आदेशों तक कोई लेन-देन नहीं किया जा सकता है. जिन पंचायतों पर कार्रवाई की गई है. ये सभी रेवाड़ी खंड की हैं.

रेवाड़ी में 19 पंचायतों के खाते सील

नियम के विरूद्ध लगे बोर्ड?

जिला प्रशासन को रेवाड़ी खंड की कई पंचायतों की ये शिकायत मिली थी कि काफी सरपंचों ने नियम विरूद्ध जाकर पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर साइन बोर्ड लगवा दिए हैं. सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार कोई भी सरपंच पंचायत फंड से अपने नाम तथा पंचायत सदस्यों के नाम से बोर्ड नहीं लगा सकता है और न ही गांव का स्वागत बोर्ड लगवा सकता है.

हालांकि प्रशासन को जो शिकायतें मिली थीं. उनमें सरपंचों के नाम के बोर्ड को लेकर थी. लेकिन जब इन शिकायतों की जांच की तो बात सरपंचों के नाम के बोर्ड तक नहीं अपितु पंचायतों ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर भी बड़े बोर्ड लगवाए हैं जिनकी कीमत भी लाखों रुपये में है.

भुगतान की जांच की जाएगी

इसके बाद रेवाड़ी बीडीपीओ की तरफ से सभी पंचायतों से इस बाबत जानकारी मंगाई तो पता चला कि 19 पंचायतों ने ये बोर्ड लगवाए हैं और इनका भुगतान भी कर दिया है. जिसके बाद डीडीपीओ की तरफ से सभी 6 खंड की पंचायतों से इस बाबत रिपोर्ट तलब की है जिसके बाद इन खंडों की पंचायत द्वारा किए गए भुगतान की जांच की जाएगी.

ये भी पढ़ें- रणजीत चौटाला के घर पहुंचे ओडिशा के राज्यपाल, महामहिम बोले- ये कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं

रेवाड़ी: जिले में विभिन्न पंचायतों द्वारा बगैर बजट के ही स्वागत बोर्ड लगाकर करोड़ों रुपये की बंदरबांट का मामला सामने आया है. पीडब्लयूडी की सड़कों पर पंचायतों ने स्वागत बोर्ड नहीं लगाने के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए 3 से 4 लाख रुपये कीमत के बोर्ड लगाकर 2 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि का पंचायतों ने अपने फंड से भुगतान भी कर दिया.

पंचायतों के खाते सीज किए गए
प्रशासन द्वारा जब रेवाड़ी खंड की पंचायतों से इन बोर्ड की जानकारी मांगी तो पाया कि 19 पंचायतों ने नियम विरूद्ध भुगतान किया है, जिसके बाद इन पंचायतों के खाते सीज कर दिए गए हैं. फिलहाल इन पंचायतों के खाते से आगामी आदेशों तक कोई लेन-देन नहीं किया जा सकता है. जिन पंचायतों पर कार्रवाई की गई है. ये सभी रेवाड़ी खंड की हैं.

रेवाड़ी में 19 पंचायतों के खाते सील

नियम के विरूद्ध लगे बोर्ड?

जिला प्रशासन को रेवाड़ी खंड की कई पंचायतों की ये शिकायत मिली थी कि काफी सरपंचों ने नियम विरूद्ध जाकर पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर साइन बोर्ड लगवा दिए हैं. सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार कोई भी सरपंच पंचायत फंड से अपने नाम तथा पंचायत सदस्यों के नाम से बोर्ड नहीं लगा सकता है और न ही गांव का स्वागत बोर्ड लगवा सकता है.

हालांकि प्रशासन को जो शिकायतें मिली थीं. उनमें सरपंचों के नाम के बोर्ड को लेकर थी. लेकिन जब इन शिकायतों की जांच की तो बात सरपंचों के नाम के बोर्ड तक नहीं अपितु पंचायतों ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर भी बड़े बोर्ड लगवाए हैं जिनकी कीमत भी लाखों रुपये में है.

भुगतान की जांच की जाएगी

इसके बाद रेवाड़ी बीडीपीओ की तरफ से सभी पंचायतों से इस बाबत जानकारी मंगाई तो पता चला कि 19 पंचायतों ने ये बोर्ड लगवाए हैं और इनका भुगतान भी कर दिया है. जिसके बाद डीडीपीओ की तरफ से सभी 6 खंड की पंचायतों से इस बाबत रिपोर्ट तलब की है जिसके बाद इन खंडों की पंचायत द्वारा किए गए भुगतान की जांच की जाएगी.

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Intro:जिला उपायुक्त ने की बड़ी कार्रवाई...
19 पंचायतों के खातों पर लगाई रोक...
गांव में स्वागत द्वार लगाने में बरती गई थी अनियमितता...
जिले की अन्य पंचायतों से भी मांगी गई रिपोर्ट...
स्वागत द्वार लगाने में भारी घपले का अंदेशा...
डीडीपीओ की जांच के बाद लगाई खातों पर रोक....
रेवाड़ी, 19 जनवरी।
पंचायतों को रिकवरी के लिए दिए नोटिस उप मुख्यमंत्री पद भी पहुंच चुका है मामला पंचायतों में प्रदेश स्तर पर हुआ गड़बड़झाला सरपंचों ने लाखों के करें वारे न्यारे नियमों को ताक पर रखकर लगाए स्वागत द्वार कमीशन का खेला गया मोटा खेलBody:जिला में विभिन्न पंचायतों द्वारा बगैर बजट के ही स्वागत बोर्ड लगाकर करोड़ों रुपए की बंदरबांट का मामला सामने आया है। पीडब्लयूडी की सड़कों पर पंचायतों ने स्वागत बोर्ड नहीं लगाने के प्रावधान का उल्लंघन करते हुए 3 से 4 लाख रुपए कीमत के बोर्ड लगाकर 2 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि का पंचायतों ने अपने फंड से भुगतान भी कर दिया। प्रशासन द्वारा जब रेवाड़ी खंड की पंचायतों से इन बोर्ड की जानकारी मांगी तो पाया कि 19 पंचायतों ने नियम विरूद्ध भुगतान किया है, जिसके बाद इन पंचायतों के खाते सीज कर दिए गए हैं। फिलहाल इन पंचायतों के खाते से आगामी आदेशों तक कोई लेन-देन नहीं किया जा सकता है। जिन पंचायतों पर कार्रवाई की गई है ये सभी रेवाड़ी खंड की हैं।अब अन्य 6 खंडों की पंचायतों से भी तलब की रिपोर्ट पंचायतों ने नियमों के विरुद्ध पंचायती फंड से कर दिया। 3 से 4 लाख रुपए प्रति बोर्ड का भुगतान अब सभी 6 खंडों में कराई जाएगी जांच।जिला प्रशासन को रेवाड़ी खंड की कई पंचायतों की यह शिकायत मिली थी कि काफी सरपंचों ने नियम विरूद्ध जाकर न केवल अपने नाम अपितु पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर भी साइन बोर्ड लगवा दिए हैं। सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार कोई भी सरपंच पंचायत फंड से न ही अपने नाम तथा पंचायत सदस्यों के नाम बोर्ड लगा सकता है तथा न ही गांव का स्वागत बोर्ड लगवा सकता है। इसके लिए सरकार की तरफ से दो साल पहले भी पंचायत विभाग द्वारा एक मामले में मांगे गए मार्गदर्शन के बाद बाकायदा पत्र जारी कर दिया था कि पंचायतें इस तरह के बोर्ड नहीं लगवा सकती है। हालांकि प्रशासन को जो शिकायतें मिली थी उनमें सरपंचों के नाम के बोर्ड को लेकर थी लेकिन जब इन शिकायतों की जांच की तो बात सरपंचों के नाम के बोर्ड तक नहीं अपितु पंचायतों ने पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर भी बड़े हेरीजेंट बोर्ड लगवाए हैं जिनकी कीमत भी लाखों रुपए में है। इसके बाद रेवाड़ी बीडीपीओ की तरफ से सभी पंचायतों से इस बाबत जानकारी मंगाई तो पता चला कि 19 पंचायतों ने ये बोर्ड लगवाए हैं और इनका भुगतान भी कर दिया है। जिसके बाद डीडीपीओ की तरफ से सभी 6 खंड की पंचायतों से इस बाबत रिपोर्ट तलब की है जिसके बाद इन खंडों की पंचायत द्वारा किए गए भुगतान की जांच की जाएगी।  यह मामला रेवाड़ी जिले का ही नहीं है पूरे प्रदेश में स्थित इसी प्रकार की है पहले गांव में डस्टबिन उसके बाद सोलर लाइट लगाई गई उसके बाद गांव में स्वागत द्वार लगाए गए तीनों ही मामलों में लाखों के न्यारे बारे सरपंचों ने किए इस मामले की गूंज उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कानों तक गूंजी तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से जांच करने के आदेश दे दिए उसी के बाद आधी अधूरी कार्रवाई जिले में की गई है। सरकार अगर पूरे प्रदेश में जांच कराए तो मामला बहुत बड़ा सामने आएगा कि किस तरह पढ़ी लिखी पंचायतों ने जनता की गाढ़ी कमाई को किस तरीके से पलीता लगाया। बाइट- पूजा शर्मा, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारीConclusion:अब देखना होगा की पंचायतों की जांच में कितना गोलमाल मिलता है या जाँच में इन ग्राम पंचायतों को क्लीन चिट मिलेगी।
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