पानीपत: एक ओर जहां किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं तो वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन का असर अब दूसरे किसानों पर ही पड़ना शुरू हो गया है. दरअसल, पानीपत से भारी मात्रा में सब्जियां दिल्ली जाती थी. दिल्ली जाने की वजह से पानीपत के किसानों की सब्जी की खपत और डिमांड ज्यादा थी, जिसके चलते किसानों को सब्जियों के अच्छे भाव मिल रहे थे लेकिन जैसे ही किसानों ने बॉर्डर सील किया तो किसानों की सब्जियां पानीपत में ही फंस कर रह गई.
अब पूरे जिले की सब्जियां दिल्ली जाने की बजाए सिर्फ पानीपत की सब्जी मंडी में ही आ रही हैं. जिसकी खपत कम होने के चलते कोई खरीदार ही नहीं मिल पा रहा है और आलम ये हो चुका है कि जो सब्जी 20 रुपये किलो बिक रही थी, आज वही सब्जी 4 से 5 रुपये किलो लेने वाला कोई नहीं मिल पा रहा है.
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ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एक किसान ने बताया कि वो पानीपत सब्जी मंडी 900 रुपये का टेंपो करके आया था, लेकिन सब्जी कुल 600 रुपये की ही बिकी. उसने ये भी कहा कि सब्जी दिल्ली नहीं ले जा पा रहे हैं. जिस वजह से उसे भारी नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि एक ओर जहां दिल्ली में सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं तो वही पानीपत की सब्जी मंडी में सब्जियां काफी सस्ती हो गई हैं.