पानीपत: अपने लिए तो हर कोई जीता है, जिंदगी जीने का मजा तब है जब इसे दूसरों के लिए जिया जाए. ये लाइनें पानीपत सेक्टर18 में रहने वाली प्रवासी महिला सुधा झा पर सटीक बैठती हैं. बिहार से पानीपत में रहने वाली चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट सुधा झा (child rights activist sudha jha) नाम की महिला जरूरतमंद बच्चों को फ्री शिक्षा देती हैं. सुधा झा बिहार के बेगूसराय जिले की रहने वाली हैं और 2013 में पानीपत में आई थी. सुधा झा के पति एक प्राइवेट कंपनी में सिविल इंजीनियर हैं. सुधा ने पानीपत की दो कॉलोनियों में बाल मजदूरी को लगभग खत्म कर दिया. अब वो पानीपत में बाल मजदूरी खत्म करना चाहती हैं. सुधा अब तक करीब 600 बच्चों को बाल मजदूरी से निकालकर स्कूल में दाखिला करवा चुकी हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में सुधा ने बताया कि वो अपने बच्चों को एक बार स्कूल छोड़ने जा रही थी. जब वो स्कूल से बाहर निकली तो उसकी नजर स्कूल के बाहर बैठे कुछ बच्चों पर पड़ी. जो स्कूल के बाहर बैठकर नशा कर रहे थे. सुधा ने बताया कि उनके मां-बाप मेहनत मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करते हैं. सुधा को ये सब देखा ना गया. उसने स्कूल के बाहर बैठे उन बच्चों से बातचीत की. इसके बाद सुधा ने उन बच्चों को फ्री में शिक्षा देना शुरू कर दिया. यहीं से शुरू हुआ सुधा का नया सफर.
अपने घर पर सुधा दोनों बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी. देखते ही देखते सुधा के पास झुग्गी झोपड़ी से लगभग 50 बच्चे पढ़ने लगे. पहले सुधा ने उन्हें अपने घर पर ही फ्री ट्यूशन दी. फिर उनका सरकारी स्कूल में दाखिला करवा दिया.
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए सुधा ने बाल मजदूरी करने वाले बच्चों की तरफ रुख किया. सुधा जहां कहीं भी मजदूरी करते हुए बच्चों को देखती देखती तो, अपनी टीम के साथ पहुंच जाती. अगर टीम से काम नहीं बनता तो वो प्रशासन की मदद से बच्चों को वहां से मुक्त करवाती है. साल 2016 में सुधा ने इस पहल की शुरुआत की थी. अब तक सुधा लगभग 600 बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलवा चुकी हैं और 2 कॉलोनियों को बाल मजदूरी से मुक्त करवा चुकी हैं. अब सुधा कई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जरूरतमंद बच्चों की मदद करती हैं. ऐसे सामाजिक कार्य के लिए हरियाणा सरकार सुधा को कई बार सम्मानित भी कर चुकी है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा में नई स्टार्टअप पॉलिसी होगी लागू - डिप्टी सीएम
सुधा का कहना है कि पानीपत औद्योगिक क्षेत्र है. यहां पर प्रवासी लोग ज्यादा रहते हैं. बाहर से आए इन लोगों के पास पहले ही आर्थिक तंगी होती है. इस लिए मां-बाप बच्चों को काम पर लगा देते हैं. ऐसे बच्चों को सुधा बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलवा कर अच्छी शिक्षा देने की कोशिश में जुटी हुई है. साथ में सुधा की कोशिश है कि वो पानीपत में बाल मजदूरी को खत्म करना चाहती हैं.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv bharat app