पानीपत: 21वीं सदी में भी हमारा समाज अंधविश्वास के गर्त से बाहर नहीं निकल पाया है. आए दिन अंधविश्वास के नाम पर तमाम घटनाएं सामने आती रहती हैं. कोई तंत्र मंत्र के चक्कर में अपना सब कुछ गंवा देता है तो कोई मूर्ति को दूध पिलाने लगता है. कुछ ऐसा ही नजारा पानीपत के मॉडल टाउन एरिये में दिखाई दे रहा है. यहां हर दूसरे घर के दरवाजे पर नीले रंग से भरी बोतल लटक रही हैं. ये बोतलें किसी खूबसूरती के लिए नहीं रखी है बल्कि कुत्तों से बचने के लिए हैं. लोग मान रहे हैं कि नीले रंग को देखकर कुत्ता नहीं आएगा (Panipat neel Bottle Dogs).
इस बात की पड़ताल के लिए हमारे संवाददाता मॉडल टाउन की गलियों में निकल पड़े और यहां के लोगों से बात की. लोगों से इस बारे में पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि वह पंजाब में अपने रिश्तेदार के यहां गए थे. वहां सभी ने घरों के सामने बोतल में नील भरकर लटकाया हुआ था. जब हमने अपने रिश्तेदार से इस बारे में पूछा तो रिश्तेदार ने जवाब दिया कि इसे घर के बाहर लटकाने से कुत्ते घर के सामने गंदगी नहीं फैलाते और ना ही घर के सामने आते हैं. फिर क्या था शुरू हो गया घर के सामने नील लटकाने का सिलसिला. फिर तो इलाके के लगभग 50% घरों के सामने यह नील की बोतलें लटका दी गई.
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अब बात करते हैं कि क्या वाकई नील की बोतलें टांगने से कुत्ते भाग जाते हैं. वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाय तो कुत्तों में सूंघने और सुनने की क्षमता ज्यादा होती है. जबकि वे कलर ब्लाइंड होते हैं. तो कुत्ते भगाने की बात पर इन नील की बोतलों के नीचे ही कुत्ते तांडव करते नजर आए. तो कुल मिलाकर घर के समाने नीले रंग की बोतलों को टांगना लोगों का भ्रम है.
बता दें कि पानीपत का मॉडल टाउन एरिया शहर में सबसे पढ़े लिखे लोगों का क्षेत्र माना जाता है फिर भी यहां के लोग ऐसी बातों में विश्वास रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि लोग जितना पढ़े लिखे होते हैं उनके अंदर उतना ही अंधविश्वास से दूर होना चाहिए था, लेकिन आज भी कुछ लोग इन सब बातों में विश्वास करते हैं.
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