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हरियाणा में 'चमकी' का खौफ, लीची किसानों को नहीं मिल रहे खरीददार

लीची के चलते चमकी बुखार की अफवाह ने हरियाणा में लीची की बिक्री कम कर दी है. पानीपत में लीची की बिक्री 90% तक कम हो चुकी है.

हरियाणा में 'चमकी का खौफ', पानीपत में 90 % लीची की बिक्री में गिरावट
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Published : Jun 22, 2019, 4:17 PM IST

Updated : Jun 22, 2019, 6:05 PM IST

पानीपत: चमकी बुखार का खौफ हरियाणा में दस्तक दे चुका है. पिछले साल तक जिस लीची की डिमांड हरियाणा में सबसे ऊपर थी, चिमकी बुखार की वजह से उसे खाने वाले लोग कम हो चुके हैं. यही वजह है कि पानीपत में लीची कि डिमांड 90 प्रतिशत तक कम हो चुकी है. आलम ये है कि लीचियां अपने तय रेट से आधे के दाम में भी ग्राहक नहीं ढूंढ पा रही है.

'चमकी' ने कम किया लीची का स्वाद

दुकानदारों की माने तो लीची की घटती डिमांड से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. खुद डॉक्टर भी ये कह चुके हैं कि चमकी बुखार का लीची से कोई लेना देना नहीं है. चमकी बुखार के कारणों का पता लगाया जा रहा है, लेकिन ये भी सच है कि एक चमकी बुखार से जुड़ी एक अफवाह ने इस साल लीची की चमक को कम जरूर कर दिया है.

पानीपत: चमकी बुखार का खौफ हरियाणा में दस्तक दे चुका है. पिछले साल तक जिस लीची की डिमांड हरियाणा में सबसे ऊपर थी, चिमकी बुखार की वजह से उसे खाने वाले लोग कम हो चुके हैं. यही वजह है कि पानीपत में लीची कि डिमांड 90 प्रतिशत तक कम हो चुकी है. आलम ये है कि लीचियां अपने तय रेट से आधे के दाम में भी ग्राहक नहीं ढूंढ पा रही है.

'चमकी' ने कम किया लीची का स्वाद

दुकानदारों की माने तो लीची की घटती डिमांड से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. खुद डॉक्टर भी ये कह चुके हैं कि चमकी बुखार का लीची से कोई लेना देना नहीं है. चमकी बुखार के कारणों का पता लगाया जा रहा है, लेकिन ये भी सच है कि एक चमकी बुखार से जुड़ी एक अफवाह ने इस साल लीची की चमक को कम जरूर कर दिया है.

Intro:एंकर- लीची में चिमकी बुखार की अफवाह ऐसी फैली की पानीपत में लीची का व्यपार पूरी तरह से ठप्प हो गया। लीची के खाने वाले अब पानीपत में लीची से पूरी तरह से परहेज करने लगे है।जिसकी वजह से लीची के थोक विक्रेता से लेकर रेहड़ी फड़ी पर बेचने वाले परेशान हो चुके है। वही लीची की बागबानी करने वाले मालिक भी चमकी बुखार के चलते काफी परेशां है उनका कहना है की लोग लीची कम खरीद रहे है।


Body:वीओ-बिहार के मुज्जपरपुर में चिमकी बुखार से लगातार मौत के बाद हरियाणा में भी डर देखने को मिल रहा है अफवाह फैली थी कि लीची खाने से बच्चे बीमार पड़ रहे है। जिसके चलते अब लीची से लोगो को डर लगने लगा है लीची के विक्रेताओं का कहना है पहले 5 से 6 पेटी लीची एक दिन में बेच देते थे लेकिन अब लीची के खरीदार ढूंढने से भी नही मिल रहे है।जिसके चलते लीची के थोक विक्रेता से लेकर रेहड़ी तक पर बेचने वालेपरेशन है। लीची बिना बिक्री के चलते विक्रेताओं के पास खराब हो रहे है। पिछले एक हफ्ते से लीची की खरीदारी में 90 प्रतिशत की कमी आ चुकी है।
जहा एक और लीची के विक्रेता बिक्री ना होने के कारण परेशान है तो लीची की बागबानी करने वाले किसान भी काफी परेशान है। पिछले 15 दिनों से अफवाह जोरो पर है जिसके चलते लीची के रेट में गिरावट आयी है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। बागबानी के मालिक उमेश ने बताया की पहले लीची की काफी मांग थी उन्हें लीची बेचने के लिए बाजार में नहीं जाना पड़ता था खेत में लीची बिक जाती थी लेकिन अब इसकी मांग कम हो गई है जिसके कारण बागबानी के मालिक दुखी है।

Conclusion:वन टू वन -अनिल कुमार बागबानी मालिक के साथ
बाइट-विपुल लीची विक्रेता
बाइट-रमजानी लीची विक्रेता
बाइट-सजंय लीची विक्रेता
Last Updated : Jun 22, 2019, 6:05 PM IST
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