पानीपत : एक तरफ जहां नेता और प्रभावशाली लोग अपने रुतबे के लिए वीआईपी और पुलिस सिक्योरिटी की मांग करते हैं तो वहीं दूसरी ओर पानीपत के आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने दी गई पुलिस सुरक्षा को ही लौटा दिया है. आपको बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले सवा दो सालों से हरियाणा पुलिस ने आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर की सुरक्षा में दो सशस्त्र पुलिसकर्मी चौबीस घंटे तैनात कर रखे थे. लेकिन पीपी कपूर ने दी गई सुरक्षा को वापस लौटाने का बड़ा फैसला कर लिया.
क्यों लौटाई सुरक्षा ? : आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने सरकार से मिली पुलिस सिक्योरिटी हटाने के लिए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और गृहमंत्री अनिल विज को रिक्वेस्ट लेटर भेजा है. उसमें उन्होंने बताया है कि उनकी जान पर खतरे की आशंका को देखते हुए 6 अक्टूबर 2021 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा पुलिस ने दो सशस्त्र पुलिस सुरक्षा कर्मी यानि पीएसओ उनकी सुरक्षा में लगा रखे थे. इस खास पुलिस सिक्योरिटी के लिए ना तो उन्होंने कभी कोई लिखित डिमांड की थी और ना तो कोई रिक्ववेस्ट ही की थी. साथ ही उन्होंने बताया कि वे हमेशा से जनहित के कार्यों में लगे रहते हैं. उनकी सुरक्षा में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों के वेतन पर हर महीने सरकार 80 हजार रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है, जबकि उन्हें पुलिस सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है. वे ना तो किसी पर कोई रौब झाड़ना चाहते हैं और ना तो ये उनके लिए कोई स्टेट्स सिंबल है. इसलिए बेवजह सरकारी धन के दुरुपयोग को उनका जमीर इजाजत नहीं देता है और इसलिए वे चाहते हैं कि सुरक्षा उनसे वापस ले ली जाए.
हाईकोर्ट ने दी थी सुरक्षा : यहां हम आपको बता दें कि गुड़गांव के ही एक आरटीआई एक्टिविस्ट और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को जान से खत्म करने की धमकी देने के मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर मुख्य गवाह हैं और उनकी जान को खतरे में देखते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें ये स्पेशल सुरक्षा मुहैया कराई थी.
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