पानीपतः हैदराबाद में हुई हैवानियत को लेकर पानीपत में लोगों का कहना है कि शाम के समय महिलाएं अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकती. उनका कहना है कि एक और गंदी मानसिकता के चलते लोग महिलाओं और लड़कियों को उनके पहनावे को दोषी ठहराते हैं. वहीं युवाओं का कहना है कि देश के अंदर कानून नाम की कोई चीज नहीं है जिसके चलते इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं. उनका कहना है कि कब बेटियां घर में छुपकर रहेंगी. प्रशासन को इसका कोई न कोई हल तो निकालना ही होगा.
फांसी से भी कड़ी सजा की मांग
निर्भया कांड मामले में अभी तक दोषियों को फांसी की सजा नहीं दी गई है. वहीं अब ये दूसरा मामला इंसानियत को शर्मसार करने वाला सामने आया है. युवाओं का कहना है कि इस शर्मशार करने वाली घटना से देशवासियों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हर कोई यही मांग कर रहा है कि इन दोषियों को फांसी की सजा दी जाए. यहां तक कि इनके लिए फांसी की सजा बहुत कम है अगर कानून में इससे भी कोई कड़ी सजा है तो वो सजा इन दोषियों को दी जाए.
पानीपत की महिलाओं का कहना है कि डॉक्टर के आरोपियों के लिए फांसी तो बहुत ही कम सजा है. उनका कहना है कि आरोपियों को जनता के बीच लाकर पीट-पीटकर मार देना चाहिए. ऐसी सजा देना चाहिए ताकि आगे कोई भी इस तरह की हरकत के बारे में सोचने से पहले ही कांप उठे.
कहां गई इंसानियत?
जाहिर है कि हैवानियत की सारी हदों को पार कर महिला पशुचिकित्सक के साथ जो घिनौनी वारदात हुई है उसके बाद से हर किसी के मन एक ही सवाल है आखिर क्यों और कब तक. आए दिन बढ़ रहे इन अपराधों ने पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं.
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वहीं दूसरी ओर समाज में पल रहे ऐसे असमाजिक तत्वों के लिए भी प्रशासन से कड़े कानून की मांग जनता लगातार कर रही है. ऐसे में देखने वाली बात ये है कि आखिर कब तक प्रशासन इन दरिंदों को कड़ी सजा देकर महिला चिकित्सक के परिवार को इंसाफ दिलाता है.
ये है मामला
बता दें कि मामला गुरुवार का है. जहां तेलंगाना के हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के साथ मदद के बहाने गैंगरेप किया गया. इसके बाद महिला की हत्या कर शव को चला दिया गया. गुरुवार को पुलिस को शव अधजली हालत में मिला. फिलहाल पुलिस मामले में जांच में जुटी हुई है और जल्द आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दे रही है.