पानीपत: दिल्ली से लाहौर को जोड़ने वाले देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) की हालत बारिश की वजह से खस्ताहाल (national highway bad condition in panipat) हो चुकी है. पानीपत से करनाल की तरफ जाते वक्त आपको हाईवे के नीचे बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई देंगे. बाबरपुर मंडी पानीपत (panipat babarpur mandi) के सामने तो हाईवे की मिट्टी तक धंस गई है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन अधिकारियों का इस तरफ ध्यान भी नहीं है.
बाबरपुर मंडी के पास हाइवे के साइड में कई जगह मिट्टी धंस (nh44 soil sunk) चुकी है. जिस कारण नेशनल हाइवे टूट गया है. आलम ये है कि सर्विस लेन पर खड़े होकर ऊपर हाइवे की ओर झांकने पर मार्ग में बड़ा होल नजर आता है. हाइवे के होल से सर्विस रोड नजर आता है. ये सब 1 अगस्त से 5 अगस्त तक के बीच हुई बरसात के कारण हुआ है. हालत ये है कि ये नेशनल मार्ग लगातार ढहता जा रहा है. मगर इसकी ओर NHAI फिलहाल कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
इस हाईवे पर चलने के लिए लोग भारी भरकम टोल टैक्स देते हैं. इसके बाद भी हाईवे के रखरखाव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नेशनल हाइवे की मिट्टी धंसने से एक ओर जहां हाइवे के ऊपर ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है. वहीं, साइड से धंसी मिट्टी धीरे-धीरे सर्विस रोड पर पहुंच चुकी है. जिससे वहां फिसलन और जलभराव लगातार बढ़ रहा है. इस कारण सर्विस रोड पर भी हादसे का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. एनएचएआई व हाईवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बरसात में सफर करना सबसे परेशानी भरा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाईवे 44 पर वाहनों का भार लगातार बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यहां से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात समेत अन्य राज्यों के रोजाना लगभग 1.5 लाख वाहन गुजरते हैं. इन वाहनों से टोल टैक्स वसूलने के लिए अकेले हरियाणा राज्य में चार टोल प्लाजा लगाए हुए हैं. मगर सुविधा की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अगर वक्त रहते इस तरफ कोई कदम नहीं उठाया गया तो मिट्टी खिसकने से यहां बड़ा हादसा हो सकता है.