पानीपत: मजदूर संगठन इफ्टू ने उपमंडल परिसर में धरना-प्रदर्शन कर एसडीएम के माध्यम से जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा. इफ्टू का आरोप था कि पावटी गांव में करीब 100 मनरेगा मजदूरों को मजदूरी न देकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है. इस मामले में इफ्टू की ओर से विजिलेंस जांच की मांग की गई है.
इफ्टू के संयोजक पीपी कपूर ने बताया कि बीडीपीओ समालखा की ओर से पावटी गांव में कोरोना काल के दौरान जून और जुलाई के बीच करीब डेढ़ महीने तक मनरेगा योजना के तहत जोहड़ की खुदाई का कार्य करीब 100 मनरेगा मजदूरों से कराया गया. इनमें से अधिकांश महिला मजदूर हैं जो कि दलित और पिछड़े समुदाय से हैं. इन महिला मजदूरों की अनपढ़ता का फायदा उठाकर बीडीपीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने लाखों का फ्रॉड मजदूरी में घपला करके किया है.
ये भी पढ़िए: चरखी दादरी: लांबा गांव में शराब के लिए की गई थी बुजुर्ग दुकानदार की हत्या
पीपी कपूर ने आरोप लगाया कि इन महिला मजदूरों की हाजरी नहीं लगाई गई और बीडीपीओ के कर्मचारियों ने जॉब कार्ड पर अपने परिवार के लोगों का नाम लिखवाकर पैसा अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीडीपीओ कार्यालय के कई अधिकारी इस घोटाले में सीधे तौर पर संलिप्त हैं.