पानीपत: पुलिस द्वारा तैयार की गई सक्रिय दलालों की सूची में दो वकीलों का नाम आने पर वकीलों ने शुक्रवार को (lawyers suspended work) वर्क सस्पेंड किया. वकीलों ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ अपना रोष जताते हुए कहा कि पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी होती है. अधिकारियों ने जिस प्रकार दलालों (Broker in Panipat Police Station) की सूची निकाली है, उसी प्रकार वे अपने विभाग की सूची भी तैयार कराए. उन्होंने आरोप लगाया कि वकीलों (panipat court) का नाम सूची में जोड़कर उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया गया है.
एडोवकेट रत्न सिंह रावल ने कहा कि पुलिस ने दलालों की सूची में 2 वकीलों के नाम गलत दिए हैं. असली दलाल सरेआम दलाली करते हैं, समाजसेवियों को दलाल का नाम देकर पुलिस ने उनकी छवि धूमिल की है. उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में मानहानि का केस करने की चेतावनी दी. वहीं दूसरे वकील इरफान अली ने कहा कि वर्ष 2017 में किला थाने का उद्घाटन किया गया था. उस समय आईजी करनाल सुभाष यादव पानीपत आए थे. उन्हें भी अतिथि के तौर पर बुलाया गया था.
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वह हमेशा सामाजिक कार्य करते आए हैं. जब भी किला थाना इलाके में दो समुदायों के विवाद का कोई प्रकरण सामने आता है तो पुलिस उन्हें थाने बुलाती रही है. उन्होंने कभी किसी के नाम से रुपए नहीं लिए हैं. किसी ने साजिश के तहत उनका नाम सूची में जुड़वाया है, जो गलत है. गौरतलब है कि पानीपत पुलिस ने चौकी-थानों में सक्रिय 63 दलालों की सूची तैयार की है, इस सूची में वकील, होमगार्ड, एसपीओ, पूर्व सरपंच तक शामिल हैं.
एसपी ने कहा कि यह सब पुलिस के नाम पर शिकायतकर्ता से पैसे लेते हैं, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती है. इन दलालों को थाने चौकी में नहीं घुसने दिया जाए. दलालों की इस सूची (Broker in Panipat Police Station) को करनाल IG कार्यालय से लेकर DGP कार्यालय तक भेजा गया है. इससे संबंधित थाना पुलिस प्रभारियों को इन दलालों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. करनाल IG के आदेशों पर दलालों को चिन्हित किया गया है. ये दलाल चौकी और थानों में पूरी तरह अपनी पैठ जमा चुके हैं. अब इन पर पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है.