ETV Bharat / state

Flood In Panipat: यमुना की बाढ़ से भारी नुकसान, कई गांव का संपर्क टूटा, राहत बचाव कार्य नहीं हो पाया शुरू

author img

By

Published : Jul 13, 2023, 7:05 PM IST

पानीपत में यमुना का पानी तबाही मचाने लगा है. सब कुछ जलमग्न हो चुका है. चारों ओर तबाही का मंजर और पानी ही पानी नजर आ रहा है. यहां पर हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है. गांव शहर सब कुछ डूब चुका है. चिंता की बात ये है कि यहां पर अभी तक राहत बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

Flood In Panipat
पानीपत में यमुना का पानी
पानीपत में यमुना के जलस्तर से हाहाकार

पानीपत: यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी के पानी ने चारों ओर तबाही ला कर रख दी है. जहां तक नजर वहां तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. यमुनानगर करनाल और पानीपत तबाही मचाने के बाद यमुना नदी का पानी अब दिल्ली में भी प्रवेश कर चुका है. हरियाणा में तबाही मचाने के बाद अब यमुना नदी के पानी ने दिल्ली में हाहाकार मचा दी है.

ये भी पढ़ें: पानीपत के सनौली ब्लॉक में पहुंची आर्मी की गाड़ी यमुना में गिरी, बाल बाल बचे आर्मी के जवान

पानीपत में फिलहाल यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान पर बह रही है. यमुना नदी के तलहटी के क्षेत्रों में हजारों एकड़ फसलें तबाह हो चुकी है. सड़कें और खेत सब बराबर दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं कहीं गांव से संपर्क टूट चुका है. जल प्रलय से अभी तक कोई भी राहत नहीं मिली है और ना ही किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू किया गया है. क्योंकि जलस्तर अभी तक कम नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि प्रशासन जल्दी गांवों की सुध लें. कुछ ऐसे गांव हैं, जहां तक प्रशासन अभी तक पहुंच नहीं पाया है और न ही उन तक कोई राहत सामग्री पहुंची है. अब लोग खुद ही सुरक्षित स्थानों की और पलायन करने लगे हैं.

Flood In Panipat
पानीपत में भारी नुकसान

यमुना नदी में सबसे ज्यादा पानी 1977 में आया था. जिसने यमुना तलहटी के क्षेत्रों में तबाही मचा दी थी. उसके बाद 2013 में आई जल प्रलय ने 1977 का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. अब 47 साल बाद सबसे ज्यादा पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है. जिसने आसपास के सभी क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है. प्रभावित इलाकों में अभी तक कोई भी राहत नहीं मिल पाई है.

ये भी पढ़ें: 1978 के बाद कुदरत ने दोहराया इतिहास, करनाल में यमुना ने मचाई तबाही, गांव-शहर सब जलमग्न

सनौली ब्लॉक के नवादा आर, नवादा पार पत्थर गढ़, सनौली खुर्द,गोयला,जलालपुर, झांबा, दर्जनों गांव यमुना नदी के पानी की चपेट में है. पानी का बहाव तेज होने के कारण कई जगह सड़कों का कटाव हो चुका है. राहत कार्य के लिए पहुंची आर्मी टीम की गाड़ी बुधवार को सड़क कटाव के कारण पानी में गिर गई थी. गनीमत रही की सभी जवान शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकल आए.

Flood In Panipat
पानीपत में चारों ओर पानी ही पानी

हालांकि बीते बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और उसके बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सनौली क्षेत्र में पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि सरकार के पास जल प्रलय का कोई समाधान नहीं है. सिर्फ आप लोग दुआ कीजिए कि पानी कम हो जाए और राहत कार्य शुरू किया जाए. आपको बता दें कि एनडीआरएफ की टीम और आर्मी ने भी क्षेत्र में मोर्चा संभाला हुआ है. लेकिन, सिर्फ एक ही बात का इंतजार है कि पानी कम हो और वह राहत कार्य में जुट सके.

ये भी पढ़ें: Heavy Rain in Haryana: हरियाणा में अब तक 16 लोगों की मौत, 749 गांव बाढ़ से प्रभावित, 2.22 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न

पानीपत में यमुना के जलस्तर से हाहाकार

पानीपत: यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी के पानी ने चारों ओर तबाही ला कर रख दी है. जहां तक नजर वहां तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. यमुनानगर करनाल और पानीपत तबाही मचाने के बाद यमुना नदी का पानी अब दिल्ली में भी प्रवेश कर चुका है. हरियाणा में तबाही मचाने के बाद अब यमुना नदी के पानी ने दिल्ली में हाहाकार मचा दी है.

ये भी पढ़ें: पानीपत के सनौली ब्लॉक में पहुंची आर्मी की गाड़ी यमुना में गिरी, बाल बाल बचे आर्मी के जवान

पानीपत में फिलहाल यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान पर बह रही है. यमुना नदी के तलहटी के क्षेत्रों में हजारों एकड़ फसलें तबाह हो चुकी है. सड़कें और खेत सब बराबर दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं कहीं गांव से संपर्क टूट चुका है. जल प्रलय से अभी तक कोई भी राहत नहीं मिली है और ना ही किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू किया गया है. क्योंकि जलस्तर अभी तक कम नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि प्रशासन जल्दी गांवों की सुध लें. कुछ ऐसे गांव हैं, जहां तक प्रशासन अभी तक पहुंच नहीं पाया है और न ही उन तक कोई राहत सामग्री पहुंची है. अब लोग खुद ही सुरक्षित स्थानों की और पलायन करने लगे हैं.

Flood In Panipat
पानीपत में भारी नुकसान

यमुना नदी में सबसे ज्यादा पानी 1977 में आया था. जिसने यमुना तलहटी के क्षेत्रों में तबाही मचा दी थी. उसके बाद 2013 में आई जल प्रलय ने 1977 का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. अब 47 साल बाद सबसे ज्यादा पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है. जिसने आसपास के सभी क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है. प्रभावित इलाकों में अभी तक कोई भी राहत नहीं मिल पाई है.

ये भी पढ़ें: 1978 के बाद कुदरत ने दोहराया इतिहास, करनाल में यमुना ने मचाई तबाही, गांव-शहर सब जलमग्न

सनौली ब्लॉक के नवादा आर, नवादा पार पत्थर गढ़, सनौली खुर्द,गोयला,जलालपुर, झांबा, दर्जनों गांव यमुना नदी के पानी की चपेट में है. पानी का बहाव तेज होने के कारण कई जगह सड़कों का कटाव हो चुका है. राहत कार्य के लिए पहुंची आर्मी टीम की गाड़ी बुधवार को सड़क कटाव के कारण पानी में गिर गई थी. गनीमत रही की सभी जवान शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकल आए.

Flood In Panipat
पानीपत में चारों ओर पानी ही पानी

हालांकि बीते बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और उसके बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सनौली क्षेत्र में पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि सरकार के पास जल प्रलय का कोई समाधान नहीं है. सिर्फ आप लोग दुआ कीजिए कि पानी कम हो जाए और राहत कार्य शुरू किया जाए. आपको बता दें कि एनडीआरएफ की टीम और आर्मी ने भी क्षेत्र में मोर्चा संभाला हुआ है. लेकिन, सिर्फ एक ही बात का इंतजार है कि पानी कम हो और वह राहत कार्य में जुट सके.

ये भी पढ़ें: Heavy Rain in Haryana: हरियाणा में अब तक 16 लोगों की मौत, 749 गांव बाढ़ से प्रभावित, 2.22 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.