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हरियाणा में फसल बीमा योजना फ्लॉप! किसान बोले- बीमे का पैसा कटता तो है, क्लेम नहीं मिलता

मनोहर सरकार की योजनाएं जमीन पर कितनी उतरी, इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम पहुंची पानीपत. योजनाओं के रिएलिटी चेक में इस बार हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को चुना है.

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Published : Jul 31, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 8:07 PM IST

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

पानीपत: हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में मनोहर सरकार की योजनाएं जमीन पर कितनी उतरी, इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम पहुंची पानीपत. योजनाओं के रिएलिटी चेक में इस बार हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को चुना है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 13 जनवरी 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू की.
  • योजना के तहत हर उस किसान की फसल का बीमा होगा, जिसके पास खुद की जमीन या बटाई पर ली गई जमीन है.
  • बाढ़, ओला, सूखा या आंधी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होती है तो किसान को इसका मुआवजा मिलेगा.
  • फसल खराब होने पर मुआवजा लेने के लिए किसान को फसल बोने के 10 दिन के भीतर बीमा करवाना होता है.
  • अगर फसल कटने के 14 दिन के अंदर किसी प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य वजह से फसल खराब हो जाती है, तो भी किसान को बीमा का पैसा मिलेगा.
  • बीमा करवाने के लिए किसान को प्रीमीयम की एक रकम भरनी पड़ती है.
  • किसान को खरीब की फसल का 2%, रबी का डेढ़ फीसदी और नकदी या बागवानी का 5 प्रतिशत पैसा बीमा के प्रीमियम के रूप में भरना पड़ता है.
  • फसल खराब होने पर किसान को बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है, जिसके बाद बीमा कंपनी खराब फसल का सर्वे करवाती है.
  • फसल का सर्वे होने के 30 दिन के भीतर किसान के खाते में मुआवजे का पैसा आ जाता है.
  • किसान अगर बीमा कंपनी से संपर्क नहीं कर पाता है, तो नजदीकी बैंक से भी संपर्क किया जा सकता है.

ज्यादातर लोगों को योजना की जानकारी नहीं

प्रधानमंत्री फसल योजना के बारे में जब पानीपत के लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस योजना की जानकारी नहीं है और ना ही बीमा का पैसा मिला है. लोगों का ये भी आरोप था कि सरकार की ये योजना बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है.

पानीपत: हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में मनोहर सरकार की योजनाएं जमीन पर कितनी उतरी, इसकी पड़ताल करने ईटीवी भारत की टीम पहुंची पानीपत. योजनाओं के रिएलिटी चेक में इस बार हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को चुना है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना?

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 13 जनवरी 2016 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू की.
  • योजना के तहत हर उस किसान की फसल का बीमा होगा, जिसके पास खुद की जमीन या बटाई पर ली गई जमीन है.
  • बाढ़, ओला, सूखा या आंधी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसल खराब होती है तो किसान को इसका मुआवजा मिलेगा.
  • फसल खराब होने पर मुआवजा लेने के लिए किसान को फसल बोने के 10 दिन के भीतर बीमा करवाना होता है.
  • अगर फसल कटने के 14 दिन के अंदर किसी प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य वजह से फसल खराब हो जाती है, तो भी किसान को बीमा का पैसा मिलेगा.
  • बीमा करवाने के लिए किसान को प्रीमीयम की एक रकम भरनी पड़ती है.
  • किसान को खरीब की फसल का 2%, रबी का डेढ़ फीसदी और नकदी या बागवानी का 5 प्रतिशत पैसा बीमा के प्रीमियम के रूप में भरना पड़ता है.
  • फसल खराब होने पर किसान को बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है, जिसके बाद बीमा कंपनी खराब फसल का सर्वे करवाती है.
  • फसल का सर्वे होने के 30 दिन के भीतर किसान के खाते में मुआवजे का पैसा आ जाता है.
  • किसान अगर बीमा कंपनी से संपर्क नहीं कर पाता है, तो नजदीकी बैंक से भी संपर्क किया जा सकता है.

ज्यादातर लोगों को योजना की जानकारी नहीं

प्रधानमंत्री फसल योजना के बारे में जब पानीपत के लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें इस योजना की जानकारी नहीं है और ना ही बीमा का पैसा मिला है. लोगों का ये भी आरोप था कि सरकार की ये योजना बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई गई है.

Intro:हरियाणा में मनोहर सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं बनाई हैं जैसे फसल बीमा योजना किसान समृद्धि योजना में भावांतर योजना जैसी कई स्कीमें किसानों के लिए प्रदेश में बनाई गई है पर आज तक इन योजनाओं का कितने प्रतिशत किसान लाभ उठा पाए हैं

इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने किसानों से फसल बीमा योजना के बारे में जानना चाहा कि क्या है फसल बीमा योजना जिले के अधिकांश किसानों को इस बीमा योजना के बारे में पता तक भी नहीं कि क्या यह योजना है इस बारे में किसान यूनियन के प्रधान सुरेश दहिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसान बीमा योजना सरकार का सिर्फ एक ढकोसला है ना तो इस बीमा योजना के तहत किसान लाभ उठा पाते हैं और ना ही किसानों को इसके बारे में जानकारी है और रही बात इस बीमा लाभ उठाने वाले किसान वही है जो या तो लोन के कर्जदार हैं या फिर जिनका एक स्मार्ट कार्ड बना हुआ है इसके द्वारा खुद ब खुद ही किसान का बीमा कर दिया जाता है और जिन किसानों के यह कार्ड नहीं बने हुए तो वह इस बीमा योजना से वंचित है

सरकार को चाहिए कि इसके बारे में किसानों को जागरूक करें पर धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है इन योजनाओं का लाभ तो बड़े किसान उठा लेते हैं जो किसान गरीब है और कम जमीन का मालिक है उसे इन योजनाओं के बारे में कुछ भी पता नहीं लगता फसल बीमा योजना को छोड़ जब हमने अन्य योजनाओं के बारे में किसानों से जानना चाहा तो उनका जवाब ना में ही था

किसानों बंटू मलिक का कहना था कि सरकार की तरफ से यह बीमा योजना तो चलाई गई है पर प्राकृतिक आपदा बाढ़ आकाशीय बिजली से होने वाली फसल की बर्बादी पर ही यह मुआवजा दिया जाएगा पर जलभराव जैसी स्थिति में और आग लगने जैसी स्थिति में फसल का कोई मुआवजा नहीं है उदाहरण देते हुए बंटू मलिक ने बताया कि नदी के टूटने से गांव कभी में खड़ी फसल बर्बाद हो गई थी और उसके बाद प्रशासन ने उन्हीं किसानों को नोटिस दे दिया कि आप नहर का पानी प्रयोग कर रहे हैं फसल बीमा योजना के तहत खेतों को इकाई न बनाकर पूरे गांव के खेतों को इकाई बना दिया है नुकसान होने की स्थिति में पूरे गांव के खेतों को मिलाकर मुआवजा देने का प्रवधान है तो यह बीमा योजना सिर्फ एक ढकोसला है।

इस योजना के तहत जो किसान केवाईसी यानी कि लोन के कर्जदार हैं उनके खुद ब खुद खाते से बीमे के लिए पैसे काट लिए जाते हैं और यहां तक कि खेतो में क्या फसल उगाई है कितनी उगाई है ये भी कोई देखने तक नही आता

बाईट:- स्थानीय किसान


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Last Updated : Sep 7, 2019, 8:07 PM IST
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