पानीपत: इन दिनों प्रकृति का रौद्र रूप डराने लगा है. भयंकर बारिश से चारों और पानी ही पानी नजर आ रहा है. तबाही के इस मंजर से अब लोगों की जिंदगी पर बन आई है. किसान की फसलें खराब हो गई. कहीं खेत पानी में गायब हो गए, तो कहीं सड़कें और रास्ते पानी में डूब गए. किसानों की धान की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है.
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पहाड़ों पर हो रही भयंकर बारिश से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक जा पहुंचा है. जिसके कारण यमुना नदी से सटे इलाकों में भी परेशानी बढ़ गई है. क्योंकि हथिनी कुंड बैराज में कल एक लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. करनाल पहुंचने पर यमुना के पानी ने कई इलाकों की फसलें तबाह कर दी और उसके बाद अब पानीपत की तरफ यमुना नदी का बहाव तेज होने लगा है. जिसके चलते अब किसानों की परेशानियां भी बढ़ने लगी है. यमुना नदी खतरे के निशान पर बह रही है. हालांकि अन्य जिलों से पानीपत जिले में बारिश कम हुई है और स्थिति सामान्य है. परंतु यमुना नदी के जलस्तर को लेकर चिंताएं बढ़ने लगी है.
यमुना नदी के सटे इलाकों में रहने वाले किसानों ने जो यमुना नदी के किनारे पर प्लेज (बेल वाली)की फसलें लगाई थी. वह यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से पहले ही बह चुकी है. अब खतरा धान की फसलों पर भी मंडराने लगा है. अगर हथनीकुंड बैराज से पानी की और मात्रा छोड़ी गई, तो यमुना से सटे इलाके में स्थिति खराब हो सकती है.
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इसके अलावा लगातार हो रही बारिश से कांवड़ यात्रा में शामिल हुए श्रद्धालुओं के लिए भी समस्या बढ़ चुकी है. क्योंकि लगातार बारिश के चलते हर जगह जलभराव हो चुका है और जलभराव की स्थिति में पैदल रास्तों पर चलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में कावड़ यात्रा में शामिल हुए श्रद्धालु को समय पर पहुंचना मुश्किल हो सकता है. अगर मौसम विभाग की मानें तो आज भी कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. अगले कुछ घंटों में प्रदेश के अंदर भयंकर बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं, बुधवार तक लगातार बारिश के जारी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.