पानीपत: बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. पानीपत में आशा वर्कर, मिड-डे-मील के सभी कर्मचारियों ने भी इस हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग लिया. आशा वर्करों का कहना है कि वह सरकार को चेताना चाहते हैं या तो सरकार उनकी मांगे मान जाए नहीं तो फरवरी माह में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.
आशा वर्करों की मांग है कि सरकार फॉर्मेट को बंद कर दें और उनका न्यूनतम वेतन फिक्स कर दे. आशा वर्करों का आरोप है कि आज महिलाएं और बेटियां सरकार की मनमानी के चलते सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं, सरकार द्वारा वैसे तो बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जाता है, लेकिन आज लड़कियां और महिलाएं सड़कों पर हैं.
कई ट्रेड यूनियनों ने लिया हिस्सा
इसके साथ ही पानीपत से अलग-अलग ट्रेड यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लिया और अपना रोष प्रकट किया. सभी ने एकजुट होकर अपने-अपने कार्यालयों से होते हुए पानीपत के लघु सचिवालय पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया. राष्ट्रव्यापी हड़ताल में आज सरकारी विभाग के कर्मचारी भाग ले रहे हैं, ट्रेड यूनियन हो या किसी विभाग के कर्मचारी सभी एकजुट होकर इस हड़ताल में भाग ले रहे हैं.
पूरा दिन रहा हड़ताल के नाम!
बुधवार के दिन पानीपत में पूरा दिन हड़ताल के नाम रहा सभी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में जुटे रहे. आज पूरे देश में 25 करोड़ लोग मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ तमाम सड़कों पर हैं. इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के सदस्य पूरे देश की हड़ताल में शामिल है. मजदूर विरोधी नीतियों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.
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