पानीपत: आमजन और पुलिस में बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करने के लिए पानीपत पुलिस ने जिले के गांवों में ग्राम प्रहरी और सहायक ग्राम प्रहरी बनाए हैं. इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने 476 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. यह पुलिसकर्मी ग्रामीणों के साथ मिलकर बेहतर तालमेल स्थापित करेंगे. इसके साथ ही पुलिस को गांवों में शांति एवं कानून व्यवस्था स्थापित करने में भी इनका सहयोग मिलेगा.
पानीपत में बनाएं गए ग्राम प्रहरी: पुलिस का मानना है कि पानीपत में ग्राम प्रहरी के जरिए पुलिस आपराधिक वारदातों पर समय रहते अंकुश लगा सकेगी. इसी उद्देश्य के चलते जिले के प्रत्येक गांव व वार्ड में पुलिस के जवानों की ग्राम प्रहरी व सहायक ग्राम प्रहरी के तौर पर नियुक्ति की गई है. जानकारी के अनुसार पानीपत जिले के 195 गांव व 43 वार्डों में ग्राम प्रहरी और सहायक ग्राम प्रहरी लगाए गए हैं. इनके लिए 476 पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी साैंपी गई है.
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गांव की प्रत्येक गतिविधि पर होगी नजर: सभी पुलिसकर्मी गांव और वार्डों में आमजन के साथ समन्वय स्थापित कर प्रत्येक गतिविधि पर विशेष रूप से नजर बनाए हुए हैं. इस अभियान का नोडल अधिकारी पुलिस उप अधीक्षक मुख्यालय धर्मबीर खर्ब को बनाया गया है. पानीपत पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि अब तक ग्राम प्रहरियों ने गांव नगला आर, जलालपुर, खलीला, प्रहलादपुर, अजीजुल्लापुर, हथवाला, गढ़सरनाई, सनौली कलां, नगला पार, कारद, बेगमपुर, करहंस व वार्ड 21 में पहुंचकर वहां लोगों से मिलकर बिंदूवार जानकारी रजिस्टर में अंकित की है.
ग्राम प्रहरी जुटा रहे हैं यह जानकारी: इस अभियान के तहत पुलिस गांव की कुल जनसंख्या, नशा करने व नशीला पदार्थ बेचने वाले लोगों के नाम, किरायेदारों का विवरण, अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की सूची, जमीनी विवाद व आपसी रंजिश, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों की सूची, पीओ बेल जंपर की सूची, गैंगवार व अपराधिक संगठनों से जुड़े लोगों की सूची के साथ ही साइबर कैफे संचालक, होटल, धर्मशाला और टैक्सी चालकों की जानकारी जुटा रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रत्येक गांव व वार्ड का अलग-अलग रजिस्टर बनाया गया है.
ड्रॉप आउट बच्चों को भी दोबारा भेजेंगे स्कूल: पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस दौरान ऐसे बच्चों की भी जानकारी एकत्रित की जा रही है जो किसी कारणवश स्कूल छोड़ चुके हैं. ऐसे बच्चों को दोबारा स्कूल भेजने के लिए पुलिस गांव के मौजिज व्यक्तियों की मदद लेगी और उनके परिजनों को उन्हें फिर से स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करेगी. क्योंकि ऐसे बच्चे ही पथ-भ्रष्ट होकर अपराध के मार्ग को चुनते हैं. उन्होंने बताया कि ग्राम प्रहरी के जरिए गांव व वार्डों की प्रत्येक गतिविधियों की सूचना पुलिस को मिलेगी, जिससे आपराधिक वारदातों पर समय रहते अंकुश लगाया जा सकेगा.