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हरियाणा पुलिस ने पकड़ी ऑटोमैटिक हथियारों की अवैध फैक्ट्री, पूरे देश में हो रहे थे सप्लाई - बंदूक सप्लाई पानीपत से पंजाब

हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने एक ऐसी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है, जो देश में बदमाशों, गुंडों, डकैतों को रिवॉल्वर, ऑटोमिटिक पिस्टल और मॉडर्न हथियार मुहैया करवा रही थी. आतंक की इस फैक्ट्री (Gun Factory) का हथियार फैलाने का तरीका भी काफी हैरान करने वाला है, आप भी पढ़ें-

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पुलिस के कब्जे में ऑटोमेटिक गन
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Published : Sep 9, 2021, 9:42 PM IST

Updated : Sep 10, 2021, 9:20 AM IST

पानीपत: देश में कहीं भी स्थिति तनावपूर्ण होती है, तो भीड़ के बीच कुछ बदमाश हाथों में हथियार लहराते निकल पड़ते खून-खराबा करने, तो कहीं कुछ नकाबपोश हथियारों के दम पर दंगों को भड़काने निकल पड़ते हैं, तो कभी कुछ गुंड़े तमंचे की नोक पर बेगुनाहों को लूटने निकल पड़ते हैं. ऐसी खबरें आज आम हो चली हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि इन बदमाशों के पास हथियार आते कहां से हैं, कौन इन्हें मुहैया करवाता है. आज हम ऐसे ही अवैध हथियारों की एक अवैध फैक्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश के कई राज्यों में आतंक फैलाने का काम कर रहा था.

हम आपको मध्य प्रदेश की जिस फैक्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं वहां देशी तमंचे नहीं बनाए जाते, वहां बनाया जाते हैं ऑटोमेटिक गन, मॉडर्न पिस्टल और भी कई खतरनाक बंदूकें बनाई जाती हैं. यहां बनने वाले पिस्टल की कीमत 40 हजार से 50 रुपये तक लगाई जाती है. जो पूरे उत्तर भारत में असलाह सप्लाई किए जाते हैं. इन हथियारों को सप्लाई करने के लिए ट्रेन और बसों का सहारा लेते थे और कस्टमर को डिलिवरी करते थे. इन हथियारों की डिलिवरी करने वालों को काफी रिस्क उठाना पड़ता है, इसलिए उन्हें 8 से 10 हजार रुपये का कमीशन दिया जाता है.

पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए पानीपत एसपी शशांक आनंद, देखिए वीडियो

कैसे हुआ खुलासा: पानीपत पुलिस ने 18 अगस्त 2021 को एक महफूज नाम के तस्कर के बारे में टिप मिली. पुलिस टीम बना कर महफूज को चौटाला रोड के पास पकड़ लिया. आरोपी की पहचान महफूज उर्फ फौजी निवासी बुड्ढा खेड़ा सहारनपुर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई. जब पुलिस ने उसके बैग में तलाशी ली तो उसके पास पांच अवैध असलाह मिले. पुलिस ने महफूज को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ किया, तो पता चला कि वो अब तक 500 से ज्यादा अवैध बंदूकें सप्लाई कर चुका है.

ऐसे महफूज बना तस्कर: महफूज ने पुलिस रिमांड में बताया कि वो टैक्सी चालक था. कुछ समय पहले बुकिंग लेकर वह मध्यप्रदेश गया था. वहां उसकी मुलाकात बच्चन सिंह उर्फ बच्चे यादव से हुई. बच्चे यादव के कनेक्शन में आने के बाद वो अवैध पिस्टल की सप्लाई करने लगा. वो 40 से 50 हजार रुपये में एक पिस्टल स्पलाई करता और 8-10 रुपये जेब में आ जाते थे. शुरुआत में महफूज एक-दो पिस्टल लाकर यहां हरियाणा-पंजाब और उत्तर प्रदेश में सप्लाई करता लेकिन डिमांड बढ़ने लगी तो उसने बच्चन सिंह से बड़ी खेप भी लेने लगा.

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पुलिस की गिरफ्त में तस्कर महफूज और उसके साथी

जब फंसे बच्ची यादव के गुर्गे: एरिया में ज्यादा डिमांड होने की वजह से खुद बच्ची यादव ने अपने दो गुर्गो हीरालाल और संतोष राय को पिस्टल की बड़ी खेप के साथ पानीपत भेजा था, लेकिन घात लगाकर बैठी पुलिस ने दोनों को 8 अवैध पिस्टल में 13 मैगजीन सहित काबू कर लिया, लेकिन इन दोनों के साथ आए साथी भागने में कामयाब हो गए. हीरालाल और संतोष राय से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने अपना ठिकाना बताया और जब पुलिस ने इस ठिकाने पर दबिश दी तो पुलिस को भारी मात्रा में अवैध पिस्टल और मैगजीन बरामद हुई. आरोपियों के ठिकाने से पानीपत पुलिस 30 पिस्टल और 45 मैगजीन बरामद हुई.

पानीपत के डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी दी कि अवैध पिस्टल की सप्लाई करने के लिए आरोपी बस और ट्रेन का सहारा लेते थे. जब आरोपी अवैध हथियारों के साथ दिल्ली पहुंचने वाले होते थे, तो वो मेटल डिटेक्टर और पुलिस से बचने के लिए एक स्टेशन पहले उतर कर किसी लोकल सवारी का सहारा लेकर बाहर से पानीपत के लिए सवारी पकड़ते थे.

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बंदूकों के जखीरे के साथ पुलिस टीम

खास बात ये है पिस्तौल की फैक्ट्री में मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर सप्लाई का सभी काम करने वाले आपस में रिश्तेदार हैं, सिर्फ महफूज ही था जो इन लोगों के साथ इत्तेफाकन जुड़ गया था. महफूज की गिरफ्तारी के बाद पानीपत पुलिस की सूझबूझ ने आतंक फैलाने वाली फैक्ट्री का भंडा फोड़ हो पाया. फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

पानीपत: देश में कहीं भी स्थिति तनावपूर्ण होती है, तो भीड़ के बीच कुछ बदमाश हाथों में हथियार लहराते निकल पड़ते खून-खराबा करने, तो कहीं कुछ नकाबपोश हथियारों के दम पर दंगों को भड़काने निकल पड़ते हैं, तो कभी कुछ गुंड़े तमंचे की नोक पर बेगुनाहों को लूटने निकल पड़ते हैं. ऐसी खबरें आज आम हो चली हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि इन बदमाशों के पास हथियार आते कहां से हैं, कौन इन्हें मुहैया करवाता है. आज हम ऐसे ही अवैध हथियारों की एक अवैध फैक्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश के कई राज्यों में आतंक फैलाने का काम कर रहा था.

हम आपको मध्य प्रदेश की जिस फैक्ट्री के बारे में बताने जा रहे हैं वहां देशी तमंचे नहीं बनाए जाते, वहां बनाया जाते हैं ऑटोमेटिक गन, मॉडर्न पिस्टल और भी कई खतरनाक बंदूकें बनाई जाती हैं. यहां बनने वाले पिस्टल की कीमत 40 हजार से 50 रुपये तक लगाई जाती है. जो पूरे उत्तर भारत में असलाह सप्लाई किए जाते हैं. इन हथियारों को सप्लाई करने के लिए ट्रेन और बसों का सहारा लेते थे और कस्टमर को डिलिवरी करते थे. इन हथियारों की डिलिवरी करने वालों को काफी रिस्क उठाना पड़ता है, इसलिए उन्हें 8 से 10 हजार रुपये का कमीशन दिया जाता है.

पूरे मामले के बारे में जानकारी देते हुए पानीपत एसपी शशांक आनंद, देखिए वीडियो

कैसे हुआ खुलासा: पानीपत पुलिस ने 18 अगस्त 2021 को एक महफूज नाम के तस्कर के बारे में टिप मिली. पुलिस टीम बना कर महफूज को चौटाला रोड के पास पकड़ लिया. आरोपी की पहचान महफूज उर्फ फौजी निवासी बुड्ढा खेड़ा सहारनपुर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई. जब पुलिस ने उसके बैग में तलाशी ली तो उसके पास पांच अवैध असलाह मिले. पुलिस ने महफूज को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ किया, तो पता चला कि वो अब तक 500 से ज्यादा अवैध बंदूकें सप्लाई कर चुका है.

ऐसे महफूज बना तस्कर: महफूज ने पुलिस रिमांड में बताया कि वो टैक्सी चालक था. कुछ समय पहले बुकिंग लेकर वह मध्यप्रदेश गया था. वहां उसकी मुलाकात बच्चन सिंह उर्फ बच्चे यादव से हुई. बच्चे यादव के कनेक्शन में आने के बाद वो अवैध पिस्टल की सप्लाई करने लगा. वो 40 से 50 हजार रुपये में एक पिस्टल स्पलाई करता और 8-10 रुपये जेब में आ जाते थे. शुरुआत में महफूज एक-दो पिस्टल लाकर यहां हरियाणा-पंजाब और उत्तर प्रदेश में सप्लाई करता लेकिन डिमांड बढ़ने लगी तो उसने बच्चन सिंह से बड़ी खेप भी लेने लगा.

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पुलिस की गिरफ्त में तस्कर महफूज और उसके साथी

जब फंसे बच्ची यादव के गुर्गे: एरिया में ज्यादा डिमांड होने की वजह से खुद बच्ची यादव ने अपने दो गुर्गो हीरालाल और संतोष राय को पिस्टल की बड़ी खेप के साथ पानीपत भेजा था, लेकिन घात लगाकर बैठी पुलिस ने दोनों को 8 अवैध पिस्टल में 13 मैगजीन सहित काबू कर लिया, लेकिन इन दोनों के साथ आए साथी भागने में कामयाब हो गए. हीरालाल और संतोष राय से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने अपना ठिकाना बताया और जब पुलिस ने इस ठिकाने पर दबिश दी तो पुलिस को भारी मात्रा में अवैध पिस्टल और मैगजीन बरामद हुई. आरोपियों के ठिकाने से पानीपत पुलिस 30 पिस्टल और 45 मैगजीन बरामद हुई.

पानीपत के डीएसपी सतीश वत्स ने जानकारी दी कि अवैध पिस्टल की सप्लाई करने के लिए आरोपी बस और ट्रेन का सहारा लेते थे. जब आरोपी अवैध हथियारों के साथ दिल्ली पहुंचने वाले होते थे, तो वो मेटल डिटेक्टर और पुलिस से बचने के लिए एक स्टेशन पहले उतर कर किसी लोकल सवारी का सहारा लेकर बाहर से पानीपत के लिए सवारी पकड़ते थे.

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बंदूकों के जखीरे के साथ पुलिस टीम

खास बात ये है पिस्तौल की फैक्ट्री में मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर सप्लाई का सभी काम करने वाले आपस में रिश्तेदार हैं, सिर्फ महफूज ही था जो इन लोगों के साथ इत्तेफाकन जुड़ गया था. महफूज की गिरफ्तारी के बाद पानीपत पुलिस की सूझबूझ ने आतंक फैलाने वाली फैक्ट्री का भंडा फोड़ हो पाया. फिलहाल पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

Last Updated : Sep 10, 2021, 9:20 AM IST
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