पानीपत: हरियाणा रोडवेज में फर्जीवाड़े (Scam in Haryana Roadways) का मामला सामने आया है. पानीपत के रोडवेज कर्मचारियों पर हैवी ड्राइविंग लाइसेंस का ड्राइविंग सर्टिफिकेट बनवाने की एवेज में पैसे लेने का आरोप लगा है. जानकारी के अनुसार एक बैच में 18 बच्चों से फर्जी ड्राइविंग टेस्ट पास करवाकर, हर बच्चे से 20 हजार रुपये लिए गए थे.
जिसके बाद मामला संज्ञान में आते ही पानीपत डिपो के जीएम कुलदीप जांगड़ा (Panipat depot GM Kuldeep Jangra) ने तीन रोडवेज कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया. आरोप है कि सस्पेंड किए गए 3 कर्मचारियों ने मिलीभगत कर हैवी ड्राइविंग लाइसेंस के सर्टिफिकेट जारी किए. साथ में इन्होंने लाखों रुपयों का गबन किया है. इस मामले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से सम्मलित अन्य 9 कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है.
ऐसे हुआ खुलासा: रोडवेज जीएम कुलदीप जांगड़ा ने बताया कि इस मामले का खुलासा बैच नंबर 1209 के सटिफिकेट जारी करने के दौरान हुआ. दरअसल, हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग देने के लिए ड्राइवर सुनील कुमार, ड्राइवर प्रदीप और ड्राइवर नरेश को नियुक्त किया गया. पूर्व में रहे जीएम ने सुनील कुमार को इन ट्रेनरों का इंचार्ज बनाया था. इतना ही नहीं, इंचार्ज सुनील कुमार ने रोडवेज डिपो में एक प्राइवेट व्यक्ति को अवैध रुप से डाटा एंट्री ऑपरेटर लगाया हुआ था. उक्त बैच नंबर में 129 लोगों को हैवी ड्राइविंग लाइसेंस दिया जाना था.
तीनों ड्राइवरों ने 20 हजार रुपये प्रति अभियार्थी लेकर बिना उनके आए डाटा एंट्री ऑपरेटर से हाजिरी ऑनलाइन भरवा दी. उनके सर्टिफिकेट जारी करने के लिए रोडवेज जीएम की टेबल पर साइन करने के लिए सर्टिफिकेट रख दिए. इन सर्टिफिकेट पर साइन करने के दौरान जीएम के नजर में कई तथ्य सामने आए. जिसके बाद उन्होंने इस बारे में जांच करने के लिए AO, ADA और OS की एक संयुक्त टीम गठित कर दी. जिनकी एक माह की जांच में इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ.
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जीएम जांगड़ा ने बताया कि इस जांच के बाद इंचार्ज समेत तीनों को सस्पेंड व चार्जशीट किया गया है. वहीं, ट्रेनिंग देने वाली टीम में शामिल 9 और कर्मचारियों को चार्जशीट किया गया है. उन्हें आरोप पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. ये पूरी टीम बदल दी गई है. सस्पेंड किए गए तीनों ड्राइवरों को हरिद्वार जैसे बड़े रुट पर बतौर सजायाफ्ता लगाया गया है. सस्पेंड के दौरान उनका वेतन भी 35 से 40 प्रतिशत मिलेगा. इसके अलावा बैच 1209 में 18 लोगों के सर्टिफिकेट जारी कर शामिल जांच होने के बारे में कहा गया है. 11 लोगों की ट्रेनिंग को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है. 100 लोगों को सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं. ये बैच 1 दिसंबर से 4 जनवरी तक का था. हर 35 दिन बाद एक नया बैच बनाया जाता है. जिसमें ये तीनों आरोपी इसी तरह लाखों का घपला करते आ रहे हैं.
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