पानीपत: ऐतिहासिक नगरी में लाखों रुपये की लागत से बनाए गए रैन बसेरे नगर निगम की लापरवाही के कारण जर्जर हो चुके हैं. जिसके कारण गरीब, मजदूर और ठेला रेहड़ी लगाकर अपना गुजारा करने वाले रोगों को सर्द भरी रात फुटपाथ पर गुजारनी पड़ रही है. वहीं नगर निगम प्रशासन कुंभकर्णीय नींद में सोया हुआ है.
रैनबसेरे के टूटे दरवाजे और फटे गद्दे बता रहे हैं नगर निगम की लापरवाही
स्थानीय बस स्टैंड पर दो साल पहले लाखों रुपये से बनाए गए रैन बसेरे की हालत खस्ता है. यह रैन बसेरा प्रतिवर्ष सर्दियों में नगर निगम की ओर से खोले जाते हैं ताकि रात में बाहर से आने वाले जरूरतमंद और बेसहारा लोग रात गुजार सकें. लेकिन दुसरे को शरण देने के लिए बनाए गए रैन बसेरे खुद अपनी बदहाली का रोना रो रहा है. टूटे दरवाजे और फटे गद्दे बता रहे हैं कि नगर निगम इसके प्रति कितना जागरूक है.
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फुटपाथ पर रात गुजारने को मजबूर हैं गरीब
गरीब और मजदूर लोग स्टेशन के पास बने धर्मशालाओं में ठहरते हैं. लेकिन धर्मशाला देर रात को बंद हो जाती है.जिसके कारण गरीबों को फुटपाथ पर ही अपनी रात काटनी पड़ती है. ऐसे लोगों पर नगर निगम प्रशासन बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है.