पानीपत: 'शिक्षा में वो शक्ति, जो देती बाल श्रम से मुक्ति' ये उद्देश्य लेकर पानीपत में गरीब और बाल मजदूरी कर रहे बच्चों के लिए एक स्कूल सराहनीय काम कर रहा है. ये स्कूल न केवल गरीब और बाल मजदूरी कर रहे बच्चों को ब्रिज कोर्स के माध्यम से शिक्षित कर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का काम कर रहा है, बल्कि ये पढ़ाने के मामले में बड़े स्कूलों को भी टक्कर दे रहा है. ये स्कूल हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था द्वारा पानीपत में बालश्रम को जड़ से खत्म करने के लिए प्रोजेक्ट संभावना एक्शन अगेंस्ट चाइल्ड लेबर के तहत चलाया जा रहा है.
यह स्कूल हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया संस्था (Humana People to People India) द्वारा चलाया जा रहा है, जो 1998 से काम कर रही है. बाल मजदूरी को खत्म करना इस संस्था का एक प्रोजेक्ट है और इस प्रोजेक्ट के तहत पानीपत में संभावना स्कूल (Sambhavna School Panipat) की शुरुआत की गई है. अब तक इस स्कूल में लगभग 11 सौ बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ा गया है. बात अगर स्कूल की करें तो स्कूल में 10 अध्यापकों की टीम है, जो स्कूल में शिक्षा देती है. इसके अलावा 10 लोगों की टीम बाल मजदूरी कर रहे बालकों को ढूंढकर स्कूल में भर्ती कराती है.
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संस्था की पहल और स्कूल की मेहनत से पानीपत के वार्ड 1, 2 और 3 से इस संस्था बाल मजदूरी को खत्म करने में कामयाबी हासिल कर ली है. बता दें कि ये संस्था बाल मजदूरी करने वाले बच्चों के माता-पिता को समझा-बुझाकर उनके बच्चों को स्कूल में लाती है और शिक्षित करती है. बात अगर स्कूल की करें तो ये किसी निजी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है. यहां बच्चों को डिजिटली रूप से पढ़ाया जाता है. बच्चों की पढ़ाई टैबलेट के माध्यम से होती है. साथ ही बच्चों की जरूरत का हर सामान उपलब्ध कराया जाता है.
ईटीवी भारत ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि वह पहले काम सीखते थे. स्कूल की टीम उनके घर गई और माता-पिता को समझा-बुझाकर स्कूल में अपने साथ ले आई. स्कूल में बच्चों को हर जरूरत का सामान स्कूल से ही मुहैया करवाया जाता है. बच्चों ने बताया कि वो यहां आकर बहुत खुश होते हैं, क्योंकि यहां के टीचरों का व्यवहार फ्रेंडली है. गौरतलब है कि स्कूल में बच्चों को ब्रिज कोर्स देकर सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवा दिया जाता है. संभावना स्कूल से निकलकर सरकारी स्कूल में गए बच्चे पढ़ने-लिखने में अन्य बच्चों से तेज भी बन जाते हैं.
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वहीं संभावना स्कूल के प्रोजेक्ट मैनेजर विनोद सोलंकी ने बताया कि स्कूल को फंडिंग नीदरलैंड से एक कंपनी द्वारा दी जाती है. बच्चों को एक अच्छे स्कूल में मिलने वाली शिक्षा इस संभावना स्कूल में दी जाती है. विनोद ने बताया कि उनकी संस्था का लक्ष्य पानीपत जिले से बाल मजदूरी को बिल्कुल खत्म करना है. जिसके लिए वो निरंतर प्रयासरत है. विनोद की मानें तो इस प्रोजेक्ट के माध्यम से संस्था ने जिले से 11 सौ बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने में सफलता हासिल की है.
बहरहाल पानीपत को बाल मजदूरी से मुक्त कराने के लिए हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया द्वारा चलाया जा रहा ये प्रोजेक्ट, गरीब और बाल मजदूरी करने वाले बच्चों को सही राह पर ला रहा है. साथ ही पढ़ाई की चाह रखने वाले बच्चों के लिए संभावना स्कूल एक मील का पत्थर साबित हो रहा है.
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