पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला जिले में मोरनी हिल्स और आसपास के क्षेत्रों में जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया जाता है. फसल बर्बादी के इस मुद्दे को राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने संसद में उठाया है. उन्होंने किसानों की सुरक्षा और फसल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है.
किसानों का भारी नुकसान: कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मोरनी हिल्स और आसपास के इलाकों में 393 गांवों में रहने वाले हजारों किसानों की फसलों को जंगली जानवर नुकसान पहुंचाते हैं. जिसके चलते किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. सांसद ने फसल सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उन्होंने सरकार से सौर बाड़ (सोलर फेंसिंग), वन्यजीव प्रबंधन योजना और न निगरानी तंत्र को लागू करने की मांग की है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु: किसानों की फसल नीलगाय, हाथी और अन्य जंगली जानवरों द्वारा नष्ट की जाती है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 10 राज्यों में 30-50 फीसदी तक अनाज और बागवानी फसलों को जंगली जानवर नष्ट करते हैं. सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जंगली जानवरों द्वारा फसल नुकसान शामिल करना स्वागत योग्य कदम है, लेकिन राष्ट्रीय रोकथाम की नीति बनाना भी आवश्यक है.
सांसद ने संसद में दिए सुझाव: सांसद ने कहा कि जानवरों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए वन्यजीव प्रबंधन योजना लागू की जानी चाहिए. जंगली जानवरों के लिए जंगलों में वैकल्पिक भोजन और जल स्त्रोत बनाए जाएं, ताकि वे खेतों की ओर न आए, स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के सहयोग से सामुदायिक निगरानी तंत्र विकसित किया जाए.
'मामले में प्राथमिकता जरुरी': सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए यह मुद्दा प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एक ठोस नीति बनाई जाए. जिससे किसानों और वन्य जीवों दोनों के हितों की रक्षा हो सके.
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