पानीपतः भूख किसी इंसान को किस कदर मजबूर कर सकती है. इसकी बानगी प्रदेश की औद्योगिक नगरी पानीपत से गुजरते नेशनल हाइवे- 1 पर स्थित तहसील कैंप चौक से सामने आई एक तस्वीर में देखने को मिली है. जहां बदहाल स्थिति में दिख रहा एक शख्स कूड़े के ढेर से खाना चुनकर खाता दिखा.
तस्वीर ऐसी है कि उसे देखकर पत्थर भी पिघल जाए और देश और समाज का सिर शर्म से झुक जाए. बेघर और बेसहारा दिख रहा शख्स जिस जगह कूड़े के ढेर में अपनी भूख मिटा रहा था. वहां से कुछ ही दूरी पर जिला सचिवालय भी स्थित है, जहां जिले के बड़े-बड़े अधिकारी जमे रहते हैं.
कूड़े के ढेर से खाना चुन-चुनकर शख्स ने मिटाई भूख
लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. ढाबे और खाने पीने की चीजों की दुकानें भी बंद हैं. ऐसे में गरीब और सड़क पर अपना गुजारा करने वाले लोगों की शामत आ गई है. ऐसे लोग भूख से बिलबिला रहे हैं और जैसे तैसे अपना पेट भरने को मजूबर हैं.
ऐसे में गर्मी में सर्दियों के कपड़े पहने मंदबुद्धि दिखने वाले इस शख्स को जब तक कूड़े के ढेर में खाना मिलता रहा वो उसे चुन-चुनकर खाता रहा और बाद में जब कुछ खाने को नहीं रह गया तो कूड़े के ढेर से एक सड़ा गला सेब उठाकर उसे खाते हुए वहां से चला गया.
कहीं भूखमरी की रास्ते पर ना ढकेल दे कोरोना से जंग
लॉकडाउन के दौर में सरकार और प्रशासन लोगों को खाना खिलाने के दावे कर रहे हैं. समाजसेवी संस्थाएं भी खाना बांट रही हैं. लेकिन शायद किसी की नजर इस तरह के लोगों पर नहीं पड़ रही है, जो बेघर हैं, बेसहारा हैं और बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं. इस तस्वीर देखकर तो ऐसा लग रहा है कि कोरोना से लोगों को बचाते-बचाते कहीं भूख से दम तोड़ चुके लोगों के शव उठाने की नौबत ना जाए.
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