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पानीपत सामान्य अस्पताल के पालने में मिली शराब की खाली बोतलें, लापरवाह प्रशासन - पानीपत सामान्य अस्पताल में पालना

पानीपत सामान्य अस्पताल (Panipat Civil Hospital) के बाहर रखे बच्चों के पालने शराबियों का सामान बन गया है. इस पालने में बच्चों की जगह शराब की बोतल रखी जा रही है. अस्पताल प्रबंधन को इस बात से कोई सरोकार नहीं दिखाई दे रहा है.

Cradle in Panipat General Hospital
पानीपत में पालने में शराब की बोतल
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Published : Mar 10, 2023, 10:09 AM IST

पानीपत: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. सरकारी अस्पताल में रखे बच्चों के पालने में शराब की खाली बोतलें मिली हैं. सरकारी अस्पताल में यह पालना इसलिए रखा गया है ताकि कोई बच्चे को छोड़ना चाहे तो इस पालने में रखकर जा सकता है. यह संदेश इसलिए दिया गया था ताकि नवजात बच्चों को सड़कों पर ना फेंककर इन पालने में छोड़े लेकिन शराबियों ने इसे भी अपना अड्डा बना लिया है.

आजकल यह पालना पानीपत सरकारी अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग के पीछे पड़ा हुआ है. जब कुछ महीने पहले कायाकल्प टीम का सरकारी अस्पताल में दौरा हुआ था तो इस पर पेंट करके इसकी हालत दुरुस्त करके इमरजेंसी वार्ड के गेट पर रख दिया गया था. सामान्य अस्पताल की कायाकल्प टीम को देखकर टीम ने पानीपत के सामान्य अस्पताल को प्रथम स्थान भी दिया था. टीम के जाने के तुरंत बाद ही यह पालना पुरानी बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला. जहां अब शराबी इस पालने में अपने खाने-पीने का साजो सामान रखते हैं.

ये भी पढ़ें- पानीपत में लगातार शहर से मिल रहे हैं नुक्कड़-नालों में नवजात के शव

सराकर की तरफ से ये पालने पानीपत बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पानीपत सामान्य अस्पताल और अनाथालय के बाहर रखे गए हैं. ताकि कोई अपने बच्चे को ना पाल सके और तो पालनों में छोड़कर चला जाए और उसे सड़कों पर ना फेंके. पानीपत में कई बार सड़क पर नवजात बच्चों के मिलने का मामला सामने आ चुका है. इसी को देखते हुए यह पालने रखे गए थे. परंतु यह सिर्फ टीम को दिखाने तक ही सीमित है. टीम के आने से पहले हर चीज की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाता है और टीम के जाने के बाद आप इस पालने को देखकर अंदाजा ही लगा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- पानीपत में बीते 30 महीनों में 2050 नवजात बच्चों की मौत हुई: RTI

पानीपत: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. सरकारी अस्पताल में रखे बच्चों के पालने में शराब की खाली बोतलें मिली हैं. सरकारी अस्पताल में यह पालना इसलिए रखा गया है ताकि कोई बच्चे को छोड़ना चाहे तो इस पालने में रखकर जा सकता है. यह संदेश इसलिए दिया गया था ताकि नवजात बच्चों को सड़कों पर ना फेंककर इन पालने में छोड़े लेकिन शराबियों ने इसे भी अपना अड्डा बना लिया है.

आजकल यह पालना पानीपत सरकारी अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग के पीछे पड़ा हुआ है. जब कुछ महीने पहले कायाकल्प टीम का सरकारी अस्पताल में दौरा हुआ था तो इस पर पेंट करके इसकी हालत दुरुस्त करके इमरजेंसी वार्ड के गेट पर रख दिया गया था. सामान्य अस्पताल की कायाकल्प टीम को देखकर टीम ने पानीपत के सामान्य अस्पताल को प्रथम स्थान भी दिया था. टीम के जाने के तुरंत बाद ही यह पालना पुरानी बिल्डिंग के पीछे पड़ा मिला. जहां अब शराबी इस पालने में अपने खाने-पीने का साजो सामान रखते हैं.

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सराकर की तरफ से ये पालने पानीपत बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पानीपत सामान्य अस्पताल और अनाथालय के बाहर रखे गए हैं. ताकि कोई अपने बच्चे को ना पाल सके और तो पालनों में छोड़कर चला जाए और उसे सड़कों पर ना फेंके. पानीपत में कई बार सड़क पर नवजात बच्चों के मिलने का मामला सामने आ चुका है. इसी को देखते हुए यह पालने रखे गए थे. परंतु यह सिर्फ टीम को दिखाने तक ही सीमित है. टीम के आने से पहले हर चीज की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया जाता है और टीम के जाने के बाद आप इस पालने को देखकर अंदाजा ही लगा सकते हैं.

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