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कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री है हरियाणा का ये गांव, 6 खिलाड़ी दिखाएंगे प्रो कबड्डी लीग में दमखम, रोजाना 200 खिलाड़ी करते हैं प्रैक्टिस

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 19, 2023, 9:14 PM IST

Pro Kabaddi League 2023: 2 दिसंबर से प्रो कबड्डी लीग के सीजन 10 की शुरुआत होने जा रही है. हरियाणा जिले के बुडशाम गांव से 6 खिलाड़ी इस लीग में हिस्सा ले रहे हैं. हरियाणा का ये गांव कबड्डी के खिलाड़ियों की खान माना जाता है.

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कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री है हरियाणा का ये गांव

पानीपत: जब भी खेल और खिलाड़ियों की बात होती है, तो हरियाणा का नाम सबसे ऊपर आता है. हरियाणा के युवाओं में खेलों को लेकर खासा जुनून भी है. आज हम हरियाणा के ऐसे गांव की बात कर रहे हैं. जिस गांव में बच्चे से लेकर बड़ों तक कबड्डी का जुनून इस कदर सवार है कि युवा किसी दूसरे खेल की ओर रुख भी नहीं करते. हम बात कर रहे हैं पानीपत से 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुडशाम की.

यहां के ज्यादातर युवा और बच्चे कबड्डी में रुचि रखते हैं. इस गांव को खिलाड़ियों के गांव के नाम से भी जाना जाता है. पहले गांव के ही पूर्व प्लेयर छोटे बच्चों को कबड्डी के गुरु सीखते थे. इसके बाद खिलाड़ियों की अच्छी परफॉर्मेंस और ग्रामीणों की मांग को देखते हुए सरकार ने यहां कबड्डी के दो मैदान बनवा दिए. इसके अलावा बच्चों की ट्रेनिंग के लिए दो कोच नियुक्त किए. आसपास के गांव के बच्चे भी इन नर्सरियों में ट्रेनिंग के लिए आते हैं.

pro kabaddi league 2023
इस गांव में रोजाना 200 खिलाड़ी पैक्टिस करते हैं.

1987 में रखी गई थी नींव: ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में युवाओं ने साल 1987 में कबड्डी खेल खेलना शुरू किया था. उस वक्त युवाओं में कबड्डी का जुनून इस कदर था कि उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीती. कुछ खिलाड़ी तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले. जिसकी बदौलत उन खिलाड़ियों में से कुछ ने सरकारी नौकरी भी हासिल की. इसके बाद से गांव में कबड्डी का चलन शुरू हो गया. साल 1987 से अब तक यहां के युवा यही खेल खेलते आ रहे हैं.

अकेले बुड़शाम गांव से 100 से 150 युवा सरकारी नौकरियों पर आसीन हैं. यहां रोजाना दिनभर (सुबह और शाम) में यहां 150 से 200 बच्चे कबड्डी की प्रैक्टिस करते हैं. हाल ही में संपन्न हुए एशियन गेम्स में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. भारतीय महिला टीम की कप्तान रितु गुलिया भी इसी गांव की बहू हैं. रितु गलिया के पति रोहित गुलिया भी रेलवे में कबड्डी के बदौलत नौकरी पर हैं.

प्रो कबड्डी में दम दिखाने को तैयार: 2 दिसंबर से प्रो कबड्डी लीग के सीजन 10 की शुरुआत होने जा रही है. इस लीग में गांव के 6 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. कबड्डी खिलाड़ी रोहित गुलिया को इस बार गुजरात जॉइंट्स ने 55 लाख रुपये में खरीदा है. इसके अलावा कबड्डी प्लेयर सोमवीर गुलिया को भी गुजरात जॉइंट्स ने 23 लाख रुपये में खरीदा है. एयरफोर्स में कार्यरत सौरव को गुजरात जॉइंट्स ने 13 लाख रुपये में खरीदा है.

इनके अलावा रेलवे में कार्यरत कबड्डी प्लेयर मोनू सिंधु बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेलते नजर आएंगे. बेंगलुरु बुल्स ने मोनू को 24 लाख रुपये खरीदा है. वहीं कबड्डी खिलाड़ी प्रतीक गुलिया भी बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेलेंगे. प्रतीक गुलिया का ये पहला प्रो कबड्डी लीग है. इसके अलावा कबड्डी खिलाड़ी साहिल गुलिया तमिल थलाइवाज की तरफ से एक डिफेंडर के तौर पर अपना जौहर दिखाएंगे. तमिल थलाइवाज ने साहिल गुलिया को 50 लाख रुपये में खरीदा है. इससे पहले इस गांव के 19 खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में दमखम दिखा चुके हैं.

गांव में कबड्डी के 2 मैदान: बुड़शाम गांव पानीपत में कबड्डी के दो मैदान हैं. जहां रोजाना लगभग 200 बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. दोनों जगह पर 2 कोच नियुक्त किए गए हैं. जो फ्री सेवाएं देकर बच्चों को ट्रेंड करते हैं. कोचों का कहना है कि वो सिर्फ बच्चों के भविष्य के लिए ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वो नौकरी पर नहीं लग पाए, इसलिए खेलों की बदौलत बच्चों को अच्छे मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें- कोहली ने रचा एक और विराट कीर्तिमान, वनडे विश्व कप के इतिहास में ऐसा करने वाले बने पहले बल्लेबाज

कबड्डी खिलाड़ियों की फैक्ट्री है हरियाणा का ये गांव

पानीपत: जब भी खेल और खिलाड़ियों की बात होती है, तो हरियाणा का नाम सबसे ऊपर आता है. हरियाणा के युवाओं में खेलों को लेकर खासा जुनून भी है. आज हम हरियाणा के ऐसे गांव की बात कर रहे हैं. जिस गांव में बच्चे से लेकर बड़ों तक कबड्डी का जुनून इस कदर सवार है कि युवा किसी दूसरे खेल की ओर रुख भी नहीं करते. हम बात कर रहे हैं पानीपत से 20 किलोमीटर दूर स्थित गांव बुडशाम की.

यहां के ज्यादातर युवा और बच्चे कबड्डी में रुचि रखते हैं. इस गांव को खिलाड़ियों के गांव के नाम से भी जाना जाता है. पहले गांव के ही पूर्व प्लेयर छोटे बच्चों को कबड्डी के गुरु सीखते थे. इसके बाद खिलाड़ियों की अच्छी परफॉर्मेंस और ग्रामीणों की मांग को देखते हुए सरकार ने यहां कबड्डी के दो मैदान बनवा दिए. इसके अलावा बच्चों की ट्रेनिंग के लिए दो कोच नियुक्त किए. आसपास के गांव के बच्चे भी इन नर्सरियों में ट्रेनिंग के लिए आते हैं.

pro kabaddi league 2023
इस गांव में रोजाना 200 खिलाड़ी पैक्टिस करते हैं.

1987 में रखी गई थी नींव: ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में युवाओं ने साल 1987 में कबड्डी खेल खेलना शुरू किया था. उस वक्त युवाओं में कबड्डी का जुनून इस कदर था कि उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीती. कुछ खिलाड़ी तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेले. जिसकी बदौलत उन खिलाड़ियों में से कुछ ने सरकारी नौकरी भी हासिल की. इसके बाद से गांव में कबड्डी का चलन शुरू हो गया. साल 1987 से अब तक यहां के युवा यही खेल खेलते आ रहे हैं.

अकेले बुड़शाम गांव से 100 से 150 युवा सरकारी नौकरियों पर आसीन हैं. यहां रोजाना दिनभर (सुबह और शाम) में यहां 150 से 200 बच्चे कबड्डी की प्रैक्टिस करते हैं. हाल ही में संपन्न हुए एशियन गेम्स में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. भारतीय महिला टीम की कप्तान रितु गुलिया भी इसी गांव की बहू हैं. रितु गलिया के पति रोहित गुलिया भी रेलवे में कबड्डी के बदौलत नौकरी पर हैं.

प्रो कबड्डी में दम दिखाने को तैयार: 2 दिसंबर से प्रो कबड्डी लीग के सीजन 10 की शुरुआत होने जा रही है. इस लीग में गांव के 6 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. कबड्डी खिलाड़ी रोहित गुलिया को इस बार गुजरात जॉइंट्स ने 55 लाख रुपये में खरीदा है. इसके अलावा कबड्डी प्लेयर सोमवीर गुलिया को भी गुजरात जॉइंट्स ने 23 लाख रुपये में खरीदा है. एयरफोर्स में कार्यरत सौरव को गुजरात जॉइंट्स ने 13 लाख रुपये में खरीदा है.

इनके अलावा रेलवे में कार्यरत कबड्डी प्लेयर मोनू सिंधु बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेलते नजर आएंगे. बेंगलुरु बुल्स ने मोनू को 24 लाख रुपये खरीदा है. वहीं कबड्डी खिलाड़ी प्रतीक गुलिया भी बेंगलुरु बुल्स की तरफ से खेलेंगे. प्रतीक गुलिया का ये पहला प्रो कबड्डी लीग है. इसके अलावा कबड्डी खिलाड़ी साहिल गुलिया तमिल थलाइवाज की तरफ से एक डिफेंडर के तौर पर अपना जौहर दिखाएंगे. तमिल थलाइवाज ने साहिल गुलिया को 50 लाख रुपये में खरीदा है. इससे पहले इस गांव के 19 खिलाड़ी प्रो कबड्डी लीग में दमखम दिखा चुके हैं.

गांव में कबड्डी के 2 मैदान: बुड़शाम गांव पानीपत में कबड्डी के दो मैदान हैं. जहां रोजाना लगभग 200 बच्चे प्रैक्टिस करते हैं. दोनों जगह पर 2 कोच नियुक्त किए गए हैं. जो फ्री सेवाएं देकर बच्चों को ट्रेंड करते हैं. कोचों का कहना है कि वो सिर्फ बच्चों के भविष्य के लिए ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वो नौकरी पर नहीं लग पाए, इसलिए खेलों की बदौलत बच्चों को अच्छे मुकाम पर पहुंचाना चाहते हैं.

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