पानीपत: शारदीय नवरात्रि की महा अष्टमी के पर्व पर हरियाणा में किन्नर समाज ने मिसाल पेश की है. दरअसल, पानीपत में रहने वाली मुस्लिम किन्नर हाजी साधना ने महा अष्टमी के पर्व पर एक बड़ा पंडाल सजाया था. जहां उन्होंने 121 कन्याओं का एक साथ पूजन किया और उन्हें भोजन खिलाया. उन्होंने कहा कि वह खुद भी मुस्लिम समाज से है, लेकिन वह जाति धर्म के भेदभाव को अभिशाप मानती हैं. ऐसा करने के पीछे बस एक ही मकसद था कि लोगों को बताया जा सके कि त्योहार धर्म के भेद को मिटा देते हैं.
हाजी साधना ने कहा कि अक्सर हम घरों में 7, 9 या 11 कन्याओं को भोजन कराते हैं. लेकिन ये किसी को नहीं पता कि मां दुर्गा किस रूप में विराजमान होकर हमें दर्शन देंगी. इसी के चलते उन्होंने न केवल उनके क्षेत्र की, बल्कि दूर दराज से भी आई कन्याओं को एक सम्मान भोजन करवाया. हाजी साधना का कहना है कि पंडाल में 200 से अधिक कन्याओं ने एक साथ भोजन किया. जिससे उनके मन को बहुत शांति मिली.
हाजी साधना ने कहा कि इस आयोजन से वे देशवासियों को, हरियाणा वासियों को एक संदेश मुख्य तौर पर देना चाहती हैं, कि हर कोई अपने मन में हर तरह का भेदभाव खत्म करें. देश में फैली अशांति दूर हो. देश में सुख-शांति बनी रहे. उन्होंने कहा कि आसमान एक है, धरती एक है तो भगवान भी एक ही है. इसलिए धर्म के नाम पर एक दूसरे को नीचा दिखाना सही नहीं है. सभी को एक साथ मिलजुलकर रहना चाहिए और त्योहार मनाने चाहिए.
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