पानीपत: जिले के इसराना खंड में नाबालिग छात्रा द्वारा खुद का बाल विवाह रुकवाने का मामला सामने आया है. बाल विवाह के 23 दिन पहले खुद नाबालिग लड़की ने इस संबंध में प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता को थाने में पहुंचकर शिकायत दी. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए रजनी गुप्ता ने तुरंत नाबालिग लड़की की याचिका कोर्ट में लगाई. कोर्ट ने इस पर कार्रवाई करते हुए लड़की के परिजनों को कड़ी हिदायत देते हुए उसके बालिक होने तक विवाह नहीं करने के आदेश दिए हैं.
प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने बताया कि इसराना के एक गांव की एक नाबालिग लड़की ने पुलिस थाने में आकर बताया कि उसके माता-पिता उसकी जबरन शादी करा रहे हैं. 14 फरवरी को उसका रिश्ता तय किया गया है और अभी वह 17 साल की है और 12वीं कक्षा की छात्रा है. उन्होंने बताया कि उसके माता-पिता इसलिए उसका विवाह करना चाह रहे हैं, क्योंकि उसकी छोटी बहन लव मैरिज करना चाहती है.
बड़ी बहन के होते हुए छोटी बहन शादी ना करें, इसलिए वह उसका विवाह करना चाहते हैं. रजनी गुप्ता ने बताया कि पानीपत में नाबालिग लड़की की शादी कराने का मामला सामने आया है. कोर्ट ने परिजनों को बालिग होने तक लड़की की शादी नहीं करने के आदेश दिए हैं. जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले के सामने आने के बाद लड़की के माता-पिता ने घर पहुंचने पर लड़की से मारपीट की.
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इसके बाद मामा के घर जाकर शादी की तारीख 29 मार्च तय कर दी गई. इस मामले की सूचना फिर से युवती द्वारा रजनी गुप्ता को दी गई. रजनी गुप्ता ने फिर से कोर्ट में याचिका लगाई, जिस पर कोर्ट ने इस बार कड़ा संज्ञान लेते हुए लड़का और लड़की दोनों पक्षों को कोर्ट में बुलाया और कड़ी हिदायत दी कि 18 साल से पहले शादी करना कानूनन जुर्म है.
बालिग होने पर भी लड़की की मर्जी है, वह कहीं भी शादी कर सकती है. अगर ऐसे में नाबालिग लड़की पर शादी का दबाव बनाया गया, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. फिलहाल लड़की के माता-पिता द्वारा कोर्ट में लिखित आश्वासन दिया गया है कि वह अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष की उम्र से पहले नहीं करेंगे. वहीं लड़की को करनाल शेल्टर होम भेज दिया गया है.