पानीपतः शहर के एक सरकारी स्कूल में बच्चे जान दांव पर लगाकर पढ़ाई करने आते हैं. स्कूल में अगर कभी आग लग भी जाए तो बच्चों को उस भीषण वारदात से बचाने के लिए स्कूल प्रशासन के पास पर्याप्त यंत्र ही नहीं है और जो कुछ एक हैं तो वो भी एक्सपायरी डेट के हैं.
ऐसे में दिल्ली अग्निकांड की तरह अगर कभी भी कोई बड़ा हादसा होता है तो बच्चों की जान जोखिम में पड़ सकती है. स्कूल अध्यापकों का कहना है कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत दी है लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
दिल्ली में भीषण अग्निकांड में 43 लोगों की मौत के बाद से पूरा देश दहला हुआ है. सरकारी दफ्तरों से लेकर प्राइवेट ऑफिस तक में अग्निशमन यंत्रों को सुचारू करने की कवायद भी शुरू हो चुकी है.
इसी कड़ी में हमने पानीपत के एक सरकारी स्कूल का मुआयना किया. जिसमें स्कूल में बच्चों को आग से बचाने के लिए लगाए गए उपकरणों की जांच की गई. हालांकि जब हम स्कूल में अग्निशमन यंत्र की असलियत जानने पहुंचे तो हमारे भी होश उड़ गए.
एक्सपायर हुए उपकरण
पानीपत के मॉडर्न संस्कृति स्कूल में आगजनी की घटना से निपटने की कोई सुविधा नहीं है. स्कूल में मुआयने के दौरान सामने आया कि 2809 बच्चों के पीछे केवल 4 अग्निशमन यंत्र और वो भी एक्सपायरी डेट के स्कूल में लगे हुए हैं. पूछताछ में सामने आया कि पिछले 3 सालों से ये अग्निशमन यंत्र चेक ही नहीं करवाए गए हैं. यानी स्कूल में आग से निपटने के लिए लगाए गए यंत्र एक्सपायर हो चुके हैं.
मौत के साए में बच्चे!
स्कूल में आगजनी से निपटने के लिए सुविधाओं के अभाव को लेकर हमने स्कूल में अध्यापकों से भी बातचीत की. स्कूल अध्यापक कंवर पाल ने कहा कि स्कूल में अग्निशमन यंत्र तो हैं लेकिन सब खराब पड़े हैं.
अध्यापक के मुताबिक स्कूल में लगे ये यंत्र केवल सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. यानी स्कूल में सुविधाएं तो हैं लेकिन वो सब एक्सपायरी हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही से बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है.
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केमिस्ट्री लैब में भी नहीं कोई सुविधा
इसके बाद हमारी टीम केमिस्ट्री और फिजिक्स लैब में पहुंची तो हमने देखा कि वहां रखे अग्निशमन यंत्र 2015 की तारीख के थे. स्कूल में एक बंद कमरे में ये उपकरण पड़े हुए हैं और वो भी एक्सपायरी. ऐसे में खुद ही सोचिए लैब जहां कभी भी आगजनी जैसी घटना हो सकती है वहां की हालत अगर ये है तो इससे साफ जाहिर होता है कि ये बच्चे मौत के साए में पढ़ रहे हैं.
स्कूलों को नोटिस जारी
निरिक्षण के दौरान हमने स्कूली बच्चों से भी बातचीत करने की कोशिश की लेकिन बच्चे कुछ बोलने को तैयार नहीं थे. हालांकि कुछ बच्चों ने बोला कि दिल्ली में अग्निकांड से डर लगता है अग्नि बुझाने के यंत्र होने चाहिए.
बच्चों ने कहा कि स्कूल प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि जिस तरह आए दिन आग लगने के हादसे सामने आ रहे हैं ऐसे में अगर कभी भी हमारे साथ ऐसा कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. वहीं इस मामले में जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत की तो उनका कहना था कि स्कूलों में लेटर जारी कर दिए गए हैं. लेटर में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्कूल अपने अग्निशमन यंत्र को ठीक करें.