पानीपत: महज 1 घंटे की बरसात ने पानीपत शहर को तालाब में तब्दील कर दिया. हर जगह पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. शहर के बस स्टैंड की बात करें तो यहां घुटनों तक पानी भर चुका है. वहीं बाजार में भी ऐसे ही हालात हैं. दुकानों के अंदर तक पानी घुस चुका है और लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मानसून की सिर्फ दूसरी बरसात में ही पानीपत का ये हाल हो गया तो अभी और बारिश होनी बाकी है.
पानीपत में बुधवार को 25 एमएम बारिश हुई थी और गुरुवार को सिर्फ 1 घंटे की बरसात में ही पानीपत की सड़कें डूब गई. वहीं करनाल की बात करें तो बुधवार को 150 एमएम बारिश हुई थी. अगर इतनी सी बारिश करनाल के साथ लगते जिले पानीपत में हो जाए तो पानीपत शहर डूबने की कगार पर आ जाएगा. पानीपत में बारिश की वजह से हालात क्यों खराब हो सकते हैं इसके तीन मुख्य कारण है.
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दरअसल पानीपत जिला कभी युद्ध स्थल हुआ करता था और यहां बड़े-बड़े किले बने हुए हैं. ये किले काफी ऊंचाई पर है और ढलान होने की वजह से बारिश का सारा पानी बाजार में घुस जाता है. वहीं इन किलों के पास ही रेलवे स्टेशन भी है तो वहां पर भी बारिश का पानी भर जाता है. दूसरा कारण ये है कि शहर का क्षेत्रफल छोटा है और जनसंख्या ज्यादा है तो यहां छोटी छोटी गलियों में लोगों के घर बने हुए है इसलिए बारिश के बाद और समस्या खड़ी हो जाती है. तीसरा कारण शहर का ड्रेनेज सिस्टम लगभग 50 साल पुराना है जिसके सहारे शहर का पूरा पानी निकाला जाता है.
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लेकिन तेज बारिश आने के बाद भारी मात्रा में पानी जमा होने के बाद जलभराव हो जाता है. वहीं लोग प्लास्टिक की पॉलीथीन का इस्तेमाल करते हैं और फिर उस पॉलीथीन को नालियों और सड़कों पर फैंक देते है जिससे ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हो जाता है. अब प्रशासन के दावों की पोल तो पहली बारिश ने ही खोल कर रख दी है. इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे तो किए थे कि शहर की सभी नदी-नालियों की साफ-सफाई तो की गई थी लेकिन बारिश आते ही ये दावे धरे के धरे रह गए. दुकानों के अंदर पानी घुस चुका है और दुकानदार सारा काम छोड़ कर पानी निकालने में लगे हैं.