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बदहाली के आंसू बहा रहा पानीपत का शिवाजी स्टेडियम, नीरज चोपड़ा यहीं करते थे प्रैक्टिस - neeraj chopra practice stadium panipat

देश के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा ने जिस स्टेडियम से प्रैक्टिस कर देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतवाया था, आज वही ग्राउंड अपनी बदहाली के आंसू बहाता नजर आ रहा है. पानीपत के शिवाजी स्टेडियम (Panipat Shivaji Stadium) की हालिया स्थिति ऐसी है कि यहां गड्ढे और कच्चे रेस ट्रेक होने के चलते अब खिलाड़ी प्रैक्टिस करने से भी कतराते हैं. पढ़ें रिपोर्ट

Shivaji Stadium in Panipat
Shivaji Stadium in Panipat
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Published : Mar 9, 2022, 7:20 PM IST

पानीपत: जिले से टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा का प्रैक्टिस ग्राउंड आज बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर हो (Panipat Shivaji Stadium) रहा है. पानीपत के शिवाजी स्टेडियम की मौजूदा स्थिति की बात की जाए, तो यहां कच्चा ट्रैक है, बारिश के मौसम में पानी भर जाता है. ऐसी कई समस्याओं से ये स्टेडियम जूझ रहा है. स्टेडियम की ऐसी खस्ता हालत देखकर खिलाड़ियों का इस ग्राउंड तक में आने का मन नहीं करता है. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने यहां प्रैक्टिस के लिए आने वाले खिलाड़ियों से बात की.

बता दें कि पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर नीरज चोपड़ा जैसे गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर विश्व भर में देश की एक पहचान बना चुके हैं. आज स्टेडियम का ग्राउंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. रोजाना स्टेडियम में सैकड़ों प्लेयर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति है. शिवाजी स्टेडियम में लगभग 3 सालों से कोच भी सरकार द्वारा भेजे गए हैं. वहीं पिछले लंबे समय से इस स्टेडियम में एक सिंथेटिक रेस ट्रेक बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन शिवाजी स्टेडियम में बनने वाले रेस ट्रेक को पानीपत से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सिवाह गांव के ग्राउंड में बना दिया गया है. जहां कोई भी खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं करना चाहता है.

बदहाली के आंसू बहा रहा पानीपत का शिवाजी स्टेडियम, नीरज चोपड़ा यहीं करते थे प्रैक्टिस

शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. इस स्टेडियम में स्थित कच्चा रेस ट्रेक पर सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस करने को मजबूर है, तो वहीं बारिश के मौसम में पानी के जलभराव से रेस ट्रैक पर पानी भर जाता है और बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि अगर वह ऐसे रेस ट्रैक पर प्रैक्टिस करते हैं, तो उन्हें गंभीर चोट लगने का खतरा बना रहता है. ऐसे में अगर गंभीर चोट लग गई, तो खिलाड़ियों का पूरा करियर तबाह हो सकता है. ऐसे में खिलाड़ियों ने शिवाडी स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रेक बनाने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- एक दिवसीय कृषि कार्यशाला में पहुंचे सीएम मनोहर लाल, कुरुक्षेत्र में करोड़ों के प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन

स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आए इंटरनेशनल प्लेयर ने बताया कि वह कई सालों से यहां प्रैक्टिस कर रहा है. हर सुविधाओं के नाम पर सिर्फ बात की जाती है, लेकिन आज तक इस ग्राउंड को सिर्फ आश्वासन ही मिला है. खिलाड़ी ने कहा कि अगर बच्चों को सही प्रैक्टिस करने के लिए जेट मिले और अच्छा वातावरण मिले तो बच्चे खेलों के दम पर देश का नाम रोशन करेंगे. आज सुविधाओं के अभाव में धीरे धीरे कर यह ग्राउंड दम तोड़ता जा रहा है.

वहीं ग्राउंड पर प्रैक्टिस करने आई एक एथलीट प्लेयर ने बताया कि सरकार द्वारा जहां सुविधा देनी चाहिए थी, वहां नहीं दी गई, बल्कि शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सिवाह गांव में रेस ट्रेक बना दिया है. जहां खिलाड़ियों को जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एथलीट ने बताया कि शिवाजी स्टेडियम शहर के बीचो-बीच पड़ता है, यहां जिले के सभी खिलाड़ी इसी ट्रैक पर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं, ऐसे में रेस ट्रेक की जरुरत यहां पर थी. खिलाड़ियों ने बताया कि सिवाह में बना रेस ट्रेक औद्योगिक क्षेत्र में होने की वजह से खिलाड़ियों के लिए अनुकुल वातावरण का भी नहीं है. वहां प्रैक्टिस करने पर खिलाड़ी गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते है. ऐसे में प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों ने शिवाजी स्टेडियम में ही एक्शन सिटी रेस ट्रैक बनाने की मांग की है, ताकि यहां बच्चे अच्छे से प्रैक्टिस कर सके.

ये भी पढ़ें- रखरखाव के अभाव में खंडहर हुई पानीपत की बाबरी मस्जिद, सदियों पुराना है इतिहास

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पानीपत: जिले से टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा का प्रैक्टिस ग्राउंड आज बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर हो (Panipat Shivaji Stadium) रहा है. पानीपत के शिवाजी स्टेडियम की मौजूदा स्थिति की बात की जाए, तो यहां कच्चा ट्रैक है, बारिश के मौसम में पानी भर जाता है. ऐसी कई समस्याओं से ये स्टेडियम जूझ रहा है. स्टेडियम की ऐसी खस्ता हालत देखकर खिलाड़ियों का इस ग्राउंड तक में आने का मन नहीं करता है. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने यहां प्रैक्टिस के लिए आने वाले खिलाड़ियों से बात की.

बता दें कि पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस कर नीरज चोपड़ा जैसे गोल्ड मेडलिस्ट प्लेयर विश्व भर में देश की एक पहचान बना चुके हैं. आज स्टेडियम का ग्राउंड अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. रोजाना स्टेडियम में सैकड़ों प्लेयर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति है. शिवाजी स्टेडियम में लगभग 3 सालों से कोच भी सरकार द्वारा भेजे गए हैं. वहीं पिछले लंबे समय से इस स्टेडियम में एक सिंथेटिक रेस ट्रेक बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन शिवाजी स्टेडियम में बनने वाले रेस ट्रेक को पानीपत से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सिवाह गांव के ग्राउंड में बना दिया गया है. जहां कोई भी खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं करना चाहता है.

बदहाली के आंसू बहा रहा पानीपत का शिवाजी स्टेडियम, नीरज चोपड़ा यहीं करते थे प्रैक्टिस

शिवाजी स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है. इस स्टेडियम में स्थित कच्चा रेस ट्रेक पर सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस करने को मजबूर है, तो वहीं बारिश के मौसम में पानी के जलभराव से रेस ट्रैक पर पानी भर जाता है और बड़े-बड़े गड्ढे हो जाते हैं. खिलाड़ियों का कहना है कि अगर वह ऐसे रेस ट्रैक पर प्रैक्टिस करते हैं, तो उन्हें गंभीर चोट लगने का खतरा बना रहता है. ऐसे में अगर गंभीर चोट लग गई, तो खिलाड़ियों का पूरा करियर तबाह हो सकता है. ऐसे में खिलाड़ियों ने शिवाडी स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रेक बनाने की मांग की है.

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स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आए इंटरनेशनल प्लेयर ने बताया कि वह कई सालों से यहां प्रैक्टिस कर रहा है. हर सुविधाओं के नाम पर सिर्फ बात की जाती है, लेकिन आज तक इस ग्राउंड को सिर्फ आश्वासन ही मिला है. खिलाड़ी ने कहा कि अगर बच्चों को सही प्रैक्टिस करने के लिए जेट मिले और अच्छा वातावरण मिले तो बच्चे खेलों के दम पर देश का नाम रोशन करेंगे. आज सुविधाओं के अभाव में धीरे धीरे कर यह ग्राउंड दम तोड़ता जा रहा है.

वहीं ग्राउंड पर प्रैक्टिस करने आई एक एथलीट प्लेयर ने बताया कि सरकार द्वारा जहां सुविधा देनी चाहिए थी, वहां नहीं दी गई, बल्कि शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित सिवाह गांव में रेस ट्रेक बना दिया है. जहां खिलाड़ियों को जाने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एथलीट ने बताया कि शिवाजी स्टेडियम शहर के बीचो-बीच पड़ता है, यहां जिले के सभी खिलाड़ी इसी ट्रैक पर प्रैक्टिस करने के लिए आते हैं, ऐसे में रेस ट्रेक की जरुरत यहां पर थी. खिलाड़ियों ने बताया कि सिवाह में बना रेस ट्रेक औद्योगिक क्षेत्र में होने की वजह से खिलाड़ियों के लिए अनुकुल वातावरण का भी नहीं है. वहां प्रैक्टिस करने पर खिलाड़ी गंभीर बीमारियों के शिकार भी हो सकते है. ऐसे में प्रैक्टिस करने आए खिलाड़ियों ने शिवाजी स्टेडियम में ही एक्शन सिटी रेस ट्रैक बनाने की मांग की है, ताकि यहां बच्चे अच्छे से प्रैक्टिस कर सके.

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