पानीपत: नगर निगम हाउस की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में लाईट स्कैम पर पानीपत के तत्कालीन अभियंता और हाल में जींद अभियंता को सस्पेंड करने की सिफारिश चंडीगढ़ मुख्यालय को भेजी और स्टेट विजिलेंस से इसकी जांच करवाने की मांग की.
पार्षद दुष्यंत भट्ट ने कहा कि जब तक स्टेट विजिलेंस की रिपोर्ट नहीं आती, इस अफसर को कहीं पर भी पोस्टिंग न दी जाए. दुष्यंत भट्ट ने कहा कि अब वो आक्रमक मूड में है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अब तक अधिकारियों पर जो रहमदिली दिखाई वो अब दिखाने वाली नहीं है.
निगम में ठेकेदारों का असर
इसके साथ ही विधायक प्रमोद विज ने कहा कि अधिकारियों ने सब कुछ मजाक में लिया हुआ है. सिस्टम पूरी तरह से कोलेप्स्ड है. निगम में कोई नियम नहीं है. अधिकारियों से ज्यादा नगर निगम में ठेकेदारों का असर हो रहा है. लेकिन अब ऐसा नही होने देंगे.
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कैसे हुआ घोटाला?
बता दें कि पानीपत में स्ट्रीट लाइटों के नाम पर 3 करोड़ का घोटाला सामने आया है. घपले में नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार शामिल हैं. पता चला है कि कबाड़ी से 4 हजार रुपये में पुरानी पाइप खरीदी गई और फिर पेंट कराकर 2 हजार रुपये की लाइट लगाई गई, लेकिन बिल बना तो लाइटों पर प्रसिद्ध कंपनियों के स्टीकर लगाकर तीन लाख रुपये का. इसके साथ ही अधिकारियों ने ठेकेदारों को मेंटेनेंस की पेमेंट भी कर दी.
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