पानीपत: हरियाणा में लगातार हो रही बारिश की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. पहाड़ों में हो रही बारिश का असर भी अब मैदानी इलाकों में दिखने लगा है. सोमवार को हथिनी कुंड बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ा गया था. जो अब रौद्र रूप लेता जा रहा है. यमुनानगर से छोड़ा गया ये पानी पानीपत पहुंच चुका है. पानी का बहाव तेज होने की वजह से जलालपुर गांव के पास यमुना का तटबंध टूट गया. जिससे जलालपुर के खेत पानी में समा गए.
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तटबंध टूटने से सैकड़ों एकड़ फसल जलगम्न हो गई. अब ये पानी धनसोली गांव की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. तटबंध के टूटने की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और तटबंध को ठीक करने का काम शुरू करवाया. वहीं यमुना नदी में पानी अधिक होने से रहीमपुर खेड़ी गांव का संपर्क हरियाणा से बिल्कुल ही टूट चुका है. सनौली रोड पर बनी गौशाला में भी पानी भर चुका है. वहां मौजूद गायों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है.
कुछ गायों का रेस्क्यू कर लिया गया है, कुछ का करना बाकी है. तटबंध टूटने से पानी अब रिहाशी इलाके की तरफ रुख कर रहा है. अगर हथिनी कुंड बैराज से और पानी छोड़ा गया, तो यमुना की तलहटी में बसे गांव में पानी बड़ी तबाही मचा सकता है. किसानों के अनुसार सोमवार तक राणा माजरा, पत्थरगढ़, नवादा आर, नवादा पार, गढ़ी बेसिक, जलालपुर, तामशाबाद, सनौली खुर्द, रामड़ा आर, नन्हेड़ा, रिशपुर, अधमी, जलमाणा, गोयला खुर्द, मिर्जापुर, गोयला कलां, खोजकीपुर गांवों के सैकड़ों किसानों की 20 हजार एकड़ में गन्ना, धान और सब्जी समेत हरे चारे की फसलें डूब चुकी है. मंगलवार को बांध टूटने से अभी स्थिति और खराब हो गई है.