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पानीपत: सरकारी अस्पताल में न गार्ड ने संभाला..न ही नर्स ने, गेट पर ही हो गई महिला की डिलिवरी - सरकारी अस्पताल पानीपत

पानीपत के सामान्य अस्पताल से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक महिला ने जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचने से पहले बच्चे के जन्म दे दिया. इसके बाद भी स्टाफ का कोई भी सदस्य महिला को देखने नहीं आया.

pregnant woman child birth Panipat
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Published : Apr 18, 2021, 10:42 AM IST

पानीपत: सामान्य अस्पताल में उस वक्त सरकारी बदइंतजामियों की पोल खुल गई, जब एक गर्भवती महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया. एंबुलेंस से उतरते ही महिला ने जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचने से पहले को जन्म दिया. रास्ते से गुजर रही महिलाओं ने चुनियों की ओट करके जच्चा-बच्चा को ताजी हवा लगने से बचाया. लगभग 10 मिनट तक नवजात रोता रहा और मां फर्श पर पड़ी रही.

मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने मामले की सूचना इमरजेंसी वार्ड में दी और स्टेचर खींच कर महिला को जच्चा-बच्चा वार्ड के गेट तक पहुंचाया. आपको बता दें कि जच्चा-बच्चा वार्ड के बाहर गार्ड तथा एक फोर्थ क्लास की ड्यूटी होती है, मगर दोनों ही ड्यूटी से गायब मिले.

प्रसूति वार्ड की नर्सें भी जच्चा-बच्चा को देखने नहीं आई. मामले की सूचना मिलने के बाद इमरजेंसी विभाग के नर्सिंग स्टाफ ने जच्चा-बच्चा को संभाला व बाद में प्रसूति विभाग में दाखिल करवाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरेवाल कॉलोनी की महिला के गर्भकाल पूरा होने के बाद एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया था. महिला के परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस लगभग पौना घंटा लेट पहुंची.

ये भी पढ़ें- दो दिन पहले पिता ने की थी खुदकुशी, अब नहर में मिली 2 बच्चों की लाशें, एक अभी भी लापता

जैसे ही महिला सामान्य अस्पताल पहुंची तो जच्चा-बच्चा वार्ड के गेट के पास उसकी डिलीवरी हो गई. महिला के परिजनों का कहना है कि वो उसे सामान्य अस्पताल इसलिए लेकर आए थे ताकि डिलीवरी के दौरान उसे कोई समस्या ना हो. मगर अस्पताल की अव्यवस्थाओं के चलते महिला को बीच रास्ते ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

आरोप है कि डिलीवरी होने के 10 मिनट तक कोई स्टाफ उसे देखने नहीं आया और ना ही वहां मौके पर कोई गार्ड या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था. अच्छी बात ये है कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है.

पानीपत: सामान्य अस्पताल में उस वक्त सरकारी बदइंतजामियों की पोल खुल गई, जब एक गर्भवती महिला ने अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दिया. एंबुलेंस से उतरते ही महिला ने जच्चा-बच्चा वार्ड में पहुंचने से पहले को जन्म दिया. रास्ते से गुजर रही महिलाओं ने चुनियों की ओट करके जच्चा-बच्चा को ताजी हवा लगने से बचाया. लगभग 10 मिनट तक नवजात रोता रहा और मां फर्श पर पड़ी रही.

मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने मामले की सूचना इमरजेंसी वार्ड में दी और स्टेचर खींच कर महिला को जच्चा-बच्चा वार्ड के गेट तक पहुंचाया. आपको बता दें कि जच्चा-बच्चा वार्ड के बाहर गार्ड तथा एक फोर्थ क्लास की ड्यूटी होती है, मगर दोनों ही ड्यूटी से गायब मिले.

प्रसूति वार्ड की नर्सें भी जच्चा-बच्चा को देखने नहीं आई. मामले की सूचना मिलने के बाद इमरजेंसी विभाग के नर्सिंग स्टाफ ने जच्चा-बच्चा को संभाला व बाद में प्रसूति विभाग में दाखिल करवाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार पुरेवाल कॉलोनी की महिला के गर्भकाल पूरा होने के बाद एंबुलेंस सेवा को फोन किया गया था. महिला के परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस लगभग पौना घंटा लेट पहुंची.

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जैसे ही महिला सामान्य अस्पताल पहुंची तो जच्चा-बच्चा वार्ड के गेट के पास उसकी डिलीवरी हो गई. महिला के परिजनों का कहना है कि वो उसे सामान्य अस्पताल इसलिए लेकर आए थे ताकि डिलीवरी के दौरान उसे कोई समस्या ना हो. मगर अस्पताल की अव्यवस्थाओं के चलते महिला को बीच रास्ते ही बच्चे को जन्म देना पड़ा.

आरोप है कि डिलीवरी होने के 10 मिनट तक कोई स्टाफ उसे देखने नहीं आया और ना ही वहां मौके पर कोई गार्ड या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद था. अच्छी बात ये है कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है.

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