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पानीपत में एचआईवी के मामलों में बढ़ोतरी, हर महीने 30 मरीज आ रहे सामने, जानिए वजह

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Published : Apr 24, 2023, 5:16 PM IST

Updated : Apr 26, 2023, 3:34 PM IST

हरियाणा के पानीपत में एचआईवी संक्रमण की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. पिछले साल के मुकाबले इस साल के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. वहीं, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोगों में जागरूकता की कमी इसका मुख्य कारण है. (HIV Cases increase in Panipat)

hiv positive in panipat
पानीपत में एचआईवी संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी
एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ललित वर्मा.

पानीपत: भले ही सरकार 2030 तक देश और प्रदेश को टीबी और एचआईवी मुक्त करना चाहती है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. युवा पीढ़ी लगातार नशे की तरफ अग्रसर हो रही है और नशे से उन्हें जागरूकता की कमी के कारण लाइलाज बीमारी एचआईवी अपने कब्जे में ले रही है. दरअसल पानीपत में 2022-23 के वित्तीय वर्ष में एचआईवी के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें अधिकांश मामले 18 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं के हैं.

पानीपत में एक महीने में 30 लोग एचआईवी संक्रमित: बता दें कि 2022-23 में जिले में 354 एचआईवी के नए मरीज सामने आए हैं. यानी औसतन 1 महीने में 30 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. 1 महीने में 30 मरीजों का मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ा ही चिंताजनक है. पिछले वित्तीय वर्ष में जिले में मिलने वाले एचआईवी पॉजिटिव लोगों की संख्या 279 थी और अब यह बढ़कर 354 हो गई है. पॉजिटिव मरीजों में से अगर पुरुषों की बात की जाए तो उनकी संख्या 253 है और महिलाओं की संख्या 77 है. वहीं, अगर गर्भवती महिलाओं की बात की जाए तो जिले में 24 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं.

पानीपत में एचआईवी संक्रमितों में 80 फीसदी युवा: एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ललित वर्मा ने बताया कि हर महीने 30 मरीजों का सामने आना बड़ी बात है. 253 पॉजिटिव पुरुष की संख्या में 80 फीसदी युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है. उन्होंने कहा कि, युवाओं में यह मामले ज्यादा बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि, जब एचआईवी पॉजिटिव युवाओं की हिस्ट्री देखी गई तो अधिकांश हुआ नशे के आदी मिले और उन्हें यह संक्रमण एक ही सुई से नशा लेने पर यह संक्रमण हुआ है. इसके अलावा अगर संक्रमण का दूसरा कारण देखा जाए तो असुरक्षित यौन संबंध दूसरा कारण पाया गया है.

एचआईवी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी: एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ने कहा कि 2022-23 वित्तीय वर्ष में हर सीएससी और एचआईवी सेंटर पर 26,899 लोगों के HIV टेस्ट किया गया. इसमें से 354 लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई है. ललित वर्मा का कहना है कि लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है. लोग टेस्ट करवाने के लिए सामने नहीं आते. लोगों को रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए. एचआईवी का टेस्ट करवाने का हर तरीके से नाम पता गुप्त रखा जाता है. उन्होंने कहा कि एचआईवी को लेकर लोगों को जागरूक होना जरूरी है, तभी इस लाइलाज बीमारी से हम जीत सकते हैं.

ये भी पढ़ें: टैटू बनवाने के हैं शौकीन तो हो जाइए सावधान! हो सकती है लाइलाज बीमारी

एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ललित वर्मा.

पानीपत: भले ही सरकार 2030 तक देश और प्रदेश को टीबी और एचआईवी मुक्त करना चाहती है, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. युवा पीढ़ी लगातार नशे की तरफ अग्रसर हो रही है और नशे से उन्हें जागरूकता की कमी के कारण लाइलाज बीमारी एचआईवी अपने कब्जे में ले रही है. दरअसल पानीपत में 2022-23 के वित्तीय वर्ष में एचआईवी के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें अधिकांश मामले 18 वर्ष से लेकर 35 वर्ष की आयु के बीच के युवाओं के हैं.

पानीपत में एक महीने में 30 लोग एचआईवी संक्रमित: बता दें कि 2022-23 में जिले में 354 एचआईवी के नए मरीज सामने आए हैं. यानी औसतन 1 महीने में 30 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. 1 महीने में 30 मरीजों का मिलना स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ा ही चिंताजनक है. पिछले वित्तीय वर्ष में जिले में मिलने वाले एचआईवी पॉजिटिव लोगों की संख्या 279 थी और अब यह बढ़कर 354 हो गई है. पॉजिटिव मरीजों में से अगर पुरुषों की बात की जाए तो उनकी संख्या 253 है और महिलाओं की संख्या 77 है. वहीं, अगर गर्भवती महिलाओं की बात की जाए तो जिले में 24 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं.

पानीपत में एचआईवी संक्रमितों में 80 फीसदी युवा: एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ललित वर्मा ने बताया कि हर महीने 30 मरीजों का सामने आना बड़ी बात है. 253 पॉजिटिव पुरुष की संख्या में 80 फीसदी युवा हैं, जिनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है. उन्होंने कहा कि, युवाओं में यह मामले ज्यादा बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि, जब एचआईवी पॉजिटिव युवाओं की हिस्ट्री देखी गई तो अधिकांश हुआ नशे के आदी मिले और उन्हें यह संक्रमण एक ही सुई से नशा लेने पर यह संक्रमण हुआ है. इसके अलावा अगर संक्रमण का दूसरा कारण देखा जाए तो असुरक्षित यौन संबंध दूसरा कारण पाया गया है.

एचआईवी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी: एचआईवी विंग के नोडल ऑफिसर ने कहा कि 2022-23 वित्तीय वर्ष में हर सीएससी और एचआईवी सेंटर पर 26,899 लोगों के HIV टेस्ट किया गया. इसमें से 354 लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आई है. ललित वर्मा का कहना है कि लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है. लोग टेस्ट करवाने के लिए सामने नहीं आते. लोगों को रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए. एचआईवी का टेस्ट करवाने का हर तरीके से नाम पता गुप्त रखा जाता है. उन्होंने कहा कि एचआईवी को लेकर लोगों को जागरूक होना जरूरी है, तभी इस लाइलाज बीमारी से हम जीत सकते हैं.

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Last Updated : Apr 26, 2023, 3:34 PM IST
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