पानीपत: डाॅक्टराें काे धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन कभी-कभी इनसे भी गलती हाे ही जाती है. ऐसा ही एक मामला पानीपत के प्राइवेट अस्पताल से सामने आया. जिले के बरसत रोड स्थित एंजल केयर अस्पताल पानीपत के डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में पट्टी, स्पंज और बेंडेज छाेड़ (Bandage left in stomach after operation in Panipat) दी थी. दो महीनों तक महिला के पेट में दर्द से राहत नहीं मिली, तब घटना का खुलासा हुआ. डॉक्टर लगातार महिला को गुमराह करते रहे. इससे महिला के पेट में पस बनती रही.
वहीं ऑपरेशन के 45 दिन बाद महिला के ऑपरेशन के टांके फट गए और पेट से रक्त रिसाव के बाद महिला बेहोश हो गई. जिसपर परिजनों ने महिला को जीसी गुप्ता अस्पताल में भर्ती कराया. यहां पर डॉक्टरों की लापरवाही का खुलासा हुआ. साथ ही महिला का दोबारा ऑपरेशन कर पट्टी, स्पंज व बेंडेज निकाली गई. इसके बावजूद अब भी महिला चलने-फिरने में अमर्थ है. परिजनों का आरोप है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी डॉक्टरों ने उनसे माफी नहीं मांगी, बल्कि उन्हें धमकाया गया.
क्या है पूरा मामला: गांव मुनक, करनाल निवासी कोमल पत्नी मोहित ने बताया कि उसकी 12 दिसंबर 2019 को मोहित के साथ शादी हुई थी. 28 सितंबर 2021 को परिजनों ने डिलीवरी के लिए उसे बरसत रोड स्थित एंजल केयर अस्पताल में दाखिल कराया था. यहां ऑपरेशन के बाद उसने बेटी को जन्म दिया. उसका ऑपरेशन अस्पताल की डॉ. अर्चना चौहान व डॉ. वरुण चौहान ने किया था. दोनों ने उसे कहा कि ऑपरेशन सही हुआ है. 30 सितंबर 2021 को उसको अस्पताल से छुट्टी मिल गई. कुछ दिन बाद उसके पेट में दर्द महसूस होने लगा. 9 नवंबर को पति मोहित उसे दोबारा एंजल केयर अस्पताल में लेकर गया. यहां पर डॉक्टरों ने उसे दाखिल कर लिया.
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जहां डॉक्टर साहिल ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखकर स्थिति सामान्य बताई और कहा गया कि ऑपरेशन के कारण पस पड़ गई थी, जिसे निकाल दिया गया है. जिसके बाद 13 नवंबर को उसको दोबारा पेट में दर्द हुआ और अचानक पेट के टांके फट गए और रक्त बहने लगा. जिसके बाद परिजनों ने महिला को सेक्टर 11 स्थित जीसी गुप्ता अस्पताल में भर्ती कराया. यहां डॉ. जीसी गुप्ता व उनकी टीम ने बताया कि उसके पेट में ऑपरेशन के दौरान में डॉक्टर ने पट्टियां, बेंडेज व स्पंज छोड़ दिया है. यहां पर ऑपरेशन के बाद पेट से 250 ग्राम पट्टिया, बेंडेज व स्पंज को निकाला गया.
कमेटी की जांच में ये आया सामने: मामले का खुलासा होने के बाद पूरे मामले की जांच सिविल अस्पताल के पीएमओ को सौंपी गई थी. उन्होंने ये जांच एसएमओ डॉ.श्यामलाल, डॉ. लिपिका बंसल, डॉ. अंजलि बंसल व डॉ. विश्वजीत को दी थी. कमेटी की जांच में ये स्पष्ट हुआ कि कोमल को शल्य चिकित्सा के बाद की जटिलता का सामना करना पड़ा और पेट में छोड़ी गई पट्टी, स्पंज व बेंडेज से संक्रमण हुआ है. कमेटी की रिपोर्ट में डॉक्टर की लापरवाही सिद्ध हुई.
वहीं पूरे मामले की खुलासे के बाद पीड़िता व पीड़िता के परिजन डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए एसपी शशांक कुमार सावन से मिले. जिनके निर्देशों पर अब सिटी थाना पुलिस ने डॉक्टर दंपती पर केस दर्ज कर लिया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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