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महिला कानून का दुरुपयोग! महिलाएं रंजिश के चलते दर्ज करा रही केस, 7 वर्षों में रेप के 50 प्रतिशत मामले कैंसिल - पानीपत ताजा समाचार

पानीपत पुलिस से आरटीआई से मिली जानकारी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है, जिसमें दुष्कर्म जैसी गंभीर धाराओं में दर्ज हुए मामलों में 60 प्रतिशत कैंसिल हो गए. पुलिस रिकार्ड के अनुसार महिलाएं रंजिश के चलते (False rape case in Panipat) केस दर्ज करा रही हैं.

False rape case in Panipat Rape in panipat police investigation RTI details of rape cases in Panipat
पानीपत में महिला कानून का दुरुपयोग! महिलाएं रंजिश के चलते गंभीर धाराओं में दर्ज करा रही केस, पिछले 7 वर्षों में दुष्कर्म के 50 प्रतिशत मामले हुए कैंसिल
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Published : Dec 17, 2022, 4:19 PM IST

नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्य ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर अपने परिजनों को रंजिश के तहत झूठा फंसा रही है.

पानीपत : महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने को लेकर बनाए गए कानूनों का कुछ महिलाएं दुरुपयोग कर रही हैं. महिलाएं छोटी-मोटी कहासुनी होने पर भी दुष्कर्म ( Rape in panipat) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर लोगों को फंसा रही हैं. यही कारण है कि दुष्कर्म के झूठे मामलों में पिछले 7 वर्षों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 7 वर्षों के आंकड़ों की बात करें तो 50% रेप के मामले कैंसिल हो गए हैं. यह आंकड़े एनजीओ ने आरटीआई (RTI details of rape cases in Panipat) के जरिए पुलिस विभाग (panipat police investigation) से लिए हैं. नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्षता सविता आर्य ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि झूठे मामलों की बढ़ती संख्या से महिलाओं को ही नुकसान हो रहा है.

नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्य ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से दुष्कर्म पीड़ित महिला और बच्चों के लिए सामाजिक कार्य कर रही हैं. पिछले कई वर्षों के दौरान उन्हें अनुभव हुआ कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर अपने परिजनों को रंजिश के तहत झूठा फंसा रही है. उन्होंने बताया कि उनके पास कई बार ऐसे पुरुषों के फोन भी आते हैं, जो स्वयं बताते हैं कि महिला कानूनों का दुरुपयोग कर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही हैं.

False rape case in Panipat Rape in panipat police investigation RTI details of rape cases in Panipat
पानीपत में पिछले 7 वर्षों में दुष्कर्म के 50 प्रतिशत मामले हुए कैंसिल

पढ़ें: हिसार में 7 सरपंचों के फर्जी दस्तावेजों की शिकायत पहुंची पंचायत कार्यालय, जांच शुरु

आरटीआई में हुआ यह खुलासा: एनजीओ ने आरटीआई से ली जानकारी की बात करें तो 2016 में दर्ज हुआ दुष्कर्म का हर चौथा मामला झूठा पाया गया है. 2016 में दुष्कर्म के कुल 57 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 23 कैंसिल और 34 कोर्ट में विचाराधीन हैं. 2017 में 70 केस दर्ज किए गए, जिनमें से 25 कैंसिल हो गए वहीं 45 केस अभी कोर्ट में विचाराधीन हैं. 2018 में 94 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 40 कैंसिल हो गए वहीं 52 कोर्ट में विचाराधीन है. 2019 में 100 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 38 को कैंसिल किया गया और 62 कोर्ट में विचाराधीन है. 2020 में 87 केस दर्ज हुए 32 कैंसिल और 35 कोर्ट में विचाराधीन है. इसी तरह 2021 में दुष्कर्म के 127 केस दर्ज हुए, जिनमें से 69 कैंसिल हुए और 56 कोर्ट में विचाराधीन है. इस वर्ष 2022 की बात करें तो अब तक दुष्कर्म के 101 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 58 कैंसिल हो गए हैं वहीं 28 कोर्ट में विचाराधीन है. इनमें से 15 मामलों की पुलिस अभी जांच कर रही है.

पढ़ें: Road Accident in Rewari: ड्यूटी से घर लौट रहे बाइक सवार युवक को कंटेनर ने मारी टक्कर, मौत

बढ़ते झूठे केस बनेंगे महिलाओं के लिए परेशानी: पानीपत पुलिस से जब एनजीओ ने आरटीआई के जरिए दुष्कर्म के मामलों की जानकारी मांगी तो पुलिस से मिले आंकड़े चौंकाने वाले थे. क्योंकि 60% मामले कैंसिल हो गए. ऐसे माहौल में उन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जो असल में दरिंदगी का शिकार हुई हैं.सविता आर्य का कहना है कि मामले झूठे पाए जाने, इन्हें कैंसिल कराने या राजीनामा करने के मामलों में पुलिस को अपनी जांच पूरी करने के बाद ऐसी महिलाओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, जो झूठे मामले दर्ज करवाती हैं.

नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्य ने कहा कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर अपने परिजनों को रंजिश के तहत झूठा फंसा रही है.

पानीपत : महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने को लेकर बनाए गए कानूनों का कुछ महिलाएं दुरुपयोग कर रही हैं. महिलाएं छोटी-मोटी कहासुनी होने पर भी दुष्कर्म ( Rape in panipat) जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर लोगों को फंसा रही हैं. यही कारण है कि दुष्कर्म के झूठे मामलों में पिछले 7 वर्षों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पिछले 7 वर्षों के आंकड़ों की बात करें तो 50% रेप के मामले कैंसिल हो गए हैं. यह आंकड़े एनजीओ ने आरटीआई (RTI details of rape cases in Panipat) के जरिए पुलिस विभाग (panipat police investigation) से लिए हैं. नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्षता सविता आर्य ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि झूठे मामलों की बढ़ती संख्या से महिलाओं को ही नुकसान हो रहा है.

नारी तू नारायणी उत्थान समिति की अध्यक्ष सविता आर्य ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से दुष्कर्म पीड़ित महिला और बच्चों के लिए सामाजिक कार्य कर रही हैं. पिछले कई वर्षों के दौरान उन्हें अनुभव हुआ कि कुछ महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर अपने परिजनों को रंजिश के तहत झूठा फंसा रही है. उन्होंने बताया कि उनके पास कई बार ऐसे पुरुषों के फोन भी आते हैं, जो स्वयं बताते हैं कि महिला कानूनों का दुरुपयोग कर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही हैं.

False rape case in Panipat Rape in panipat police investigation RTI details of rape cases in Panipat
पानीपत में पिछले 7 वर्षों में दुष्कर्म के 50 प्रतिशत मामले हुए कैंसिल

पढ़ें: हिसार में 7 सरपंचों के फर्जी दस्तावेजों की शिकायत पहुंची पंचायत कार्यालय, जांच शुरु

आरटीआई में हुआ यह खुलासा: एनजीओ ने आरटीआई से ली जानकारी की बात करें तो 2016 में दर्ज हुआ दुष्कर्म का हर चौथा मामला झूठा पाया गया है. 2016 में दुष्कर्म के कुल 57 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 23 कैंसिल और 34 कोर्ट में विचाराधीन हैं. 2017 में 70 केस दर्ज किए गए, जिनमें से 25 कैंसिल हो गए वहीं 45 केस अभी कोर्ट में विचाराधीन हैं. 2018 में 94 केस दर्ज हुए थे, जिनमें से 40 कैंसिल हो गए वहीं 52 कोर्ट में विचाराधीन है. 2019 में 100 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 38 को कैंसिल किया गया और 62 कोर्ट में विचाराधीन है. 2020 में 87 केस दर्ज हुए 32 कैंसिल और 35 कोर्ट में विचाराधीन है. इसी तरह 2021 में दुष्कर्म के 127 केस दर्ज हुए, जिनमें से 69 कैंसिल हुए और 56 कोर्ट में विचाराधीन है. इस वर्ष 2022 की बात करें तो अब तक दुष्कर्म के 101 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 58 कैंसिल हो गए हैं वहीं 28 कोर्ट में विचाराधीन है. इनमें से 15 मामलों की पुलिस अभी जांच कर रही है.

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बढ़ते झूठे केस बनेंगे महिलाओं के लिए परेशानी: पानीपत पुलिस से जब एनजीओ ने आरटीआई के जरिए दुष्कर्म के मामलों की जानकारी मांगी तो पुलिस से मिले आंकड़े चौंकाने वाले थे. क्योंकि 60% मामले कैंसिल हो गए. ऐसे माहौल में उन पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जो असल में दरिंदगी का शिकार हुई हैं.सविता आर्य का कहना है कि मामले झूठे पाए जाने, इन्हें कैंसिल कराने या राजीनामा करने के मामलों में पुलिस को अपनी जांच पूरी करने के बाद ऐसी महिलाओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, जो झूठे मामले दर्ज करवाती हैं.

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