पानीपत: गर्मी में हर किसी को तरबूज खाना पसंद होता है. तरबूज जितना फायदेमंद और स्वादिष्ट है, उसमें उतने ही बीज होते हैं. जिस वजह से बच्चे और बुजुर्ग इसे नहीं खा पाते हैं, लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले के किसान ने ऐसा तरबूज तैयार किया है जो बिना बीज का है. ये तरबूज डायबिटीज मरीजों के लिए भी फायदेमंद है.
विशेष रूप से तैयार किए गए इस तरबूज में पानी की मात्रा और मिठास भी आम तरबूज से ज्यादा है. इस विशेष किस्म के तरबूज को उगाने के ट्रायल भी शुरू किए जा चुके हैं. राम प्रताप ने शुरुआत में इस तरबूज के 500 पौधे लगाए हैं.
क्या है तरबूज की खासियत?
- तरबूज का बीज ताइवान से लाया गया है
- तरबूज बिना बीज का है और डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है.
- तरबूज का वजन 4 से 6 किलो के बीच में है
- आम तरबूजों से ज्यादा रसीला और मीठा है
- ये तरबूज बिना किसी कैमिकल के उगाया गया है
पॉलिनेशन बेहद अहम
किसान राम प्रताप ने बताया कि इस तरबूज के फूल का पॉलीनेशन(फूलों का परागन) खुद करना पड़ता है. फल आने के बाद मेल और फीमेल फूल का आपस मे पॉलीनेशन कराया जाता है. अगर पोलीनेशन नहीं किया जायेगा तो तरबूज में बीज आ जाते हैं. राम प्रताप तरबूज के अलावा कई दूसरी तरह की सब्जियां भी बिना कैमिकल के लगाते हैं, जो दूसरे राज्यों में भी भेजी जाती है.
बीएससी करने के बाद जब सफलता हाथ नहीं लगी तो राम प्रताप ने खेती करनी शुरू की. रामप्रताप 18 एकड़ में खेतीबाड़ी करते हैं, जिसमें वो करीब 1 हजार 445 टन जैविक खेती से फल और सब्जियां उगाते हैं. उनहें 7 साल पहले नेशनल हॉर्टिकल्चर एंड रिसर्च डेवलमेंट(NHRD) में पहला स्थान मिल चुका है.
राम प्रताप को मिल चुके हैं कई ऑवार्ड
सिवाह गांव के रहने वाले राम प्रताप पिछले 15 सालों से खेती कर रहे हैं. राम प्रताप को हरियाणा सरकार कई बार कृषि क्षेत्र में किए गए विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी कर चुकी है.
4 साल पहले सर्वश्रेष्ठ बागबानी में उन्हें प्रथम स्थान मिला. इसके अलावा 3 साल पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बागबानी और खेती बाड़ी में उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया. इसी साल मार्च में हरियाणा कृषि रत्न से भी वो सम्मानित किए जा चुके हैं. साथ ही मार्च 2020 में ही आलू और मटर सब्जी एक्सपो में प्रथम स्थान भी मिल चुका है.
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