पानीपत: शायद ही कोई होगा जिसने पानीपत जिले (Panipat) का नाम नहीं सुना होगा. सदियों से इस जिले को तीन लड़ाइयों के लिए पढ़ा जाता है, लेकिन आज ये जिला अपनी पहचान कई क्षेत्रों में बना चुका है. पानीपत जिले ने अब पूरी दुनिया में घागा प्रोडक्शन के क्षेत्र में पैठ बना ली है. पानीपत जिले के यार्न मैन्युफैक्चर्स (Panipat Yarn Manufacturers) अपने काम में इतने आगे निकल चुके हैं कि उन्होंने इटली को पछाड़ कर भारत को दुनिया में सबसे ज्यादा यार्न बनाने वाला देश बना दिया है.
साल 1980 में ओपन इंडस्ट्री का आगाज हुआ था. तब से आज तक पूरी दुनिया में पानीपत से धागा एक्सपोर्ट (Yarn Export From Panipat) किया जाता है, पानीपत के स्पिनिंग मिल अलग-अलग देशों से लाखों टन यूज्ड कपड़ा मंगाते हैं. रंगों के हिसाब से उसकी छंटाई की जाती है. फिर उन कपड़ों की रूई बनाई जाती है, और फिर वो रूई मशीनों के जरिए धागा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इस प्रोसेस में फ्रेश धागा बनाने से बहुत कम कीमत लगती है. इन धागों से कारपेट, पर्दे, सोफा सेट, बेडशीट, गलीचे और रस्सी बनाए जाते हैं. सस्ते धागे से बने होने की वजह से प्रोडक्ट भी काफी सस्ता पड़ता है. जिस वजह पानीपत जिले का धागा पूरी दुनिया में पॉपुलर हो रहा है.
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देश में 80 फीसदी धागे पानीपत में होते हैं रिसाइकिल: आपको जान कर हैरानी होगी कि आज पूरे देश के धागा रिसाइकलिंक करने के 80% उद्योग पानीपत में हैं. जिले में करीब 70 धागा मिल रोजाना 70 लाख किलो धागा बनाती हैं. जिसका 10 हजार करोड रुपए टर्न ओवर है. उम्मीद जताई जा रही है ये बिजनेस आने वाले वक्त में दोगुना हो सकता है. ऐसे में अगर पानीपत को धागों का ग्लोबल मास्टर कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
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