रोहतक: पीजीआईएमएस रोहतक के डॉक्टरों ने जींद की महिला के पेट से 8 किलोग्राम का ओवेरियन ट्यूमर को निकाल कर उसे नया जीवनदान दिया है. पीजीआईएमएस रोहतक की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. सविता सिंघल और उनकी टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया. लगभग 3 घंटे तक ऑपरेशन के बाद ओवेरियन ट्यूमर को बाहर निकाला गया. महिला अभी स्वास्थ्य लाभ ले रही है. उसे एक सप्ताह के अंदर डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
जींद की रहने वाली है 50 वर्षीय पीड़ित महिलाः डॉ. सविता सिंघल ने बताया कि उनके पास जींद की रहने वाली करीब 50 वर्षीय महिला पेट में भारीपन की समस्या को लेकर पहुंची थी. महिला ने बताया था कि वह पिछले करीब 1 साल से पेट में भारीपन की समस्या से पीड़ित है. उसने प्राइवेट अस्पताल में भी दिखाया था, जहां पर आराम न मिलने के चलते जींद सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची. सरकारी अस्पताल से उसे पीजीआईएमएस रोहतक रेफर किया गया था.
काफी बड़ा था ओवेरियन ट्यूमर: डॉ. सविता सिंघल ने बताया कि महिला की अल्ट्रासाउंड जांच की गई तो बड़ी ही हैरानी वाली बात सामने आई की महिला का ओवेरियन ट्यूमर बहुत बड़ा था. इसके बाद महिला की आगामी जांच करवाते हुए जल्द सर्जरी करने का प्लान बनाया गया ताकि महिला की जान को खतरा न हो.
ट्यूमर का साइज करीब 42 X 40 सेंटीमीटर थाः डॉ. सिंघल ने बताया कि महिला का करीब तीन घंटे सफल ऑपरेशन चलने के बाद वे 8 किलो का ट्यूमर निकालने में कामयाब रहे, जिसका साइज करीब 42 बाई 40 सेंटीमीटर था. डॉ. सविता सिंघल ने बताया कि उनके साथ ऑपरेशन में उनके विभाग की चिकित्सक डॉ. मोनिका दलाल, डॉ. शिखा मदान और डॉ. प्रेरणा शामिल थीं.
ऑपरेशन के समय कम हो रहा था बीपीः एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. सुरेश सिंघल की निगरानी में डॉ. रेणु बाला और डॉ. मयूरी ने भी अहम भूमिका निभाई क्योंकि महिला का ऑपरेशन के समय बीपी कम हो रहा था और धड़कन भी ऊपर-नीचे हो रही थी. डॉ. सिंघल ने बताया कि टीम के सभी डॉक्टरों ने अपने अनुभव से यह सफल ऑपरेशन करवाने में भरपूर सहयोग दिया. विभाग की चिकित्सक डॉ. मोनिका दलाल ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतना बड़ा ट्यूमर देखा है.
महिलाओं में ये लक्षण हैं तो जरूर कराएं जांचः डॉ. सविता सिंघल ने 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं से आग्रह किया कि यदि किसी को पेट में अफारा बनता हो, भारीपन रहता हो, बिना वजह उल्टी आती हो, कब्ज की समस्या रहती हो, पैरों में सूजन आदि लक्षण मेनोपॉज के टाइम पर नजर आते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द किसी अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर जांच कराएं. उन्होंने बताया कि समय पर इस प्रकार के ट्यूमर का इलाज नहीं करवाया जाता तो वह कैंसर का भी रूप धारण कर सकता है जिससे मरीज की जान का जोखिम हो जाता है. उन्होंने कहा कि पीजीआइएमएस में इस प्रकार की बीमारी के इलाज की सभी अत्याधुनिक मशीन उपलब्ध हैं.
चिकित्सकों की टीम बधाई के पात्रः हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. एचके अग्रवाल, पीजीआईएमएस निदेशक डॉ. एसके सिंघल और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल ने कहा कि यह विशेषज्ञता और समर्पण का एक उदाहरण है जिसके लिए समस्त चिकित्सकों की टीम बधाई के पात्र हैं.