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कांवड़ यात्रा को लेकर हरियाणा-यूपी बॉर्डर सील, पानीपत में अधिकारियों की हुई बैठक

कोरोना वायरस की वजह से इस बार श्रावण मास की कांवड़ यात्रा भी स्थगित कर दी गई है. हरिद्वार से गंगाजल लाने वाले कांवड़ियों के दल को रोकने के लिए यूपी और हरियाणा की सरकारें विशेष कदम उठा रही हैं.

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Published : Jul 7, 2020, 4:10 PM IST

पानीपत: कोरोना का असर इस बार कावड़ यात्रा पर भी पड़ा है. श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर पाबंदियों को लागू कर दिया गया है. इसके लिए यूपी और हरियाणा सरकार ने कमर कस ली है. इसी के तहत शामली और पानीपत जिलों के आलाधिकारियों की एक अहम बैठक पानीपत में हुई. बैठक में आपसी समन्वय और सख्ती के साथ कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगाने पर सहमति बनी. अधिकारियों के मुताबिक, इस बार यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों तरफ 24 घंटे विशेष चेकिंग अभियान चलाते हुए कांवड़ियों के आवागमन को रोका जाएगा.

पानीपत की बैठक में लिए गए कई फैसले
सोमवार को यूपी के शामली जिले की डीएम जसजीत कौर और एसपी विनीत जायसवाल समेत जिला प्रशासन के अन्य अफसर पानीपत में हुई बैठक में शामिल हुए. ये अहम बैठक इसलिए हुई क्योंकि प्रत्येक वर्ष राजस्थान और हरियाणा के लाखों कांवड़ियें पानीपत और करनाल के बॉर्डर क्षेत्रों से यूपी के शामली जिले में प्रवेश करते हैं, जिसको देखते हुए इस बार तीनो राज्य की सरकारों ने कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है. सरकार के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए हरियाणा के पानीपत के डीसीपी धर्मेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक पानीपत मनीषा चौधरी, एसडीएम पानीपत और क्षेत्राधिकारी सिंभालखा भी बैठक में मौजूद रहे. दोनों प्रदेशों के अधिकारियों ने कांवड़ियों के आवागमन पर सख्ती से पाबंदी लगाने के लिए कई विशेष फैसले लिए हैं.

बॉर्डर पर 24 घंटे होगी विशेष चेकिंग

दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के बीच मंथन के बाद आपसी सहमति हुई कि यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों प्रदेशों की पुलिस 24 घंटे चेकिंग कर कांवड़ियों और उनके वाहनों के आवागमन पर सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाने पर सहमति बनी. इसके अलावा बॉर्डर पर पड़ने वाले यमुना ब्रिज पर दोनों तरफ संयुक्त टीमें लगाकर बैरियर, बैरिकेडिंग भी कराई जाएगी, ताकि प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ यात्रा में शामिल होने वालों को सख्ती के साथ बॉर्डर पर ही रोकते हुए वापस भेजा जा सके. इसके साथ ही दोनों प्रदेशों के डीजे, साउण्ड सिस्टम संचालकों एवं ट्रेवल एजेंसियों तथा कांवड़ कमेटियों को भी नोटिस भेजकर बंद पत्र लिए जाने पर सहमति हुई, ताकि उनके द्वारा कांवड़ियों को संसाधन न उपलब्ध कराए जा सकें.

पैदल गुजरने वाले कांवड़ियों पर भी रहेगी नजर
हरियाणा और यूपी के अधिकारियों के बीच वाहनों के अतिरिक्त पैदल बॉर्डर से गुजरने वाले कांवड़ियों को भी सख्ती के साथ रोकने और मीडिया के माध्यमों से लोगों को जागरूक करने पर भी सहमति बनी. गौरतलब है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए हरियाणा, उतर प्रदेश और उतराखंड की सरकारों ने कावड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी.

पानीपत: कोरोना का असर इस बार कावड़ यात्रा पर भी पड़ा है. श्रावण मास की कांवड़ यात्रा पर पाबंदियों को लागू कर दिया गया है. इसके लिए यूपी और हरियाणा सरकार ने कमर कस ली है. इसी के तहत शामली और पानीपत जिलों के आलाधिकारियों की एक अहम बैठक पानीपत में हुई. बैठक में आपसी समन्वय और सख्ती के साथ कांवड़ यात्रा पर पाबंदी लगाने पर सहमति बनी. अधिकारियों के मुताबिक, इस बार यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों तरफ 24 घंटे विशेष चेकिंग अभियान चलाते हुए कांवड़ियों के आवागमन को रोका जाएगा.

पानीपत की बैठक में लिए गए कई फैसले
सोमवार को यूपी के शामली जिले की डीएम जसजीत कौर और एसपी विनीत जायसवाल समेत जिला प्रशासन के अन्य अफसर पानीपत में हुई बैठक में शामिल हुए. ये अहम बैठक इसलिए हुई क्योंकि प्रत्येक वर्ष राजस्थान और हरियाणा के लाखों कांवड़ियें पानीपत और करनाल के बॉर्डर क्षेत्रों से यूपी के शामली जिले में प्रवेश करते हैं, जिसको देखते हुए इस बार तीनो राज्य की सरकारों ने कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है. सरकार के आदेशों का अनुपालन कराने के लिए हरियाणा के पानीपत के डीसीपी धर्मेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक पानीपत मनीषा चौधरी, एसडीएम पानीपत और क्षेत्राधिकारी सिंभालखा भी बैठक में मौजूद रहे. दोनों प्रदेशों के अधिकारियों ने कांवड़ियों के आवागमन पर सख्ती से पाबंदी लगाने के लिए कई विशेष फैसले लिए हैं.

बॉर्डर पर 24 घंटे होगी विशेष चेकिंग

दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के बीच मंथन के बाद आपसी सहमति हुई कि यूपी-हरियाणा सीमा पर दोनों प्रदेशों की पुलिस 24 घंटे चेकिंग कर कांवड़ियों और उनके वाहनों के आवागमन पर सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाने पर सहमति बनी. इसके अलावा बॉर्डर पर पड़ने वाले यमुना ब्रिज पर दोनों तरफ संयुक्त टीमें लगाकर बैरियर, बैरिकेडिंग भी कराई जाएगी, ताकि प्रतिबंध के बावजूद कांवड़ यात्रा में शामिल होने वालों को सख्ती के साथ बॉर्डर पर ही रोकते हुए वापस भेजा जा सके. इसके साथ ही दोनों प्रदेशों के डीजे, साउण्ड सिस्टम संचालकों एवं ट्रेवल एजेंसियों तथा कांवड़ कमेटियों को भी नोटिस भेजकर बंद पत्र लिए जाने पर सहमति हुई, ताकि उनके द्वारा कांवड़ियों को संसाधन न उपलब्ध कराए जा सकें.

पैदल गुजरने वाले कांवड़ियों पर भी रहेगी नजर
हरियाणा और यूपी के अधिकारियों के बीच वाहनों के अतिरिक्त पैदल बॉर्डर से गुजरने वाले कांवड़ियों को भी सख्ती के साथ रोकने और मीडिया के माध्यमों से लोगों को जागरूक करने पर भी सहमति बनी. गौरतलब है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए हरियाणा, उतर प्रदेश और उतराखंड की सरकारों ने कावड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी.

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