पानीपत: 8 मार्च को हरियाणा का बजट (Haryana Budget 2022) पेश होना है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर वित्त मंत्री तीसरी बार बजट पेश करेंगे. बजट को लेकर हर वर्ग सीएम खट्टर से काफी उम्मीद लगाए बैठा है. प्रदेश की आम जनता को इस महंगाई से थोड़ी बहुत राहत की उम्मीद है, जिससे उनका जीवन आसानी से आगे बढ़ता रहे और उन्हें किसी तरह की विकट परिस्थितियों का सामना न करना पड़े. वहीं प्रदेश के युवा भी रोजगार के मुद्दे को लेकर सरकार से कई तरह की उम्मीदें लगाए बैठे है.
ईटीवी भारत ने रोजगार के मुद्दे को लेकर प्रदेश के युवाओं से बातचीत की. आने वाले इस बजट से रोजगार को लेकर युवाओं को काफी उम्मीदें (Haryana youth expectation from Budget 2022) हैं. युवाओं का कहना है कि सरकार अपने बजट सत्र में रोजगार को लेकर जितने भी घोषणाएं करती है या सरकारी भर्तियां निकालने की बात करती है, वह सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है. धरातल पर उन पर कोई भी कार्य नहीं होता हैं. युवाओं का मानना है कि सरकार बजट के माध्यम से बड़ी-बड़ी और लोक लुभावन बाते कर के सिर्फ वोट बैंक बढ़ाने का काम करती है.
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वहीं अन्य युवा का कहना है कि सरकार द्वारा प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण देने की बात तो की जाती है. लेकिन ये बात भी धरातल पर नजर नहीं आई. युवाओं का कहना है कि अगर सरकारी नौकरियों की बात करें, तो सरकारी नौकरियों के लिए पिछले सालों में जितनी भी भर्तियां निकली है, उनमें किसी का पेपर लीक हो गए है तो कोई पूरी भर्ती ही हद्द कर दी गई है. ऐसे में युवाओं के पास रोजगार का कोई भी साधन नहीं बच रहा है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से हरियाणा की बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे ऊपर रही है. ऐसे में साफ पता चलता है कि रोजगार को लेकर सरकार की नीतियां कहां तक सफल हो पाई है. इसे ही लेकर युवाओं को इस बजट में सरकार से काफी उम्मीदें है. युवाओं की मानें तो सरकार निजी नौकरियों में आरक्षण देने की बात तो करती है, लेकिन निजी क्षेत्र में भी नौकरियां पैदा करने में असमर्थ साबित हो रही है.
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