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पानीपत का ये किसान बना मिसाल! ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ घर में लगाया बायोगैस प्लांट - जैविक खेती के लाभ

आजकल लोग सेहत को लेकर काफी सचेत होने लगे हैं. ऐसे में ऑर्गेनिक फल-सब्जियों की डिमांड काफी बढ़ गई है. जिससे किसान भी ऑर्गेनिक खेती की तरफ रुख करने लगे हैं. इसी कड़ी में पानीपत के कुछ किसान ना सिर्फ ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं बल्कि बायोगैस बना कर रसोई का चूल्हा भी जला रहे हैं.

report on organic agriculture in panipat
ऑर्गेनिक खेती के साथ-साथ घर में लगाया बायोगैस प्लांट
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Published : Dec 28, 2019, 3:33 PM IST

पानीपत: आहिस्ता-आहिस्ता पूरे देश में जैविक खेती को लेकर किसानों में जागरूकता आ रही है. किसान जैविक खेती को अधिक महत्व दे रहे हैं. भारत व हरियाणा सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें जैविक खेती के लिए अलग-अलग प्रदेशों से ट्रेनर बुलाकर किसानों को ट्रेनिंग देने की योजनाएं भी बना रही है

पानीपत में जैविक खेती को लेकर कई किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा रहे हैं. हमारी टीम पानीपत के दरियापुर गांव में पहुंची. इस गांव के किसान वीरभान जैविक खेती करते हैं. वो गोभी, मटर, प्याज और गेहूं की जैविक खेती करते हैं. वहीं वो गोबर से बने बायो गैस का इस्तेमाल रसोई का चूल्हा जलाने के लिए भी करते हैं.

ऑर्गेनिक खेती में किसान बना सबके लिए मिसाल.

वीरभान ऐसे बनाते हैं गोबर गैस
वीरभान ने खेतों के पास ही एक बड़ी अंडरग्राउंड सील पैक टंकी बनाई है, जिसे फर्मनटेशन टैंक कहते हैं. फर्मनटेशन टैंक से लिंक एक छोटी टैंक जिसे इनलेट कहा जाता है, उसमें वो रोज अपने पालतु पशुओं का गोबर और पानी अंडर ग्राउंड टंकी कहते हैं. उसी से लिंक एक छोटी टंकी में मिलाते हैं.

गोबर और पानी मिक्स होकर फर्मनटेशन टैंक में जाता है. जहां गोबर सड़ कर गैस बनाता है और ये गैस टंकी से पाइप के जरिए रसोई तक पहुंचाई जाती है. इस गैस से चूल्हा एलपीजी गैस के जैसे ही जलता है. वहीं उस टैंक में सड़े हुए गोबर का इस्तेमाल वीरभान आउटलेट टैंक से निकाल कर खेतों में खाद के तौर पर लेते हैं. जिससे उनकी फसलों को अलग रासायनिक खादों की जरूरत नहीं पड़ती है.

ये भी पढे़ं: जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

वहीं जीतगढ़ के रहने वाले दूसरे किसान सत्यवान का कहना है कि महाराष्ट्र के किसान विशेषज्ञ सुभाष पालेकर अक्सर किसानों को जैविक खेती के बारे में बताने के लिए हरियाणा आते हैं. वो इस बार फरवरी में आएंगे और महिलाओं भी को जैविक खेती के बारे में ज्ञान देंगे.

ऑर्गेनिक खेती है फायदे का सौदा
आपको बता दें कि जो किसान इसकी खेती करके इसको सही बाजार में बेचते हैं, उनको इसकी खेती से बहुत अधिक लाभ मिलता है क्योंकि इसके भाव भी बाजार में अच्छे बने रहते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऑर्गेनिक फसल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. यही वजह है कि ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री की मांग और डिमांड दोनों ज्यादा होती है. ऐसे में किसानों के लिए जैविक खेती काफी फायदे का सौदा है.

ये भी पढे़ं- पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने चुनी फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये

पानीपत: आहिस्ता-आहिस्ता पूरे देश में जैविक खेती को लेकर किसानों में जागरूकता आ रही है. किसान जैविक खेती को अधिक महत्व दे रहे हैं. भारत व हरियाणा सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें जैविक खेती के लिए अलग-अलग प्रदेशों से ट्रेनर बुलाकर किसानों को ट्रेनिंग देने की योजनाएं भी बना रही है

पानीपत में जैविक खेती को लेकर कई किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा रहे हैं. हमारी टीम पानीपत के दरियापुर गांव में पहुंची. इस गांव के किसान वीरभान जैविक खेती करते हैं. वो गोभी, मटर, प्याज और गेहूं की जैविक खेती करते हैं. वहीं वो गोबर से बने बायो गैस का इस्तेमाल रसोई का चूल्हा जलाने के लिए भी करते हैं.

ऑर्गेनिक खेती में किसान बना सबके लिए मिसाल.

वीरभान ऐसे बनाते हैं गोबर गैस
वीरभान ने खेतों के पास ही एक बड़ी अंडरग्राउंड सील पैक टंकी बनाई है, जिसे फर्मनटेशन टैंक कहते हैं. फर्मनटेशन टैंक से लिंक एक छोटी टैंक जिसे इनलेट कहा जाता है, उसमें वो रोज अपने पालतु पशुओं का गोबर और पानी अंडर ग्राउंड टंकी कहते हैं. उसी से लिंक एक छोटी टंकी में मिलाते हैं.

गोबर और पानी मिक्स होकर फर्मनटेशन टैंक में जाता है. जहां गोबर सड़ कर गैस बनाता है और ये गैस टंकी से पाइप के जरिए रसोई तक पहुंचाई जाती है. इस गैस से चूल्हा एलपीजी गैस के जैसे ही जलता है. वहीं उस टैंक में सड़े हुए गोबर का इस्तेमाल वीरभान आउटलेट टैंक से निकाल कर खेतों में खाद के तौर पर लेते हैं. जिससे उनकी फसलों को अलग रासायनिक खादों की जरूरत नहीं पड़ती है.

ये भी पढे़ं: जानें क्यों किसानों को परंपरागत खेती छोड़ सब्जियों की फसल लगानी चाहिए?

महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग

वहीं जीतगढ़ के रहने वाले दूसरे किसान सत्यवान का कहना है कि महाराष्ट्र के किसान विशेषज्ञ सुभाष पालेकर अक्सर किसानों को जैविक खेती के बारे में बताने के लिए हरियाणा आते हैं. वो इस बार फरवरी में आएंगे और महिलाओं भी को जैविक खेती के बारे में ज्ञान देंगे.

ऑर्गेनिक खेती है फायदे का सौदा
आपको बता दें कि जो किसान इसकी खेती करके इसको सही बाजार में बेचते हैं, उनको इसकी खेती से बहुत अधिक लाभ मिलता है क्योंकि इसके भाव भी बाजार में अच्छे बने रहते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऑर्गेनिक फसल कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. यही वजह है कि ऑर्गेनिक खाद्य सामग्री की मांग और डिमांड दोनों ज्यादा होती है. ऐसे में किसानों के लिए जैविक खेती काफी फायदे का सौदा है.

ये भी पढे़ं- पारंपरिक खेती छोड़ किसानों ने चुनी फूलों की खेती, अब हर महीने कमा रहे हैं लाखों रुपये

Intro:एंकर -आज पूरे देश में जैविक खेती को लेकर किसानों में आहिस्ता आहिस्ता जागृति आ रही है । किसान जैविक खेती को अधिक महत्व दे रहे हैं । भारत व हरियाणा सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें जैविक खेती के लिए अलग-अलग प्रदेशों से ट्रेनर बुलाकर किसानों को ट्रेनिंग देने की योजनाएं भी बना रही है। जिस कड़ी में महाराष्ट्र से सुभाष पालेकर जो कि जैविक खेती के सबसे अधिक जानकार माने जाते हैं फरवरी माह में हरियाणा में किसानों को ट्रेनिंग देने पहुंच रहे हैं ।जिसके मद्देनजर 50% महिलाओं को जैविक खेती के बारे में ज्ञान देंगे ।उन्हें जैविक खेती के लिए प्रेरित करेंगे ।पानीपत के भी कई किसान व महिलाएं किसान भी सुभाष पालेकर से जानकारी और शिक्षा लेने को तैयार है और सभी कुरुक्षेत्र पहुंचेंगे ।

Body:
विओ - पानीपत में जैविक खेती को लेकर कई किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पानीपत के दरियापुर गांव के वीरभान किसान के पास पहुंचे तो लाइव जैविक खेती कैसे करते हैं उन्होंने दिखाया उन्हें कहा कि मैं गोभी मटर प्याज गेहूं जैविक खेती के द्वारा कर रहा हूं। और घर में रसोई का चूल्हा भी गोबर गैस के द्वारा प्रयोग मिला रहा हूं ।उन्होंने गोबर गैस कैसे बनती है उसका लाइव डेमो दिखाएं ।उन्होंने कहा कि उन्होंने बुलंदशहर से 2015 में जैविक खेती के बारे में जानकारी ली और तब से वह जैविक खेती कर रहे हैं। फरवरी में होने वाली ट्रेनिंग के बारे में बड़े उत्साहित हैं । यहां से कई महिलाओं को भी जैविक खेती की ट्रेनिंग के लिए लेकर जाएंगे।

वीयो - जीत गढ़ के रहने वाले दूसरे किसान सत्यवान और काम करने वाली महिलाएं किसानों से जब बातचीत हुई सब सुभाष पालेकर की ट्रेनिंग के लिए तैयार है। उनका कहना है कि इससे हमें और नई जानकारी मिलेगी। सत्यवान तो सुभाष पालेकर को अपना गुरु मानते हैं ।जिनकी प्रेरणा से उन्होंने जैविक खेती शुरू की। सत्यवान जीवामृत तकनीक के द्वारा पिछले कई वर्षों से खेती कर रहे हैं। सत्यवान भी कुरुक्षेत्र में होने वाली जैविक खेती की ट्रेनिंग को लेकर खुद व कई महिलाओं को लेकर जाएंगे
वियों -होट्रीकल्चर अधिकारी महावीर ने कहा कि इस ट्रेनिंग से महिलाओं को काफी लाभ होगा और जैविक खेती से प्रेरित होकर अपनी आजीविका कमा सकेगी खुद भी कई महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे

Conclusion:लाइव डेमी जैविक खेती
बाइट -महावीर जिला उद्यान अधिकारी
बाइट -महिला किसान
बाइट -वीरभान किसान
बाइट -सत्यवान किसान
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