पानीपत: आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने कश्मीरी पंडितों पर बनी बहुचर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर आरटीआई से मिली सूचना से चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड मुंबई (फिल्म सेंसर बोर्ड) के सीनियर रीज़नल ऑफिसर एवं केंद्रीय जन सूचना अधिकारी नागराज कुलकर्णी ने पीपी कपूर को 22 मार्च की आरटीआई के तहत अपने 1 अप्रैल 2022 के पत्र द्वारा सूचित किया कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ डॉक्यूमेंट्री या कमर्शियल फिल्म नहीं बल्कि ड्रामा श्रेणी की फीचर फिल्म है.
कपूर ने इस फिल्म को फिल्म सेंसर बोर्ड द्वारा लाइसेंस देने के समस्त रिकॉर्ड की कॉपी फाइल नोटिंग सहित मांगी थी. इसके जवाब में कुलकर्णी ने बताया कि यह सूचना सिनेमाटोग्राफी (सर्टिफिकेशन) रूल 1983 के रूल 22 (4) में नहीं दी जा सकती. इस फिल्म को सर्टिफिकेट देने का ब्यौरा देते हुए फिल्म सेंसर बोर्ड ने बताया कि आवेदक विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फ़िल्म को केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने 3 नवंबर 2021 को ए श्रेणी यानि सिर्फ वयस्कों को दिखाने लिए जारी किया था.
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कपूर ने कहा कि केवल वयस्कों को दिखाने के लिए एडल्ट श्रेणी और ड्रामा श्रेणी की फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और बीजेपी सरकारों द्वारा पूरे देश में प्रमोट करके जनता को गुमराह किया है. क्या दुनिया में कोई पीएम या सरकार एडल्ट श्रेणी और ड्रामा श्रेणी की फिल्म को भी प्रोमोट करते हैं या टैक्स फ्री करते हैं? इतना ही नहीं इस फिल्म के पोस्टरों पर इसका कहीं उल्लेख भी नहीं किया गया कि ये फिल्म सिर्फ वयस्कों के लिए है.
पीपी कपूर ने कहा कि इस आरटीआई खुलासे से साफ है कि कश्मीरी पंडितों को अपनी राजनीति का मोहरा बना कर वोटों के ध्रुवीकरण के लिए हिंसा से भरपूर व धर्म विशेष के लोगों को खलनायक बताने वाली ये ड्रामा फ़िल्म जानबूझ कर प्रमोट की गई. इसके लिए पीएम मोदी सहित आरएसएस और बीजेपी सरकारों को देश से माफी मांगनी चाहिए.
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